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महिला सुपरवाइजर भर्ती में अनियमितता पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - IRREGULARITIES IN RECRUITMENT

राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला सुपरवाइजर भर्ती में अनियमितता पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब.

RAJASTHAN High court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 7, 2024, 9:03 PM IST

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला सुपरवाइजर भर्ती-2024 की चयन प्रक्रिया में अनियमितता बरतने पर कर्मचारी चयन बोर्ड और महिला व बाल विकास विभाग के निदेशक से जवाब तलब किया है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश शयादा खान व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड में महिला व बाल विकास विभाग महिला सुपरवाइजर भर्ती के लिए गत 13 फरवरी को भर्ती विज्ञापन जारी किया. जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर दस साल का अनुभव होने की शर्त रखी गई.

याचिका में कहा गया कि भर्ती का गत 20 सितंबर को परिणाम जारी किया गया. जिसमें उन अभ्यर्थियों का चयन किया गया, जिनके पास आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में दस साल का अनुभव नहीं था. वहीं चयन प्रक्रिया में विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को भी तय आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया. वहीं ऐसे कई अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया, जिन्होंने लिखित परीक्षा ही पास नहीं की थी.

इसे भी पढ़ें - करंट से पांच साल की बच्ची ने गंवाए दोनों हाथ, अदालत ने 99 लाख रुपए का दिलाया मुआवजा

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप से दस से बीस साल की अवधि से कार्यरत हैं, लेकिन उन्हें चयन से वंचित रखा गया. इसके अलावा बोर्ड और विभाग ने न तो कट ऑफ मार्क्स सार्वजनिक किए और ना ही अभ्यर्थियों की ओर से परीक्षा में प्राप्त अंकों की जानकारी दी गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला सुपरवाइजर भर्ती-2024 की चयन प्रक्रिया में अनियमितता बरतने पर कर्मचारी चयन बोर्ड और महिला व बाल विकास विभाग के निदेशक से जवाब तलब किया है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश शयादा खान व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड में महिला व बाल विकास विभाग महिला सुपरवाइजर भर्ती के लिए गत 13 फरवरी को भर्ती विज्ञापन जारी किया. जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर दस साल का अनुभव होने की शर्त रखी गई.

याचिका में कहा गया कि भर्ती का गत 20 सितंबर को परिणाम जारी किया गया. जिसमें उन अभ्यर्थियों का चयन किया गया, जिनके पास आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में दस साल का अनुभव नहीं था. वहीं चयन प्रक्रिया में विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को भी तय आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया. वहीं ऐसे कई अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया, जिन्होंने लिखित परीक्षा ही पास नहीं की थी.

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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप से दस से बीस साल की अवधि से कार्यरत हैं, लेकिन उन्हें चयन से वंचित रखा गया. इसके अलावा बोर्ड और विभाग ने न तो कट ऑफ मार्क्स सार्वजनिक किए और ना ही अभ्यर्थियों की ओर से परीक्षा में प्राप्त अंकों की जानकारी दी गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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