शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करना प्रदेश के हितों के साथ खिलवाड़ बताया है. उन्होंने कहा विकास के मामलों में इस तरह से राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है.
राजनीति से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री प्रदेश के हितों की अनदेखी कर रहे हैं. नीति आयोग की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री ने की जिसमें वित्त मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री शामिल थे.
इस बैठक में जाकर मुख्यमंत्री प्रदेश के हितों के लिए अधिक से अधिक वित्तीय सहायता और परियोजनाओं को दिए जाने के संबंध में केंद्र सरकार के सामने अपनी मांगें रख सकते थे. इस मौके को उन्होंने राजनीति की भेंट चढ़ा दिया.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा मुख्यमंत्री का इस तरह की महत्वपूर्ण मीटिंग का राजनीति से प्रेरित होकर बहिष्कार करना प्रदेश के हित में नहीं है. इस तरह की राजनीति हमेशा प्रदेश के विकास के लिए हानिकारक होती है.
प्रदेश के हितों से समझौता करके राजनीति नहीं की जा सकती है. नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के फैसले की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है. कांग्रेस हाईकमान द्वारा नीति आयोग की बैठक का बॉयकॉट करने का निर्देश निराशाजनक है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस बार के बजट में केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश का विशेष ख्याल रखा है. कनेक्टिविटी को और मजबूत करने के लिए रेलवे, हाईवे और टनल्स के निर्माण को प्रमुखता दी गई है.
इसके लिए 2698 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है. यह राशि यूपीए द्वारा जारी बजट से 25 गुना अधिक है. आपदा से हुए नुकसान के पुनर्निर्माण के लिए बजट में प्रावधान करने और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के चौथे फेज की घोषणा स्वागत योग्य कदम है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा अगर प्रदेश सरकार नीति आयोग की बैठक में हिमाचल के हितों के लिए अपनी मांगें रखते तो उन्हें जरूर माना जाता.