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अधिकारियों ने दिखाई 'राजनीतिक दादागिरी', तो जाएगी सरकारी नौकरी, देखिए नोटिस

Bureaucracy in Haryana: हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक आदेश जारी किया है.

Bureaucracy in Haryana
Bureaucracy in Haryana (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 3 hours ago

पंचकूला: हरियाणा में अगर किसी वरिष्ठ अधिकारी/कर्मचारी ने सेवा संबंधी मामलों में अपने हित साधने के लिए राजनीतिक प्रभाव दिखाया, तो उसे नौकरी गंवानी पड़ सकती है. हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलों के सिविल सर्जन और चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) को आदेश भेजा है.

आदेश ना मानने वालों पर कार्रवाई: स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा भेजे गए आदेश पत्र में लिखा है कि अकसर ये देखने में आया है कि अधिकारी/कर्मचारी अपनी सेवा से जुड़े मामलों में अपने हितों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वरिष्ठ अधिकारियों पर राजनीतिक प्रभाव डालने की कोशिश करते हैं, जो हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी आचरण) नियम 2016 के नियम 26 का उल्लंघन है. इस कारण सभी को इस नियम का दृढ़ता से पालन करने बारे कहा गया है. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि जो अधिकारी/कर्मचारी ऐसा नहीं करेगा, उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग में सिफारिशों का दौर! सूत्रों के अनुसार हरियाणा महानिदेशक द्वारा उक्त आदेश जारी करने का कारण स्वास्थ्य विभाग में लगातार बढ़ते सिफारिश के मामलों को माना जा रहा है. हालांकि आदेश जारी करने का कारण या उद्देश्य स्पष्ट नहीं किया गया है. लेकिन फिलहाल तक इस आदेश को स्वास्थ्य विभाग में सेवारत स्टाफ द्वारा राजनीतिक दबाव बनाने से जोड़ा जा रहा है.

Bureaucracy in Haryana
स्वास्थ्य विभाग के आदेश (haryana health department)

सभी मंत्रियों ने दी है सख्त चेतावनी: हरियाणा के लगभग सभी मंत्री दिवाली से पहले अपने-अपने अधीन विभागों में सेवारत अधिकारियों कर्मचारियों को कायदे से ड्यूटी करने बारे सख्त चेतावनी दे चुके हैं. कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने बीती 19 अक्टूबर को अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि काम किया है और काम करेंगे, हमेशा से मेरा यही नारा रहा है. यहां पर वही अफसर रह सकेगा, जो इस नारे पर काम करेगा.

कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ने बीती 18 अक्टूबर को गुरुग्राम में अधिकारियों की मीटिंग में चेतावनी देते हुए कहा था कि जो अधिकारी पैसे लेकर काम करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी. जेल के अंदर कराऊंगा और पैसे वसूल करूंगा. जिस भी अधिकारी की शिकायत आई, मेरे से बुरा कोई नहीं होगा. उन्होंने सभी को दिवाली तक का टाइम दिया था. उन्होंने स्पष्ट किया था कि सभी अपने-अपने आकाओं से बात कर लें, क्योंकि कोई बचाने वाला नहीं होगा. उन्होंने कहा कि या तो नरबीर मंत्री रहेगा या आप लोग रहोगे, पैसा बर्दाश्त नहीं करूंगा. मंत्री ने गुरुग्राम की हालत पर नाराजगी जताई थी.

डिप्टी स्पीकर की चेतावनी: हरियाणा के डिप्टी स्पीकर एवं जींद से भाजपा विधायक डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने बीती 22 अक्टूबर को जींद में मीटिंग में अधिकारियों को बिजली निगम से जुड़ी शिकायतों और लोगों की सुनवाई नहीं करने पर फटकार लगाई थी. उन्होंने कहा कि दोबारा एसई साहब को फोन नहीं करूंगा, अब सीधे मंत्री की कॉल आएगी.

कृष्ण मिड्ढा ने भी चेताया: कृष्ण मिड्ढा ने कहा कि कुछ अधिकारियों के दिमाग में था कि भाजपा की सरकार नहीं आएगी, लेकिन अब विकास कार्यों को गंभीरता से लें. यह विभाग सबसे ज्यादा बदनाम है लेकिन अब यह विभाग अनिल विज के पास है. अब मंत्री स्वयं सुधार देंगे. वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री आरती राव हैं. जबकि उनसे पहले डॉ. कमल गुप्ता और उनसे भी पहले अंबाला कैंट से विधायक अनिल विज स्वास्थ्य मंत्रालय संभाल चुके हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के 'गब्बर' मंत्री की हत्या की साजिश? 'चुनाव के दौरान अधिकारियों और नेताओं ने की बगावत', अब कार्रवाई की तैयारी

ये भी पढ़ें- दो पत्ती वेब सीरीज पर विवाद: हुड्डा खाप ने जताया विरोध, लीगल नोटिस भेजा, 10 नवंबर को होगी महापंचायत

पंचकूला: हरियाणा में अगर किसी वरिष्ठ अधिकारी/कर्मचारी ने सेवा संबंधी मामलों में अपने हित साधने के लिए राजनीतिक प्रभाव दिखाया, तो उसे नौकरी गंवानी पड़ सकती है. हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलों के सिविल सर्जन और चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) को आदेश भेजा है.

आदेश ना मानने वालों पर कार्रवाई: स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा भेजे गए आदेश पत्र में लिखा है कि अकसर ये देखने में आया है कि अधिकारी/कर्मचारी अपनी सेवा से जुड़े मामलों में अपने हितों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वरिष्ठ अधिकारियों पर राजनीतिक प्रभाव डालने की कोशिश करते हैं, जो हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी आचरण) नियम 2016 के नियम 26 का उल्लंघन है. इस कारण सभी को इस नियम का दृढ़ता से पालन करने बारे कहा गया है. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि जो अधिकारी/कर्मचारी ऐसा नहीं करेगा, उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग में सिफारिशों का दौर! सूत्रों के अनुसार हरियाणा महानिदेशक द्वारा उक्त आदेश जारी करने का कारण स्वास्थ्य विभाग में लगातार बढ़ते सिफारिश के मामलों को माना जा रहा है. हालांकि आदेश जारी करने का कारण या उद्देश्य स्पष्ट नहीं किया गया है. लेकिन फिलहाल तक इस आदेश को स्वास्थ्य विभाग में सेवारत स्टाफ द्वारा राजनीतिक दबाव बनाने से जोड़ा जा रहा है.

Bureaucracy in Haryana
स्वास्थ्य विभाग के आदेश (haryana health department)

सभी मंत्रियों ने दी है सख्त चेतावनी: हरियाणा के लगभग सभी मंत्री दिवाली से पहले अपने-अपने अधीन विभागों में सेवारत अधिकारियों कर्मचारियों को कायदे से ड्यूटी करने बारे सख्त चेतावनी दे चुके हैं. कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने बीती 19 अक्टूबर को अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि काम किया है और काम करेंगे, हमेशा से मेरा यही नारा रहा है. यहां पर वही अफसर रह सकेगा, जो इस नारे पर काम करेगा.

कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ने बीती 18 अक्टूबर को गुरुग्राम में अधिकारियों की मीटिंग में चेतावनी देते हुए कहा था कि जो अधिकारी पैसे लेकर काम करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी. जेल के अंदर कराऊंगा और पैसे वसूल करूंगा. जिस भी अधिकारी की शिकायत आई, मेरे से बुरा कोई नहीं होगा. उन्होंने सभी को दिवाली तक का टाइम दिया था. उन्होंने स्पष्ट किया था कि सभी अपने-अपने आकाओं से बात कर लें, क्योंकि कोई बचाने वाला नहीं होगा. उन्होंने कहा कि या तो नरबीर मंत्री रहेगा या आप लोग रहोगे, पैसा बर्दाश्त नहीं करूंगा. मंत्री ने गुरुग्राम की हालत पर नाराजगी जताई थी.

डिप्टी स्पीकर की चेतावनी: हरियाणा के डिप्टी स्पीकर एवं जींद से भाजपा विधायक डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने बीती 22 अक्टूबर को जींद में मीटिंग में अधिकारियों को बिजली निगम से जुड़ी शिकायतों और लोगों की सुनवाई नहीं करने पर फटकार लगाई थी. उन्होंने कहा कि दोबारा एसई साहब को फोन नहीं करूंगा, अब सीधे मंत्री की कॉल आएगी.

कृष्ण मिड्ढा ने भी चेताया: कृष्ण मिड्ढा ने कहा कि कुछ अधिकारियों के दिमाग में था कि भाजपा की सरकार नहीं आएगी, लेकिन अब विकास कार्यों को गंभीरता से लें. यह विभाग सबसे ज्यादा बदनाम है लेकिन अब यह विभाग अनिल विज के पास है. अब मंत्री स्वयं सुधार देंगे. वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री आरती राव हैं. जबकि उनसे पहले डॉ. कमल गुप्ता और उनसे भी पहले अंबाला कैंट से विधायक अनिल विज स्वास्थ्य मंत्रालय संभाल चुके हैं.

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