धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक लाइसेंसी हथियार जिला कांगड़ा में है. आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो करीब 18 हजार हथियार लोगों के पास हैं. प्रदेश में होने जा रहे लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सभी हथियारों को जमा करवाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. शनिवार (30 मार्च) तक जिला कांगड़ा में 4 हजार हथियार जमा हो चुके हैं. जिला पुलिस ने चुनावों के मद्देनजर हथियार जमा करवाने के लिए 10 अप्रैल तक की समयावधि तय की है.
आदेश का उल्लंघन करने पर एफआईआर दर्ज: चुनावों के दौरान हथियार जमा करवाना आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर अनिवार्य है. ऐसे में हथियार धारक अपने हथियार संबंधित पुलिस चौकी या थाना में जमा करवाने होंगे. इस संबंध में जिला प्रशासन की ओर से आदेश भी जारी किए गए हैं और उल्लंघन करने पर आईपीसी की धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज होती है.
हथियार जमा नहीं करने पर लाइसेंस होंगे रद्द: एसपी, जिला कांगड़ा शालिनी अग्रिहोत्री ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान भी जिला कांगड़ा में इसी संदर्भ में 14 एफआईआर दर्ज हुए थे. हथियार जमा न करने वालों के लाइसेंस भी आने वाले समय के लिए रद्द किए जा सकते हैं या फिर पुलिस ही हथियार को जमा कर ले. जिला पुलिस की ओर से लोगों को हथियार जमा करवाने के लिए पंचायत प्रधानों के माध्यम से भी सूचित किया जा रहा है. इसके लिए हर पुलिस थाना व पंचायत के आधार पर सूची तैयार की गई है कि किस क्षेत्र के किस और कितने लोगों को हथियार इश्यू हुए हैं.
कांगड़ा एसपी शालिनी अग्रिहोत्री ने क्या कहा: कांगड़ा एसपी शालिनी अग्रिहोत्री ने कहा कि चुनावों के मद्देनजर हथियार जमा करवाने की अंतिम तिथि 10 अप्रैल तय की गई है. पुलिस स्पोर्ट्समैन जो कि राइफल स्पोर्ट्स में यूज करता हो या फिर कोई डिफेंस रिलेटेड एक्टिविटी में शामिल है तो ऐसे लोग अलग से हथियार अपने पास रखने के लिए एप्लीकेशन दे सकते हैं. इसके लिए स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई है, जो कि फेस टू फेस के आधार पर तय करेगी कि किन केस में छूट देना जरूरी है और ऐसे मामलों को हम स्वीकार भी कर रहे हैं. इसके अलावा अन्य लोगों को अपने लाइसेंसी हथियार जमा कराने होंगे.
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