शिमला: हिमाचल में पात्र महिलाओं को ₹1500 देने को लेकर अभी भी कन्फ्यूजन जारी है. ऐसे में इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख समृद्धि सम्मान योजना पर बने संशय को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने फिर से चुनाव आयोग को मामला भेजा है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग कमेटी से पारित इस मामले में दो बिंदुओं पर राय मांगी गई है. संबंधित विभाग ने फील्ड से प्राप्त हो रही रिपोर्ट और फीडबैक के आधार पर ये रिप्रेजेंटेशन सचिवालय भेजा था, जिसके बाद अब इस मामले को स्क्रीनिंग कमेटी से आगे चुनाव आयोग को भेजा गया है.
नए आवेदन लेने के लिए मांगी अनुमति: लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के ऐलान के बाद 16 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी. ऐसे में 1500 की योजना को लेकर भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी. जिसके बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से आए पत्र में कहा गया था कि अब कोई नया लाभार्थी चुनाव आचार संहिता के बीच इस योजना में नहीं जुड़ेगा. ऐसे विभाग ने नए आवेदन लेने और चुनाव आचार संहिता से पहले आए आवेदनों को प्रोसेस करने की अनुमति मांगी है.
चुनाव आयोग को फिर से मामला भेजा: जिसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग ने इससे पहले विभाग से गए प्रस्ताव पर सहमति जताई थी, लेकिन क्लारिफिकेशन स्पष्ट नहीं थी. इसके कारण फील्ड के अधिकारी आवेदन नहीं ले रहे हैं. ऐसे में चुनाव आयोग को फिर से मामला भेजा गया है. ताकि ₹1500 की योजना को लेकर फाइनल डिसीजन लिया जा सके. प्रदेश भर में इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख समृद्धि सम्मान योजना लागू होने के बाद विभाग को करीब 48 आवेदन प्राप्त हुए हैं, लेकिन आचार संहिता की वजह से मामला अभी लटका हुआ है. वहीं, महिलाएं भी योजना को लेकर कन्फ्यूजन में है.
चुनाव में बड़ा मुद्दा बन गई है 1500 की योजना: पात्र महिलाओं को 1500 रुपये मासिक पेंशन देने की योजना प्रदेश भर में लागू हो गई है. जिसकी अधिसूचना चुनाव की घोषणा से पहले हो चुकी है. लेकिन भाजपा ने योजना को लेकर सवाल उठाते हुए मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की थी. जिसके बाद इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख समृद्धि सम्मान योजना की प्रक्रिया पर रोक लग गई है. वहीं, चुनाव आयोग से शिकायत करने के बाद कांग्रेस लगातार भाजपा पर हमलावर है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा महिला विरोधी है. तभी 1500 की योजना को रोकने के लिए भाजपा ने शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंची थी.
ये भी पढ़ें: परवाणू उद्योग में दाढ़ी-मूंछ वाला विवाद सुलझा, कंपनी ने निकाले गए 80 कामगारों को एक शर्त पर नौकरी पर रखा