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लगातार धंस रहा सराहन मंदिर का एक हिस्सा, IIT मंडी की टीम करेगी अध्ययन, मंत्री विक्रमादित्य ने की बैठक

भीमा काली मंदिर सराहन का एक हिस्सा लगातार धंस रहा है. इसको लेकर मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बैठक की. आईआईटी मंडी मंदिर का अध्ययन करेगा.

कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने की बैठक
कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने की बैठक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 10, 2024, 7:06 PM IST

रामपुर बुशहर: शिमला जिले के रामपुर स्थित श्री भीमा काली मंदिर सराहन का एक हिस्सा लगातार धंस रहा है. ऐसे में मंदिर के धंसने के कारणों का आईआईटी मंडी की टीम पता लगाएगी. आईआईटी मंडी की टीम सराहन मंदिर का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करेगी. इसको लेकर सर्किट हाउस रामपुर में लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंदिर न्यास समिति के साथ बैठक की.

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "मंदिर की वेबसाइट को अपडेट रखा जाए और इसमें न्यास की हर गतिविधि के बारे में जानकारी समय-समय पर साझा की जाए. न्यास के कई प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है. न्यास एक अत्याधुनिक एंबुलेंस की सुविधा भी शुरू करेगी. बैठक में एंबुलेंस खरीदने की अनुमति भी प्रदान की गई है. बैठक के दौरान ही आईआईटी मंडी के विशेषज्ञ से फोन पर बात हुई है, जिसमें मंदिर के एक हिस्से के धंसने को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने की बात कही".

विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "न्यास का संयुक्त बोर्ड प्रमुख स्थानों पर लगेगा, जिसमें अधीन आने वाले मंदिरों के बारे में संक्षिप्त जानकारी होगी. बैठक में फैसला लिया कि श्री हाटकोटी मंदिर में सोलर सिस्टम प्लांट लगाया जाएगा. ताकि सर्दियों में गर्म पानी की उपलब्धता श्रद्धालुओं के लिए हो सके".

छात्रवृति फंड देगा सराहन मंदिर: सराहन मंदिर न्यास क्षेत्र के होनहार बच्चों की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान करता है. ऐसे में अब न्यास ने फैसला लिया है कि छात्रवृत्ति के नाम से अलग से फंड का प्रावधान किया जाएगा. ताकि जरूरतमंद छात्रों की पढ़ाई निरंतर जारी रखने में मंदिर न्यास अग्रणी भूमिका निभाए.

IIT मंडी करेगा मंदिर भवन का अध्ययन: मंदिर भवन के एक हिस्से में हो रहे झुकाव को लेकर आईआईटी मंडी की टीम के माध्यम से स्टडी रिपोर्ट तैयार करवाई जाएगी. बैठक में फैसला लिया गया कि पिछले कई सालों से मंदिर का एक हिस्सा लगातार धंस रहा है. ऐसे में नया निर्माण कार्य या मरम्मत कार्य तभी करवाया जा सकता है, जब इसके बारे में विशेषज्ञों की रिपोर्ट हो. लोक निर्माण मंत्री ने अधिशाषी अभियंता पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए कि आईआईटी मंडी से पत्राचार करके शीघ्र मामले में रिपोर्ट तैयार कराई जाए. न्यास के अधीन नर सिंह परिसर रामपुर, श्री रघुनाथ बड़ा अखाड़ा मंदिर परिसर, विश्राम गृह सराहन, श्री अयोध्या नाथ मंदिर परिसर रामपुर, भीमाकाली सराहन मंदिर और श्री हाटकोटी मंदिर शामिल हैं.

मंदिर न्यास की आय: 30 सितंबर 2024 तक मंदिर न्यास को कुल 3 करोड़ 96 लाख 84 हजार 264 रुपए की आय हुई है. जबकि 83 लाख 81 हजार 406 रुपए विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च किए जा चुके है. न्यास के विभिन्न बैंक खातों में 6 करोड़ 95 लाख 94 हजार 185 रुपए की राशि सावधि के तौर पर जमा है. आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सालाना 3 करोड़ 5 हजार रुपए खर्च होने का अनुमान है.

रोहड़ू और नीरथ में बन रहे गौ सदन: विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "रोहड़ू में न्यास के माध्यम से 3 करोड़ रुपए की लागत से गौ सदन बनाया जा रहा है. इसी के साथ नीरथ में भी गौ सदन बनाया जा रहा है. ताकि इन क्षेत्रों के बेसहारा गाय और गौवंश को सरंक्षण मिल सके. न्यास की स्थापना पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने की थी. उनका लक्ष्य था कि देव नीति का संरक्षण और जन कल्याण के कार्यों को बढ़ावा दिया जा सके. न्यास की जमीनों का इस्तेमाल लोगों को सुविधाएं देने में किस तरह किया जा सकता है, इस विषय पर बैठक में विस्तृत तौर पर चर्चा हुई.

बैठक में हुए ये फैसले: बैठक में सराहन मंदिर में रसोइया नियुक्त करने की अनुमति प्रदान की गई. न्यास कार्यालय रामपुर में सहायक मंदिर अधिकारी की सेवानिवृति के बाद एक लिपिक नियुक्त करने की अनुमति दी गई. श्री भीमा काली मंदिर सराहन में मंदिर परिसर और पार्क के लिए सौंदरीयकरण कार्य को मंजूरी दी गई. इसके साथ ही रामपुर स्थित 6 मंदिरों में भी गमले लगाए जाने को मंजूरी दी गई. मंदिर परिसर में लाइट्स लगाए जाने को लेकर विस्तृत प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए. अयोध्या नाथ मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के चारों तरफ लोहे की ग्रिल स्थापित करने की अनुमति प्रदान की गई. न्यास कर्मचारियों का चिकित्सा भत्ता 250 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए करने की अनुमति दी गई. अगर कर्मचारी अस्पताल में बीमारी के चलते दाखिल होता है तो सरकारी दरों पर चिकित्सा बिलों का भुगतान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. श्री भीमा मंदिर सराहन में सहायक प्रभारी की नियुक्ति को मंजूरी दी गई. भद्राश में न्यास की भूमि पर सामुदायिक सराय बनाने को लेकर ग्रामीण विकास समिति को अनुमति दी गई.

ये भी पढ़ें: Kullu Dussehra 2024: ना रामलीला, ना रावण दहन, फिर भी सबसे खास है एक हफ्ते तक चलने वाला कुल्लू दशहरा

रामपुर बुशहर: शिमला जिले के रामपुर स्थित श्री भीमा काली मंदिर सराहन का एक हिस्सा लगातार धंस रहा है. ऐसे में मंदिर के धंसने के कारणों का आईआईटी मंडी की टीम पता लगाएगी. आईआईटी मंडी की टीम सराहन मंदिर का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करेगी. इसको लेकर सर्किट हाउस रामपुर में लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंदिर न्यास समिति के साथ बैठक की.

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "मंदिर की वेबसाइट को अपडेट रखा जाए और इसमें न्यास की हर गतिविधि के बारे में जानकारी समय-समय पर साझा की जाए. न्यास के कई प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है. न्यास एक अत्याधुनिक एंबुलेंस की सुविधा भी शुरू करेगी. बैठक में एंबुलेंस खरीदने की अनुमति भी प्रदान की गई है. बैठक के दौरान ही आईआईटी मंडी के विशेषज्ञ से फोन पर बात हुई है, जिसमें मंदिर के एक हिस्से के धंसने को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने की बात कही".

विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "न्यास का संयुक्त बोर्ड प्रमुख स्थानों पर लगेगा, जिसमें अधीन आने वाले मंदिरों के बारे में संक्षिप्त जानकारी होगी. बैठक में फैसला लिया कि श्री हाटकोटी मंदिर में सोलर सिस्टम प्लांट लगाया जाएगा. ताकि सर्दियों में गर्म पानी की उपलब्धता श्रद्धालुओं के लिए हो सके".

छात्रवृति फंड देगा सराहन मंदिर: सराहन मंदिर न्यास क्षेत्र के होनहार बच्चों की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान करता है. ऐसे में अब न्यास ने फैसला लिया है कि छात्रवृत्ति के नाम से अलग से फंड का प्रावधान किया जाएगा. ताकि जरूरतमंद छात्रों की पढ़ाई निरंतर जारी रखने में मंदिर न्यास अग्रणी भूमिका निभाए.

IIT मंडी करेगा मंदिर भवन का अध्ययन: मंदिर भवन के एक हिस्से में हो रहे झुकाव को लेकर आईआईटी मंडी की टीम के माध्यम से स्टडी रिपोर्ट तैयार करवाई जाएगी. बैठक में फैसला लिया गया कि पिछले कई सालों से मंदिर का एक हिस्सा लगातार धंस रहा है. ऐसे में नया निर्माण कार्य या मरम्मत कार्य तभी करवाया जा सकता है, जब इसके बारे में विशेषज्ञों की रिपोर्ट हो. लोक निर्माण मंत्री ने अधिशाषी अभियंता पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए कि आईआईटी मंडी से पत्राचार करके शीघ्र मामले में रिपोर्ट तैयार कराई जाए. न्यास के अधीन नर सिंह परिसर रामपुर, श्री रघुनाथ बड़ा अखाड़ा मंदिर परिसर, विश्राम गृह सराहन, श्री अयोध्या नाथ मंदिर परिसर रामपुर, भीमाकाली सराहन मंदिर और श्री हाटकोटी मंदिर शामिल हैं.

मंदिर न्यास की आय: 30 सितंबर 2024 तक मंदिर न्यास को कुल 3 करोड़ 96 लाख 84 हजार 264 रुपए की आय हुई है. जबकि 83 लाख 81 हजार 406 रुपए विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च किए जा चुके है. न्यास के विभिन्न बैंक खातों में 6 करोड़ 95 लाख 94 हजार 185 रुपए की राशि सावधि के तौर पर जमा है. आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सालाना 3 करोड़ 5 हजार रुपए खर्च होने का अनुमान है.

रोहड़ू और नीरथ में बन रहे गौ सदन: विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "रोहड़ू में न्यास के माध्यम से 3 करोड़ रुपए की लागत से गौ सदन बनाया जा रहा है. इसी के साथ नीरथ में भी गौ सदन बनाया जा रहा है. ताकि इन क्षेत्रों के बेसहारा गाय और गौवंश को सरंक्षण मिल सके. न्यास की स्थापना पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने की थी. उनका लक्ष्य था कि देव नीति का संरक्षण और जन कल्याण के कार्यों को बढ़ावा दिया जा सके. न्यास की जमीनों का इस्तेमाल लोगों को सुविधाएं देने में किस तरह किया जा सकता है, इस विषय पर बैठक में विस्तृत तौर पर चर्चा हुई.

बैठक में हुए ये फैसले: बैठक में सराहन मंदिर में रसोइया नियुक्त करने की अनुमति प्रदान की गई. न्यास कार्यालय रामपुर में सहायक मंदिर अधिकारी की सेवानिवृति के बाद एक लिपिक नियुक्त करने की अनुमति दी गई. श्री भीमा काली मंदिर सराहन में मंदिर परिसर और पार्क के लिए सौंदरीयकरण कार्य को मंजूरी दी गई. इसके साथ ही रामपुर स्थित 6 मंदिरों में भी गमले लगाए जाने को मंजूरी दी गई. मंदिर परिसर में लाइट्स लगाए जाने को लेकर विस्तृत प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए. अयोध्या नाथ मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के चारों तरफ लोहे की ग्रिल स्थापित करने की अनुमति प्रदान की गई. न्यास कर्मचारियों का चिकित्सा भत्ता 250 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए करने की अनुमति दी गई. अगर कर्मचारी अस्पताल में बीमारी के चलते दाखिल होता है तो सरकारी दरों पर चिकित्सा बिलों का भुगतान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. श्री भीमा मंदिर सराहन में सहायक प्रभारी की नियुक्ति को मंजूरी दी गई. भद्राश में न्यास की भूमि पर सामुदायिक सराय बनाने को लेकर ग्रामीण विकास समिति को अनुमति दी गई.

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