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निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे का मामला, हाईकोर्ट में होगी सुनवाई, विधानसभा सचिव को देना है जवाब - Independent MLAs Resignation Case

HC Hearing on Independent MLAs Resignation: हिमाचल प्रदेश में निर्दलीय विधायकों के इस्तीफा मामले पर आज हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी. निर्दलीय विधायकों होशियार सिंह, आशीष शर्मा व केएल ठाकुर ने 22 मार्च को विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया था.

HC Hearing on Independent MLAs Resignation
HC Hearing on Independent MLAs Resignation
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 24, 2024, 12:25 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले तीन निर्दलीय विधायकों के मामले में हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई को अदालत ने विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को नोटिस जारी किया था और उनसे जवाब मांगा था.

इस्तीफे पर हाईकोर्ट में सुनवाई

उल्लेखनीय है कि तीन निर्दलीय विधायकों होशियार सिंह, आशीष शर्मा व केएल ठाकुर ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. ये इस्तीफा निजी तौर पर स्पीकर कुलदीप पठानिया को सौंपा था और राज्यपाल को भी इस बारे में अवगत करवाया गया था. विधायकों ने उनका इस्तीफा जल्द स्वीकार करने का आग्रह किया था, ताकि वे चुनाव में जनता के बीच जा सकें. स्पीकर ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया तो विधायकों ने हाईकोर्ट का रुख किया. हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को मामले की सुनवाई के बाद स्पीकर से 14 दिन के भीतर जवाब मांगा था. हालांकि याचिका में विधायकों की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष को निजी तौर पर भी पार्टी बनाया गया है, परंतु अदालत ने उन्हें निजी तौर पर नोटिस जारी नहीं किया है. स्पीकर से इस मामले पर उनका पक्ष जानने के लिए अदालत ने नोटिस जारी किया है.

हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी सबकी नजरें

इससे पहले स्पीकर ने तीन विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर ये पूछा था कि उन्होंने सदस्यता से इस्तीफा क्यों दिया. इस नोटिस का तीनों विधायकों ने जवाब दे दिया था. अब सभी की नजरें हाईकोर्ट के आज के फैसले पर टिकी है. अगर स्पीकर इस्तीफा स्वीकार करते हैं तो तीन सीटें खाली हो जाएंगी और उन पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा.

इस्तीफे मंजूर न होने पर खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा

याचिका में प्रार्थियों ने दर्ज किया है कि उन्होंने खुद जाकर स्पीकर के समक्ष इस्तीफे दिए हैं. साथ ही राज्यपाल को इसकी प्रतिलिपियां सौंपी हैं. यही नहीं, तीनों ने विधानसभा के बाहर इस्तीफे मंजूर न करने को लेकर धरने दिए और आखिर में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. ऐसे में उन पर ये आरोप लगाना कि उन्होंने दबाव में त्यागपत्र दिया है, ये सही नहीं है. तीनों ने विधानसभा की सदस्यता से 22 मार्च को त्यागपत्र दिया था. अब कोर्ट के निर्देश पर ही सबकी नजरें हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल हाईकोर्ट ने सुना सीपीएस का पक्ष, कल भी जारी रहेगी सुनवाई

शिमला: हिमाचल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले तीन निर्दलीय विधायकों के मामले में हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई को अदालत ने विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को नोटिस जारी किया था और उनसे जवाब मांगा था.

इस्तीफे पर हाईकोर्ट में सुनवाई

उल्लेखनीय है कि तीन निर्दलीय विधायकों होशियार सिंह, आशीष शर्मा व केएल ठाकुर ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. ये इस्तीफा निजी तौर पर स्पीकर कुलदीप पठानिया को सौंपा था और राज्यपाल को भी इस बारे में अवगत करवाया गया था. विधायकों ने उनका इस्तीफा जल्द स्वीकार करने का आग्रह किया था, ताकि वे चुनाव में जनता के बीच जा सकें. स्पीकर ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया तो विधायकों ने हाईकोर्ट का रुख किया. हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को मामले की सुनवाई के बाद स्पीकर से 14 दिन के भीतर जवाब मांगा था. हालांकि याचिका में विधायकों की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष को निजी तौर पर भी पार्टी बनाया गया है, परंतु अदालत ने उन्हें निजी तौर पर नोटिस जारी नहीं किया है. स्पीकर से इस मामले पर उनका पक्ष जानने के लिए अदालत ने नोटिस जारी किया है.

हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी सबकी नजरें

इससे पहले स्पीकर ने तीन विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर ये पूछा था कि उन्होंने सदस्यता से इस्तीफा क्यों दिया. इस नोटिस का तीनों विधायकों ने जवाब दे दिया था. अब सभी की नजरें हाईकोर्ट के आज के फैसले पर टिकी है. अगर स्पीकर इस्तीफा स्वीकार करते हैं तो तीन सीटें खाली हो जाएंगी और उन पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा.

इस्तीफे मंजूर न होने पर खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा

याचिका में प्रार्थियों ने दर्ज किया है कि उन्होंने खुद जाकर स्पीकर के समक्ष इस्तीफे दिए हैं. साथ ही राज्यपाल को इसकी प्रतिलिपियां सौंपी हैं. यही नहीं, तीनों ने विधानसभा के बाहर इस्तीफे मंजूर न करने को लेकर धरने दिए और आखिर में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. ऐसे में उन पर ये आरोप लगाना कि उन्होंने दबाव में त्यागपत्र दिया है, ये सही नहीं है. तीनों ने विधानसभा की सदस्यता से 22 मार्च को त्यागपत्र दिया था. अब कोर्ट के निर्देश पर ही सबकी नजरें हैं.

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