जोधपुर: राज्य विधानसभा में गुरुवार को पश्चिमी राजस्थान में लगने वाले सोलर प्लांटों के लिए पेड़ काटने खास तौर से खेजड़ी की कटाई का मामला उठा. खाजूवाला विधायक डॉ विश्वनाथ मेघवाल ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि सोलर प्लांट लगने से निश्चत तौर पर उर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को फायदा मिलेगा, लेकिन प्लांट लगाने के लिए हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं. इनमें खेजडी राज्य वृक्ष का भी संरक्षण नहीं हो रहा हैं. इसके लिए पुराना कानून बदला जाए. ट्री प्रोटेक्शन एक्ट लगाया जाए, जिसमें एक लाख रुपए जुर्माने की प्रावधान हो.
विधायक ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय इन प्लांट के लिए पचास से साठ हजार पेड़ काटे गए. इसको लेकर बीकानेर में पर्यावरण प्रेमियों ने लगातार प्रदर्शन भी किया. धरना भी दिया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी अवगत करवाया गया था. भाजपा विधायक ने कहा कि हमारी मांग है कि सोलर प्लांट के लिए ऐसी भूमि का चयन किया जाए, जहां खेजड़ी व अन्य पेड़ बहुत कम हो.
नया कानून बनाएं: विधायक ने कहा कि राज्य में पेड़ काटने पर जुर्माना नहीं है. खेजड़ी काटने पर 100 रुपए का जुर्माना है. सरकार को चाहिए कि प्रदेश में पेड़ों का संरक्षण करने के लिए ट्री प्रोटेक्शन एक्ट लाए. साथ ही पुराने कानून को बदल कर बिना अनुमति के खेजड़ी काटने पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जाए. डॉ मेघवाल ने कहा कि सीएम भजनलाल शर्मा ने एससी एसटी के लोगों को जमीन किराए पर देने के लिए शिथलता दी थी. हमें उम्मीद है कि वे पेड़ संरक्षण के लिए पर्यावरण प्रेमियों की बात पर काम करेंगे.
330 लोगों ने दिया था अपना बलिदान: विधायक ने विधानसभा में कहा कि सन् 1730 में जोधपुर में पेड़ों को बचाने के लिए अमृता देवी विश्नोई सहित 330 महिला व पुरषों ने खेजडली में अपना बलिदान दिया था. हमारा राज्य पर्यावरण की सुरक्षा करने वाला प्रदेश है. हमें इसको लेकर सजग रहना होगा. ज्ञात रहे खेजड़ी की कटाई को लेकर जोधपुर व बीकानेर जिले में पिछले दिनों लगातार प्रदर्शन हुए थे. इसमें सोलर प्लांट के लिए बंजर भूमि देने की मांग सरकार से की गई. जिन खेतों में पेड़ लगे हैं, उनको संरक्षित किए बगैर अनुमति देने का विरोध हुआ था.