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तूफान-अंधड़ से प्रभावित हुआ फलों का कारोबार, कुल्लू में बागवानों को हुआ ₹5 करोड़ का नुकसान - Himachal Apple Season - HIMACHAL APPLE SEASON

Apple Plum and pear production affected due to bad weather in Kullu: हिमाचल प्रदेश में फलों के कारोबार पर मौसम की मार पड़ी है. पहले अप्रैल-मई में सूखे के हालात, फिर तूफान और अंधड़ की वजह से फलों की खेती को भारी नुकसान हुआ है. कुल्लू में हजारों बागवानों को करीब 5 करोड़ का नुकसान हुआ है. पढ़िए पूरी खबर...

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 4, 2024, 4:02 PM IST

Updated : Jul 4, 2024, 4:19 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में अप्रैल, मई और जून माह में कई जगहों पर सूखे के हालात बने रहे. जिस कारण फसलों और फलदार पेड़ों को भी नुकसान हुआ है. ऐसे में अब बागवानी विभाग भी सूखे के कारण हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया है. प्रदेश के कुल्लू जिला की अगर बात करे तो अप्रैल और मई माह में यहां फलों का सीजन प्रभावित हुआ है. विभाग के अनुसार बागवानों को तूफान और अंधड़ के कारण 5 करोड़ का नुकसान हुआ है.

फलों का कारोबार को हुआ नुकसान: कुल्लू जिले में अप्रैल-मई में बारिश, ओलावृष्टि और अंधड़ से बागवानी को करीब पांच करोड़ का नुकसान आंका गया है. दो महीने में मौसम के कहर से सेब, नाशपाती और प्लम को ज्यादा नुकसान हुआ है. इसमें सबसे अधिक सेब की फसल को क्षति पहुंची है. बागवानी विभाग कुल्लू ने अप्रैल-मई में बारिश, अंधड़ और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है.

Kullu Fruits Production Affected
कुल्लू में बागवानों को हुआ ₹5 करोड़ का नुकसान (ETV Bharat)

वही, जून माह में भी सूखे जैसे हालत होने से यह नुकसान कई गुना अधिक होने की आशंका है. अब बागवानी विभाग इसकी रिपोर्ट भी तैयार करने में जुटा है. बागवानी विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल में जिले में सेब के करीब 4,000 पेड़ क्षतिग्रस्त हुए हैं. इन दो महीनों में जिला कुल्लू के 4,475 बागवान प्रभावित हुए हैं, जिसमे सबसे अधिक 2,718 सेब उत्पादक शामिल हैं.

इसके अलावा 1,093 प्लम और 664 नाशपाती उत्पादकों को भी नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं, 2 माह में खराब मौसम के कारण जिला कुल्लू में सेब की फसल को करीब 735 हेक्टेयर में नुकसान हुआ है. इसके अलावा नाशपाती की 117 और प्लम की 274 हेक्टेयर में फसल क्षतिग्रस्त हुई है. ओले और अंधड़ से जिले की 39 पंचायतों के बागवान प्रभावित हुए हैं. बागवानों ने कहा कि सरकार को सही आकलन कर प्रभावित बागवानों को उचित मुआवजा देना चाहिए.

अप्रैल और मई में बारिश, अंधड़ और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज दी है. इसमें सेब, प्लम और नाशपाती का करीब पांच करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है. सेब को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है. अप्रैल में अंधड़ और ओलावृष्टि होने से सेब के 4,000 पेड़ों को भी नुकसान हुआ है. जून की रिपोर्ट तैयार की जा रही है:- बीएम चौहान, उपनिदेशक बागवानी विभाग, कुल्लू

ये भी पढ़ें: अब नहीं चलेगी आढ़तियों की मनमानी, मंडियों में पहली बार कंपटीशन में बिकेगा सेब, बाहरी राज्यों से आएंगे खरीददार

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में अप्रैल, मई और जून माह में कई जगहों पर सूखे के हालात बने रहे. जिस कारण फसलों और फलदार पेड़ों को भी नुकसान हुआ है. ऐसे में अब बागवानी विभाग भी सूखे के कारण हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया है. प्रदेश के कुल्लू जिला की अगर बात करे तो अप्रैल और मई माह में यहां फलों का सीजन प्रभावित हुआ है. विभाग के अनुसार बागवानों को तूफान और अंधड़ के कारण 5 करोड़ का नुकसान हुआ है.

फलों का कारोबार को हुआ नुकसान: कुल्लू जिले में अप्रैल-मई में बारिश, ओलावृष्टि और अंधड़ से बागवानी को करीब पांच करोड़ का नुकसान आंका गया है. दो महीने में मौसम के कहर से सेब, नाशपाती और प्लम को ज्यादा नुकसान हुआ है. इसमें सबसे अधिक सेब की फसल को क्षति पहुंची है. बागवानी विभाग कुल्लू ने अप्रैल-मई में बारिश, अंधड़ और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है.

Kullu Fruits Production Affected
कुल्लू में बागवानों को हुआ ₹5 करोड़ का नुकसान (ETV Bharat)

वही, जून माह में भी सूखे जैसे हालत होने से यह नुकसान कई गुना अधिक होने की आशंका है. अब बागवानी विभाग इसकी रिपोर्ट भी तैयार करने में जुटा है. बागवानी विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल में जिले में सेब के करीब 4,000 पेड़ क्षतिग्रस्त हुए हैं. इन दो महीनों में जिला कुल्लू के 4,475 बागवान प्रभावित हुए हैं, जिसमे सबसे अधिक 2,718 सेब उत्पादक शामिल हैं.

इसके अलावा 1,093 प्लम और 664 नाशपाती उत्पादकों को भी नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं, 2 माह में खराब मौसम के कारण जिला कुल्लू में सेब की फसल को करीब 735 हेक्टेयर में नुकसान हुआ है. इसके अलावा नाशपाती की 117 और प्लम की 274 हेक्टेयर में फसल क्षतिग्रस्त हुई है. ओले और अंधड़ से जिले की 39 पंचायतों के बागवान प्रभावित हुए हैं. बागवानों ने कहा कि सरकार को सही आकलन कर प्रभावित बागवानों को उचित मुआवजा देना चाहिए.

अप्रैल और मई में बारिश, अंधड़ और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज दी है. इसमें सेब, प्लम और नाशपाती का करीब पांच करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है. सेब को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है. अप्रैल में अंधड़ और ओलावृष्टि होने से सेब के 4,000 पेड़ों को भी नुकसान हुआ है. जून की रिपोर्ट तैयार की जा रही है:- बीएम चौहान, उपनिदेशक बागवानी विभाग, कुल्लू

ये भी पढ़ें: अब नहीं चलेगी आढ़तियों की मनमानी, मंडियों में पहली बार कंपटीशन में बिकेगा सेब, बाहरी राज्यों से आएंगे खरीददार

Last Updated : Jul 4, 2024, 4:19 PM IST
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