शिमला: असम में शिक्षा के क्षेत्र में अपनाई जा रही बेस्ट प्रैक्टिस को जानने के लिए हिमाचल शिक्षा विभाग का एक दल एजुकेशन मिनिस्टर रोहित ठाकुर की अगुवाई में 13 सदस्यीय दल गुवाहाटी पहुंचा. हिमाचल के इस दल ने असम के शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगु व विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की.
इसमें दोनों राज्य सरकारों की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में अपनाई जा रही बेस्ट प्रैक्टिस पर विस्तार से चर्चा की गई. हिमाचल की ओर से समग्र शिक्षा के राज्य निदेशक राजेश शर्मा ने प्रदेश के शैक्षणिक परिदृश्य और गुणात्मक शिक्षा के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाए गए अहम कदमों की एक प्रेजेंटेशन दी.
असम ने शिक्षा के क्षेत्र में किया बेहतरीन कार्य
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा "डॉ. रनोज पेगु की अगुवाई में असम शिक्षा विभाग ने अच्छे प्रयास किए हैं. असम शिक्षा विभाग ने विशेषकर जिस तरह से डमी इनलोरमंट पर विराम लगाया है, वह एक बड़ी उपलब्धि है. असम सरकार ने प्राइमरी, सेकेंडरी से लेकर यूनिवर्सिटी स्तर पर शिक्षा में बेहतरीन कार्य किए हैं."
हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में असम के इन अनुभवों का फायदा कैसे उठाए इसको लेकर विचार विमर्श किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने कहा असम और हिमाचल कई मायनों में एक समान हैं. असम का एक अपना इतिहास रहा है और इसकी एक समृद्ध संस्कृति है.
वहीं, हिमाचल देवभूमि के नाम से जाना जाता है. उन्होंने कहा कि असम ने शिक्षा में कई बड़े कदम उठाए हैं. असम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से शिक्षा विभाग का पूरा डाटा तैयार कर “एजुकेशन सेतु ऐप” सहित अन्य डिजिटल सार्थक पहल की हैं.
इसके आधार पर ट्रांसफर सहित अन्य कार्य विभाग पूरी दक्षता के साथ कर रहा है. यही नहीं असम का शिक्षा विभाग अटेंडेंस में भी अग्रणी राज्य माना जाता है. वहीं, पर्वतीय राज्य हिमाचल की साक्षरता दर काफी ज्यादा है. शिक्षा मंत्री ने कहा आने वाले समय में असम और हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ें व इसमें नए आयाम स्थापित कर सकें इसके लिए यह बैठक कारगर साबित होगी.
शिक्षा के क्षेत्र में उठाए कई इनोवेटिव कदम
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा असम ने शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधारात्मक और इनोवेटिव कदम उठाए हैं. इनमें शिक्षकों की ट्रांसफर ऑनलाइन करने को “एजुकेशन सेतु ऐप” (Education Setu App) प्रमुख हैं. इसके अलावा शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए “आरोहन”(Aarohan), “गुनोत्सव” (Gunotsav), “समर्थ पोर्टल” ( Samarth Portal) और “टेली एजुकेशन” (Tele Education) जैसे अन्य प्रयास असम शिक्षा विभाग ने किए हैं.
इन प्रयासों से मिड-डे-मील, निशुल्क पाठ्य पुस्तकें और वर्दी से जुड़े खर्चों को कम कर असम सरकार को काफी बचत करने में मदद मिली है. उन्होंने कहा कि हिमाचल के शिक्षा विभाग के इस दल की यात्रा को दोनों राज्यों के बीच सहयोग और शैक्षणिक ढांचे को बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. इससे हिमाचल और असम को एक दूसरों की बेस्ट प्रैक्टिस अपनाकर शिक्षा के स्तर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी.
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