शिमला: 27 फरवरी को हिमाचल राज्यसभा चुनाव के दौरान उठे सियासी बवंडर के बाद सुक्खू सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे. हालांकि, वक्त रहते कांग्रेस ने हालात को संभाला और सुक्खू सरकार पर आये सियासी संकट को फिलहाल के लिए दूर कर दिया है. बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बिना किसी बाधा के 5 साल सरकार चलने का दावा किया था. गुरुवार की सुबह स्पीकर ने 6 विधायकों को बर्खास्त कर दिया. इस पूरे सियासी उथल पुथल के बीच सुक्खू कैबिनेट की बैठक होने वाली है. आज शाम होने वाली इस बैठक के जरिये सरकार ऑल इज वेल दिखाने की कोशिश कर रही है.
सुक्खू सरकार की ये कैबिनेट बैठक 28 फरवरी को ही प्रस्तावित थी, लेकिन कांग्रेस सरकार पर आए सियासी संकट के बीच यह बैठक स्थगित कर दी गई थी. जो अब गुरुवार शाम 5 बजे होनी है. इस कैबिनेट बैठक में सबकी नजरें विक्रमादित्य सिंह पर रहेंगी, जिन्होंने बुधवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंत्रीपद से इस्तीफे का ऐलान किया और रात होते-होते हाथ खींच लिए.
बुधवार रात को ऑब्जर्वर्स भूपेंद्र हुड्डा और डीके शिवकुमार के साथ हुई विधायकों की बैठक के बाद हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने बताया कि "विधायकों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि वो विक्रमादित्य सिंह का इस्तीफा मंजूर नहीं करेंगे". इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने भी कहा कि "मैं इस्तीफे को लेकर दबाव नहीं बनाएंगे और व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण संगठन होता है. हम सरकार को मजबूत बनाने की ओर काम करेंगे."
अब देखना होगा कि शाम 5 बजे शिमला में होने वाली सुखविंदर सिंह सुक्खू की बैठक में कौन-कौन से मंत्री शामिल होते हैं.
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