शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक कार्यालय से जुड़े बहुचर्चित मामले में हाईकोर्ट ने अहम आदेश पारित किया है. हाईकोर्ट ने केंद्रीय संपदा विभाग यानी सेंट्रल एस्टेट डिपार्टमेंट को आदेश जारी किए हैं कि वो कार्यालय पर किए गए कब्जे को वापस करें.
केंद्रीय संपदा विभाग ने उक्त कार्यालय को सील कर दिया था. हाईकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने इस मामले में प्रारंभिक शिक्षा विभाग की याचिका पर आरंभिक सुनवाई करते हुए कहा कि संपदा विभाग कार्यालय का कब्जा शिक्षा विभाग को वापस करे. इसके साथ ही अदालत ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग और केंद्रीय शहरी विभाग के प्रतिनिधियों को समझौते से मामले को सुलझाने का प्रयास करने के निर्देश भी जारी किए.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (सीबीआई) शिमला की अदालत के फैसले के बाद केंद्रीय शहरी विकास विभाग की तरफ से तालाबंदी की कार्रवाई की गई थी. सरकार का कहना है कि इस कार्यालय में कार्यरत 31 कर्मचारी उपरोक्त फैसले से सीधे प्रभावित हुए हैं. सील किए गए परिसर में शिमला जिला के 155 प्राथमिक स्कूलों, 260 मिडिल और 407 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं के स्टाफ से जुड़ी सभी फाइलें व अन्य सामान भीतर ही मौजूद हैं.
कार्यालय सील होने के कारण प्रधानमंत्री पोषण यानी मिड डे मील कार्यक्रम के तहत 57,451 छात्रों को मिलने वाले भोजन का रिकॉर्ड भी इसी कार्यालय में सील बंद होकर रह गया है. इससे संबंधित कर्मचारियों की सैलरी जारी करने में भी बाधा आ रही है. सरकार का कहना है कि उप निदेशालय का ऑफिसर वर्ष 1965 से इसी परिसर में चल रहा है.
यह भवन ब्रिटिशकाल में बना था और इसका नाम क्लेरमाउंट है. पहले यहां श्रम ब्यूरो का कार्यालय भी चलता था. यहां वर्ष 2016 से शिक्षा विभाग व केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के बीच भवन को लेकर विवाद चला हुआ था फिर 2 अगस्त 2023 को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के संपदा अधिकारी ने शिक्षा विभाग को भवन खाली करने का नोटिस जारी किया था.
इस नोटिस के खिलाफ शिक्षा विभाग ने शिमला जिला कोर्ट में याचिका दायर की थी. उस याचिका के खारिज होने के बाद संपदा अधिकारी ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उप निदेशक कार्यालय को सील बंद कर दिया था. शिक्षा विभाग ने राहत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. अब हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को राहत देते हुए संपदा विभाग को कब्जा वापस करने के आदेश दिए हैं.
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