जबलपुर। दिल्ली के राजेंद्र नगर में बेसमेंट में चल रही एक कोचिंग क्लास में पानी भर जाने की वजह से तीन छात्रों की मौत के बाद अब देशभर में बेसमेंट को लेकर प्रशासन सक्रिय हो गया है. बेसमेंट में चल रही गतिविधियों को रोकने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है. जबलपुर में नगर निगम की टीम ने महाकौशल अस्पताल के बेसमेंट में जाकर ताला लगाया. इस अस्पताल के बेसमेंट में वर्न वार्ड चलाया जा रहा था. यहां मरीज को भर्ती किया जाता है और डॉक्टर के चैंबर बनाए गए हैं.
अस्पताल ने नक्शे में बेसमेंट को पार्किंग के लिए दर्शाया
यदि इस अस्पताल में दिल्ली जैसी घटना घट जाए तो लाचार मरीज को निकलने तक की गुंजाइश नहीं मिलेगी. इसलिए नगर निगम की टीम ने बेसमेंट में ताला लगा दिया. जबकि नगर निगम के नक्शे में यह जगह है पार्किंग के लिए छोड़ी गई है. कुछ ऐसा ही हाल नगर निगम की टीम को जबलपुर के आशीष अस्पताल में भी देखने को मिला. यहां बेसमेंट में आधे क्षेत्र में तो पार्किंग है लेकिन बाकी जगह का इस्तेमाल स्टोर के रूप में किया जा रहा है. यहां भी नगर निगम की टीम ने ताला लगा दिया. आशीष अस्पताल भी सड़क पर वाहनों को खड़ा करवाता है और पार्किंग की जगह का इस्तेमाल अपने निजी उपयोग में कर रहा है.
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जबलपुर के जयंती कांप्लेक्स के बेसमेंट में तो पूरा मार्केट सजा
खंडेलवाल फर्नीचर पर भी जबलपुर के नगर निगम की टीम ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की. यहां पर भी बेसमेंट को नक्शे में पार्किंग के लिए दर्शाया गया है और यह पूरी जगह दुकान के रूप में इस्तेमाल की जा रही है. यहां गोदाम बनाया गया है और माल भरा हुआ है. खंडेलवाल फर्नीचर भी अपने ग्राहकों की गाड़ियां सड़क पर खड़ी करवाता है. जबलपुर में सबसे खतरनाक हालात जयंती कांप्लेक्स के हैं. यहां बेसमेंट में पूरा मोबाइल मार्केट चलता है, जिसमें दिनभर सैकड़ों की तादाद में लोग रहते हैं. यदि यहां कोई आपात स्थिति बन जाए तो लोगों का निकल पाना तक मुश्किल हो जाएगा. नगर निगम के बिल्डिंग अधिकारी मनीष तड़के का कहना है "लोग यदि खुद ही बेसमेंट खाली कर देंगे तो ठीक है, नहीं तो नगर निगम को कार्रवाई करनी पड़ेगी."