शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान नए चयन आयोग और भर्तियों सहित बेरोजगार युवाओं से जुड़ा मामला गूंजा. सवाल बेशक सानन कमेटी के गठन और उस पर हुए खर्च से संबंधित था, लेकिन इसके साथ ही नए चयन आयोग और बेरोजगार युवाओं की पीड़ा भी सदन में देखने को मिली. दरअसल, सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल ने सानन कमेटी के गठन और उस पर हुए खर्च का ब्यौरा मांगा था. जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि सानन कमेटी पर कुल 14.42 लाख रुपए खर्च हुए हैं. अप्रैल 2023 को कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी के चेयरमैन व मेंबर्स के मानदेय पर 11 लाख, 99 हजार, 354 रुपए खर्च हुए.
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हमीरपुर स्थित कर्मचारी चयन आयोग में पेश आई धांधलियों के बाद उसे भंग कर दिया था. उसके बाद नए भर्ती विधान की रूपरेखा सुझाने के लिए पूर्व आईएएस अधिकारी दीपक सानन की अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया गया था.
MLA राकेश जम्वाल का सवाल
अनुपूरक सवाल में विधायक राकेश जम्वाल जानना चाहते थे कि क्या सानन कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है? जम्वाल ने कहा कि कमेटी को तीन महीने में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन बाद में उसे एक्सटेंशन दी गई. उन्होंने कहा कि ये सवाल प्रदेश के लाखों युवाओं के हित से जुड़ा हुआ है. युवाओं के रिजल्ट पेंडिंग हैं. उन्हें अपने भविष्य की फिक्र है. सरकार ने राज्य चयन आयोग भी बना दिया है, लेकिन वो भी फंक्शनल नहीं है. जम्वाल ने ये भी पूछा कि नए सिरे से भर्तियां कब शुरू होंगी. जम्वाल का कहना था कि नौकरियों के इंतजार में युवा ओवरएज हो रहे हैं. नई भर्ती एजेंसी को जल्द फंक्शनल करने की जरूरत है, ताकि युवाओं को नौकरी मिल सके.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का जवाब
जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार समाधान की दिशा में काम कर रही है. पूर्व सरकार के समय हमीरपुर चयन आयोग में पेपर लीक का धंधा चल रहा था. सत्ता संभालते ही 26 दिसंबर 2022 को उनके ध्यान में मामला आया तो सरकार ने आयोग को भंग कर दिया. सीएम ने कहा कि पूर्व सरकार ने युवाओं के साथ धोखा किया है. उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था के लिए दीपक सानन की अगुवाई में कमेटी का गठन किया गया था. अब राज्य चयन आयोग को फंक्शनल करने के लिए चेयरमैन की पोस्ट क्रिएट की गई है. इसी साल से टेस्ट आयोजित किए जाएंगे.
कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट का आयोजन
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अब सरकार कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट यानी सीबीटी का आयोजन करेगी. इसके लिए व्यवस्था की जा रही है. सीएम ने कहा कि जेओए आईटी की भर्ती का मामला पूर्व सरकार के समय वर्ष 2020 का है. इन मसलों के समाधान के लिए कैबिनेट सब-कमेटी बनाई गई है. नियुक्तियां करना जरूरी था तो मौजूदा सरकार ने लोक सेवा आयोग के माध्यम प्रयास किया है. सीएम ने कहा कि कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है. जब तक राज्य चयन आयोग में नियुक्तियां शुरू नहीं होती, तब तक लोकसेवा आयोग के माध्यम से काम किया जा रहा है.