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बागियों की CM सुक्खू को नसीहत, दूसरों पर कीचड़ उछालने से पहले अपने गिरेबान में झांकें

Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में 6 बागी नेताओं और 3 निर्दलीय विधायकों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर पलटवार किया है. इन नेताओं ने सीएम को दूसरों पर कीचड़ उछालने से पहले अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दी है.

Himachal Political Crisis
Himachal Political Crisis
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 10, 2024, 2:49 PM IST

Updated : Mar 10, 2024, 3:43 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार बागी नेताओं पर निशाना साध रहे हैं. वहीं, अब 6 असंतुष्ट नेताओं और तीन निर्दलीय विधायकों ने पहली बार एक साथ संयुक्त बयान जारी करके मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर पलटवार किया है. साथ ही दूसरों पर कीचड़ उछालने से पहले अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दी है. राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो, चैतन्य शर्मा, होशियार सिंह, आशीष शर्मा और केएल ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को दूसरों पर कीचड़ उछलने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए कि मौजूदा स्थिति के लिए असली गुनहगार कौन है? और किसने यह स्थितियां पैदा की है.

सीएम सुक्खू के बयान पर बागी नेताओं का पलटवार

इन नेताओं ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री बार-बार उनसे किसी भी सूरत में समझौता कर लेने के लिए अप्रोच कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ नागों और भेड़ों से उनकी तुलना कर रहे हैं. जिससे सीएम सुक्खू की मानसिक स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. इन नेताओं ने कहा कि कोई भी व्यक्ति हर चीज से समझौता कर सकता है, लेकिन स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकता और वे स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे हैं.

सीएम पर तंज कसते हुए पूछे सवाल

6 बागी नेताओं और 3 निर्दलीय विधायकों ने संयुक्त बयान में कटाक्ष करते हुए यह भी पूछा है कि अगर मुख्यमंत्री इतने ही साफ सुथरे हैं, तो उन्हें प्रदेश की जनता को यह भी बताना चाहिए कि वह अपने चंडीगढ़ के आधिकारिक दौरे के दौरान हिमाचल भवन में बने सीएम सूट में रुकने की बजाय फाइव स्टार होटल में क्यों रुकते थे? इसके साथ ही सिक्योरिटी वालों को भी आगे पीछे क्यों कर देते थे. इसके पीछे मुख्यमंत्री का क्या एजेंडा और क्या राज रहता था. यह राज प्रदेश की जनता को भी मालूम होना चाहिए. परदे के पीछे वह क्या खेल खेलते थे, इसकी जानकारी जनता को देने का नैतिक साहस भी उन्हें दिखाना चाहिए.

'विधायकों को जलील कर रहे सीएम'

इन नेताओं ने कहा कि सरकार विधायकों के समर्थन से चलती है, लेकिन मुख्यमंत्री सुक्खू अपनी मित्र मंडली को तरजीह देकर चुने हुए विधायकों को पिछले सवा साल से जलील कर रहे थे. मित्र मंडली विधायकों के ऊपर हावी हो रही थी और मुख्यमंत्री से बार-बार इस बारे आग्रह भी किया गया था लेकिन वे तानाशाह की तरह रवैया अपनाए रहे. इन नेताओं ने कहा कि चुने हुए विधायक अगर जनता के काम नहीं करेंगे तो वह जनता के बीच कैसे जाएंगे.

कैबिनेट रैंक प्राप्त नेताओं पर उठाए सवाल

इन नेताओं ने कहा कि प्रदेश की जनता यह भी भलीभांति जानती है कि "कैबिनेट रैंक प्राप्त मित्र" इस सरकार में क्या गुल खिला रहे हैं और कितनी लूट मचा रखी है. साथ उन्होंने यह भी सवाल किया है कि प्रदेश में सरकार के गठन में इन मित्रों का क्या योगदान है. यह भी जनता को बताया जाना चाहिए. जनता के चुने हुए विधायकों को नजरअंदाज करके मित्रों को खुली छूट देने, रेवड़ियों की तरह उन्हें कैबिनेट रैंक से नवाजने और विधायकों को जलील करने को ही क्या व्यवस्था परिवर्तन कहा जाता है?

राज्यसभा उम्मीदवार को लेकर उठाए सवाल

6 बागी नेताओं और 3 निर्दलीय विधायकों ने कहा कि हिमाचल के स्वाभिमान से किसी भी सूरत में समझौता नहीं किया जा सकता और मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता को यह भी बताना होगा कि जो व्यक्ति हिमाचल प्रदेश के हितों के खिलाफ हमेशा लड़ता रहा हो. उसे पार्टी का टिकट देकर राज्यसभा में भेजने के पीछे क्या मंशा थी और क्या मजबूरी थी?

इन नेताओं ने कहा कि इस सरकार में जो लोग स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे हैं. उनमें से 9 तो खुलकर बाहर आ गए हैं, लेकिन कुछ तो मंत्री होकर भी सुक्खू की सरकार में घुटन महसूस कर रहे हैं. इसके पीछे उनकी क्या मजबूरी है, यह वही बेहतर बता सकते हैं. इन नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता को यह भी साफ-साफ बताना चाहिए कि ऐसी परिस्थितियां पैदा होने के पीछे असली गुनहगार मुख्यमंत्री खुद हैं या हाई कमान है या कोई और है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में कांग्रेस ताश के पत्तों की तरह बिखर रही है, लेकिन रस्सी जल गई पर बल नहीं गया वाली कहावत भी कांग्रेस नेतृत्व पर ही चरितार्थ होती है.

ये भी पढे़ं: CM सुक्खू ने बागी विधायकों को भेड़ तो BJP को गड़रिया बताया, बोले- बिके MLA को जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी

शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार बागी नेताओं पर निशाना साध रहे हैं. वहीं, अब 6 असंतुष्ट नेताओं और तीन निर्दलीय विधायकों ने पहली बार एक साथ संयुक्त बयान जारी करके मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर पलटवार किया है. साथ ही दूसरों पर कीचड़ उछालने से पहले अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दी है. राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो, चैतन्य शर्मा, होशियार सिंह, आशीष शर्मा और केएल ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को दूसरों पर कीचड़ उछलने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए कि मौजूदा स्थिति के लिए असली गुनहगार कौन है? और किसने यह स्थितियां पैदा की है.

सीएम सुक्खू के बयान पर बागी नेताओं का पलटवार

इन नेताओं ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री बार-बार उनसे किसी भी सूरत में समझौता कर लेने के लिए अप्रोच कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ नागों और भेड़ों से उनकी तुलना कर रहे हैं. जिससे सीएम सुक्खू की मानसिक स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. इन नेताओं ने कहा कि कोई भी व्यक्ति हर चीज से समझौता कर सकता है, लेकिन स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकता और वे स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे हैं.

सीएम पर तंज कसते हुए पूछे सवाल

6 बागी नेताओं और 3 निर्दलीय विधायकों ने संयुक्त बयान में कटाक्ष करते हुए यह भी पूछा है कि अगर मुख्यमंत्री इतने ही साफ सुथरे हैं, तो उन्हें प्रदेश की जनता को यह भी बताना चाहिए कि वह अपने चंडीगढ़ के आधिकारिक दौरे के दौरान हिमाचल भवन में बने सीएम सूट में रुकने की बजाय फाइव स्टार होटल में क्यों रुकते थे? इसके साथ ही सिक्योरिटी वालों को भी आगे पीछे क्यों कर देते थे. इसके पीछे मुख्यमंत्री का क्या एजेंडा और क्या राज रहता था. यह राज प्रदेश की जनता को भी मालूम होना चाहिए. परदे के पीछे वह क्या खेल खेलते थे, इसकी जानकारी जनता को देने का नैतिक साहस भी उन्हें दिखाना चाहिए.

'विधायकों को जलील कर रहे सीएम'

इन नेताओं ने कहा कि सरकार विधायकों के समर्थन से चलती है, लेकिन मुख्यमंत्री सुक्खू अपनी मित्र मंडली को तरजीह देकर चुने हुए विधायकों को पिछले सवा साल से जलील कर रहे थे. मित्र मंडली विधायकों के ऊपर हावी हो रही थी और मुख्यमंत्री से बार-बार इस बारे आग्रह भी किया गया था लेकिन वे तानाशाह की तरह रवैया अपनाए रहे. इन नेताओं ने कहा कि चुने हुए विधायक अगर जनता के काम नहीं करेंगे तो वह जनता के बीच कैसे जाएंगे.

कैबिनेट रैंक प्राप्त नेताओं पर उठाए सवाल

इन नेताओं ने कहा कि प्रदेश की जनता यह भी भलीभांति जानती है कि "कैबिनेट रैंक प्राप्त मित्र" इस सरकार में क्या गुल खिला रहे हैं और कितनी लूट मचा रखी है. साथ उन्होंने यह भी सवाल किया है कि प्रदेश में सरकार के गठन में इन मित्रों का क्या योगदान है. यह भी जनता को बताया जाना चाहिए. जनता के चुने हुए विधायकों को नजरअंदाज करके मित्रों को खुली छूट देने, रेवड़ियों की तरह उन्हें कैबिनेट रैंक से नवाजने और विधायकों को जलील करने को ही क्या व्यवस्था परिवर्तन कहा जाता है?

राज्यसभा उम्मीदवार को लेकर उठाए सवाल

6 बागी नेताओं और 3 निर्दलीय विधायकों ने कहा कि हिमाचल के स्वाभिमान से किसी भी सूरत में समझौता नहीं किया जा सकता और मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता को यह भी बताना होगा कि जो व्यक्ति हिमाचल प्रदेश के हितों के खिलाफ हमेशा लड़ता रहा हो. उसे पार्टी का टिकट देकर राज्यसभा में भेजने के पीछे क्या मंशा थी और क्या मजबूरी थी?

इन नेताओं ने कहा कि इस सरकार में जो लोग स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे हैं. उनमें से 9 तो खुलकर बाहर आ गए हैं, लेकिन कुछ तो मंत्री होकर भी सुक्खू की सरकार में घुटन महसूस कर रहे हैं. इसके पीछे उनकी क्या मजबूरी है, यह वही बेहतर बता सकते हैं. इन नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता को यह भी साफ-साफ बताना चाहिए कि ऐसी परिस्थितियां पैदा होने के पीछे असली गुनहगार मुख्यमंत्री खुद हैं या हाई कमान है या कोई और है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में कांग्रेस ताश के पत्तों की तरह बिखर रही है, लेकिन रस्सी जल गई पर बल नहीं गया वाली कहावत भी कांग्रेस नेतृत्व पर ही चरितार्थ होती है.

ये भी पढे़ं: CM सुक्खू ने बागी विधायकों को भेड़ तो BJP को गड़रिया बताया, बोले- बिके MLA को जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी

Last Updated : Mar 10, 2024, 3:43 PM IST
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