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तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ दलबदल कानून के तहत याचिका दायर, याचिकाकर्ता जगत सिंह नेगी ने की निष्कासन की मांग - Petition Against Independent MLAs

हिमाचल प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने निर्दलीय विधायक होशियार सिंह, केएल ठाकुर और आशीष शर्मा के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने तीनों विधायकों पर दल बदल कानून में नियमों के तहत पद से निष्कासित करने की मांग की है.

याचिकाकर्ता जगत सिंह नेगी
याचिकाकर्ता जगत सिंह नेगी
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 25, 2024, 2:58 PM IST

Updated : Apr 26, 2024, 9:37 AM IST

जगत सिंह नेगी

शिमला: हिमाचल में तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफा मामले को लेकर अब नया मोड़ आ गया है. प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने तीनों निर्दलीय विधायक देहरा से होशियार सिंह, नालागढ़ से केएल ठाकुर और हमीरपुर से आशीष शर्मा के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर की है. जिसमें तीनों विधायकों पर दल बदल कानून में नियमों के तहत पद से निष्कासित करने की मांग की गई है.

जगत सिंह नेगी ने कहा, "विधानसभा अध्यक्ष ने तीनों विधायकों का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है. इस मामले को लेकर अभी जांच जारी है, लेकिन इस बीच तीनों निर्दलीय विधायकों ने रिजाइन स्वीकार न होने पर भी भाजपा का दामन थाम लिया है, जो दलबदल कानून के दायरे में आता है. ऐसे में दलबदल कानून नियम के अंतर्गत तीनों निर्दलीय विधायकों को पद से निष्कासित करने की मांग की गई है. ये मामला अब विधानसभा अध्यक्ष के पास विचाराधीन है".

'बागी नहीं दागी हैं भाजपा में शामिल कांग्रेस विधायक': जगत सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल में पिछले दिनों विधानसभा बजट सत्र के दौरान भारी उथल पुथल हो गई थी. भाजपा ने एक षड्यंत्र के तहत ईडी और धनबल के प्रयोग से बहुमत वाली कांग्रेस सरकार को गिराने का असफल प्रयास किया था. इसमें 6 कांग्रेस विधायक थे, जो दल बदल कानून और पार्टी विहिप न मानने के कारण विधानसभा सदस्यता से निष्कासित किए गए थे, जो अब बागी नहीं दागी हो गए हैं.

'भाजपा ने निर्दलीय विधायकों को अपने लपेटे में लिया': जगत सिंह नेगी ने कहा कि इसी तरह से भाजपा ने तीन निर्दलीय विधायकों को अपने लपेटे में ले लिया. ऐसे में इलेक्शन में जाने के चक्कर में इन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा का चोला तो पहन लिया, लेकिन विधायकों ने जो उम्मीद पाल रखी थी, उसमें वे सफल नहीं हुए हैं. ये इसलिए कि तीनों निर्दलीय विधायकों ने स्वेच्छा से रिजाइन नहीं किया था.

'जयराम ने निर्दलीय MLA को पकड़कर कराया रिजाइन': उन्होंने कहा कि तीनों निर्दलीय विधायक एक महीने से अधिक समय तक भाजपा के चंगुल में रहे. यही नहीं 27 तारीख को राज्यसभा सीट के लिए हुए मतदान के दिन से ही तीनों निर्दलीय विधायक सीआरपीएफ के पहरे में भी रहे. इस दौरान विधायकों को जगह-जगह घुमाया गया. जिसके बाद विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर निर्दलीय विधायकों को पकड़कर रिजाइन कराने के लिए विधानसभा लाए थे.

'विधायकों के खिलाफ जांच जारी': जगत सिंह नेगी ने कहा कि हमने पहले भी विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर की थी कि तीनों विधायकों ने स्वेच्छा से रिजाइन नहीं दिया है. स्पीकर इस मामले की जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बीच में तीनों निर्दलियों विधायकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी. इस मामले की अब उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है. जिसमें तीनों विधायकों ने जल्द रिजाइन मंजूर करने आग्रह किया है.

'बिना रिजाइन स्वीकार किए भाजपा में हुए शामिल': उन्होंने कहा इस सब के बीच तीनों निर्दलीय विधायक इस्तीफा मंजूर हुए बिना ही भाजपा में शामिल हो गए हैं. उनका कहना है कि जब तक रिजाइन स्वीकार नहीं होता है. तब तक निर्दलीय विधायक किसी भी दल में शामिल नहीं हो सकते हैं. ऐसा करने पर अब निर्दलीय विधायक दल बदल कानून के नियम के दायरे में आ गए हैं. वहीं शिमला शहरी के विधायक हरीश जनारथा ने भी हाई कोर्ट में आज आग्रह पत्र दाखिल किया है. जिसमें उन्होंने गुहार लगाई है कि तीन निर्दलीय विधायकों की सुनवाई के दौरान इनके पक्ष को भी सुना जाए.

ये भी पढ़ें: आज भी जारी रहेगी निर्दलीय विधायकों से जुड़े मामले पर सुनवाई, मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ सुनेगी मामला

जगत सिंह नेगी

शिमला: हिमाचल में तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफा मामले को लेकर अब नया मोड़ आ गया है. प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने तीनों निर्दलीय विधायक देहरा से होशियार सिंह, नालागढ़ से केएल ठाकुर और हमीरपुर से आशीष शर्मा के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर की है. जिसमें तीनों विधायकों पर दल बदल कानून में नियमों के तहत पद से निष्कासित करने की मांग की गई है.

जगत सिंह नेगी ने कहा, "विधानसभा अध्यक्ष ने तीनों विधायकों का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है. इस मामले को लेकर अभी जांच जारी है, लेकिन इस बीच तीनों निर्दलीय विधायकों ने रिजाइन स्वीकार न होने पर भी भाजपा का दामन थाम लिया है, जो दलबदल कानून के दायरे में आता है. ऐसे में दलबदल कानून नियम के अंतर्गत तीनों निर्दलीय विधायकों को पद से निष्कासित करने की मांग की गई है. ये मामला अब विधानसभा अध्यक्ष के पास विचाराधीन है".

'बागी नहीं दागी हैं भाजपा में शामिल कांग्रेस विधायक': जगत सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल में पिछले दिनों विधानसभा बजट सत्र के दौरान भारी उथल पुथल हो गई थी. भाजपा ने एक षड्यंत्र के तहत ईडी और धनबल के प्रयोग से बहुमत वाली कांग्रेस सरकार को गिराने का असफल प्रयास किया था. इसमें 6 कांग्रेस विधायक थे, जो दल बदल कानून और पार्टी विहिप न मानने के कारण विधानसभा सदस्यता से निष्कासित किए गए थे, जो अब बागी नहीं दागी हो गए हैं.

'भाजपा ने निर्दलीय विधायकों को अपने लपेटे में लिया': जगत सिंह नेगी ने कहा कि इसी तरह से भाजपा ने तीन निर्दलीय विधायकों को अपने लपेटे में ले लिया. ऐसे में इलेक्शन में जाने के चक्कर में इन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा का चोला तो पहन लिया, लेकिन विधायकों ने जो उम्मीद पाल रखी थी, उसमें वे सफल नहीं हुए हैं. ये इसलिए कि तीनों निर्दलीय विधायकों ने स्वेच्छा से रिजाइन नहीं किया था.

'जयराम ने निर्दलीय MLA को पकड़कर कराया रिजाइन': उन्होंने कहा कि तीनों निर्दलीय विधायक एक महीने से अधिक समय तक भाजपा के चंगुल में रहे. यही नहीं 27 तारीख को राज्यसभा सीट के लिए हुए मतदान के दिन से ही तीनों निर्दलीय विधायक सीआरपीएफ के पहरे में भी रहे. इस दौरान विधायकों को जगह-जगह घुमाया गया. जिसके बाद विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर निर्दलीय विधायकों को पकड़कर रिजाइन कराने के लिए विधानसभा लाए थे.

'विधायकों के खिलाफ जांच जारी': जगत सिंह नेगी ने कहा कि हमने पहले भी विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर की थी कि तीनों विधायकों ने स्वेच्छा से रिजाइन नहीं दिया है. स्पीकर इस मामले की जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बीच में तीनों निर्दलियों विधायकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी. इस मामले की अब उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है. जिसमें तीनों विधायकों ने जल्द रिजाइन मंजूर करने आग्रह किया है.

'बिना रिजाइन स्वीकार किए भाजपा में हुए शामिल': उन्होंने कहा इस सब के बीच तीनों निर्दलीय विधायक इस्तीफा मंजूर हुए बिना ही भाजपा में शामिल हो गए हैं. उनका कहना है कि जब तक रिजाइन स्वीकार नहीं होता है. तब तक निर्दलीय विधायक किसी भी दल में शामिल नहीं हो सकते हैं. ऐसा करने पर अब निर्दलीय विधायक दल बदल कानून के नियम के दायरे में आ गए हैं. वहीं शिमला शहरी के विधायक हरीश जनारथा ने भी हाई कोर्ट में आज आग्रह पत्र दाखिल किया है. जिसमें उन्होंने गुहार लगाई है कि तीन निर्दलीय विधायकों की सुनवाई के दौरान इनके पक्ष को भी सुना जाए.

ये भी पढ़ें: आज भी जारी रहेगी निर्दलीय विधायकों से जुड़े मामले पर सुनवाई, मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ सुनेगी मामला

Last Updated : Apr 26, 2024, 9:37 AM IST
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