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जगतगुरु कृपालु महाराज की बेटी का शव अंतिम दर्शन के लिए प्रेम मंदिर में पहुंचा, 28 को होगा अंतिम संस्कार

दिल्ली जाते समय यमुना एक्सप्रेसवे पर कैंटर ने कार को मारी थी टक्कर, फ्लाइट पकड़ने के लिए तीनों बहनें जा रही थीं एयरपोर्टर लाया गया

प्रेम मंदिर लाया गया जगतगुरु कृपालु महाराज की बेटी का शव
प्रेम मंदिर लाया गया जगतगुरु कृपालु महाराज की बेटी का शव (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 25, 2024, 7:46 PM IST

मथुरा : मथुरा से दिल्ली जाते समय रविवार की सुबह यमुना एक्सप्रेस-वे पर जगतगुरु कृपालु महाराज की बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. सोमवार को विशाखा त्रिपाठी का शव वृंदावन एंबुलेंस से प्रेम मंदिर लाया गया. तीन दिनों तक अंतिम दर्शन के लिए शव को रखा जाएगा. देश और विदेश से एक लाख से अधिक अनुयायी यहां दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे. वहीं, हादसे में दो बेटी कृष्णा त्रिपाठी और श्यामा त्रिपाठी गंभीर रूप से घायल हो गई हैं.

जानकारी के मुताबिक, सोमवार शाम करीब 4:00 बजे डॉ. विशाखा त्रिपाठी का शव अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली से वृंदावन एंबुलेंस में पहुंचा. मंदिर परिसर के पार्किंग में शव को रखा गया है, जहां देश और विदेश से आ रहे श्रद्धालु अंतिम दर्शन कर सकेंगे. 28 नवंबर को यमुना नदी के किनारे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.


नोएडा में हुआ था सड़क हादसा : रविवार की सुबह वृंदावन से दिल्ली एयरपोर्ट सिंगापुर के लिए जा रहीं जगतगुरु कृपालु महाराज की तीन बेटी कार में सवार होकर जा रही थीं. नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे पर कंटेनर की चपेट में आ जाने की वजह से कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई. कार में सवार जगतगुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी (75) की मौके पर मौत हो गई थी. जबकि बहन डॉक्टर कृष्णा त्रिपाठी और श्यामा त्रिपाठी सहित दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घायलों का इलाज दिल्ली के हॉस्पिटल में कराया जा रहा है.

जगतगुरु के बाद से विशाखा ने संभाली बागडोर : 2013 में जगतगुरु कृपालु महाराज की मृत्यु होने के बाद पूरी बागडोर और वृंदावन में प्रेम मंदिर, बरसाना में कीर्ति महल मंदिर और प्रतापगढ़ के मनगढ़ मंदिर की अध्यक्ष रहीं थीं. 2013 में डॉ. विशाखा त्रिपाठी को मदर टेरेसा उत्कृष्ट पुरस्कार, 2014 में डॉक्टरेट की उपाधि साहित्य में दी गई, 2014 में नेल्सन मंडेला शांति पुरस्कार, 2016 में भारतीय आइकॉन पुरस्कार से नवाजा गया है.

यमुना नदी के किनारे होगा अंतिम संस्कार : विशाखा त्रिपाठी के शव का अंतिम दर्शन होने के बाद 28 नवंबर को वृंदावन यमुना नदी के किनारे अंतिम संस्कार किया जाएगा. कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन तैयारी में जुटा हुआ है, फिलहाल मंदिर परिसर में अंतिम दर्शन के लिए शव को रखा जाएगा. प्रेम मंदिर प्रवक्ता अजय त्रिपाठी ने बताया कि बड़ी दीदी का शव वृंदावन पहुंच चुका है. अंतिम दर्शन के लिए भक्तगण यहां पहुंच रहे हैं. 28 नवंबर को यमुना नदी के किनारे अंतिम संस्कार किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : नोएडा सड़क हादसे में जगतगुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी की मौत, दो बहनें गंभीर रूप से घायल

यह भी पढ़ें : मथुरा में 14 हजार महात्माओं-विधवाओं को मिली सहायता सामग्री, प्रेम मंदिर और कीर्ति मंदिर में कार्यक्रम

मथुरा : मथुरा से दिल्ली जाते समय रविवार की सुबह यमुना एक्सप्रेस-वे पर जगतगुरु कृपालु महाराज की बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. सोमवार को विशाखा त्रिपाठी का शव वृंदावन एंबुलेंस से प्रेम मंदिर लाया गया. तीन दिनों तक अंतिम दर्शन के लिए शव को रखा जाएगा. देश और विदेश से एक लाख से अधिक अनुयायी यहां दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे. वहीं, हादसे में दो बेटी कृष्णा त्रिपाठी और श्यामा त्रिपाठी गंभीर रूप से घायल हो गई हैं.

जानकारी के मुताबिक, सोमवार शाम करीब 4:00 बजे डॉ. विशाखा त्रिपाठी का शव अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली से वृंदावन एंबुलेंस में पहुंचा. मंदिर परिसर के पार्किंग में शव को रखा गया है, जहां देश और विदेश से आ रहे श्रद्धालु अंतिम दर्शन कर सकेंगे. 28 नवंबर को यमुना नदी के किनारे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.


नोएडा में हुआ था सड़क हादसा : रविवार की सुबह वृंदावन से दिल्ली एयरपोर्ट सिंगापुर के लिए जा रहीं जगतगुरु कृपालु महाराज की तीन बेटी कार में सवार होकर जा रही थीं. नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे पर कंटेनर की चपेट में आ जाने की वजह से कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई. कार में सवार जगतगुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी (75) की मौके पर मौत हो गई थी. जबकि बहन डॉक्टर कृष्णा त्रिपाठी और श्यामा त्रिपाठी सहित दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घायलों का इलाज दिल्ली के हॉस्पिटल में कराया जा रहा है.

जगतगुरु के बाद से विशाखा ने संभाली बागडोर : 2013 में जगतगुरु कृपालु महाराज की मृत्यु होने के बाद पूरी बागडोर और वृंदावन में प्रेम मंदिर, बरसाना में कीर्ति महल मंदिर और प्रतापगढ़ के मनगढ़ मंदिर की अध्यक्ष रहीं थीं. 2013 में डॉ. विशाखा त्रिपाठी को मदर टेरेसा उत्कृष्ट पुरस्कार, 2014 में डॉक्टरेट की उपाधि साहित्य में दी गई, 2014 में नेल्सन मंडेला शांति पुरस्कार, 2016 में भारतीय आइकॉन पुरस्कार से नवाजा गया है.

यमुना नदी के किनारे होगा अंतिम संस्कार : विशाखा त्रिपाठी के शव का अंतिम दर्शन होने के बाद 28 नवंबर को वृंदावन यमुना नदी के किनारे अंतिम संस्कार किया जाएगा. कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन तैयारी में जुटा हुआ है, फिलहाल मंदिर परिसर में अंतिम दर्शन के लिए शव को रखा जाएगा. प्रेम मंदिर प्रवक्ता अजय त्रिपाठी ने बताया कि बड़ी दीदी का शव वृंदावन पहुंच चुका है. अंतिम दर्शन के लिए भक्तगण यहां पहुंच रहे हैं. 28 नवंबर को यमुना नदी के किनारे अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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