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OMR सीट की याचिका पर सुनवाई, HC ने दो सप्ताह के भीतर दोबारा जांच का दिया निर्देश - Hearing on petition of OMR sheet

Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने कक्षा छह से आठवीं तक के आवेदकों के ओएमआर शीट की दोबारा जांच करने का आदेश दिया है. जस्टिस अंजनी कुमार शरण ने शबनम कुमारी एवं अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुनाया. पढ़ें पूरी खबर.

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 29, 2024, 9:16 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अंजनी कुमार शरण ने शबनम कुमारी एवं अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की. पटना हाईकोर्ट ने कक्षा छह से आठवीं तक के आवेदकों के ओएमआर शीट का दोबारा जांच करने का आदेश दिया है. कोर्ट अपने निर्णय में कहा कि अभिलेखों पर उपलब्ध कागजात के जांच पाया कि ओएमआर शीट कक्षा-नौवीं से दसवीं तक के अभ्यर्थियों का दोबारा जांच की गई. उसके बाद कक्षा-छह से आठवीं तक के याचिकाकर्ताओं को इससे वंचित कर दिया गया.

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई: पटना हाईकोर्ट ने न्याय हित में आयोग को आवेदकों का ओएमआर शीट, जिन्होंने कक्षा छह से आठवीं तक के लिए शिक्षकों के पद पर आवेदन किये हैं. उनकी दो सप्ताह के भीतर दोबारा जांच करे. इसके पूर्व आवेदकों के वकील शशि भूषण सिंह का कहना था कि बीपीएससी अंतिम समय में ओएमआर शीट के उत्तर पुस्तिका का क्रम बदल दिया गया था.

उत्तर पुस्तिका बदलने से फेल हो गए: वकील शशि भूषण सिंह का कहना था कि उत्तर पुस्तिका का क्रम बदले की वजह से अभ्यर्थियों द्वारा राजनीति विज्ञान, भूगोल, अर्थशास्त्र विषय में दिए गए उत्तर को इतिहास का उत्तर मानकर मूल्यांकन किया गया. परिणाम यह हुआ कि सभी इस परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गए.

आयोग के कोर्ट को दी दलील: उन्होंने कोर्ट को बताया कि एडमिट कार्ड में दिए गए विवरण के अनुसार मूल्यांकन किया गया होता तो आवेदक शिक्षक पद पर नियुक्ति होने के लिए योग्य हो जाते. वहीं आयोग की ओर से पटना हाईकोर्ट को बताया गया कि परीक्षा के पूर्व शिक्षक पद के उम्मीदवारों को विषय बदलाव करने का पूरा मौका दिया गया था, लेकिन आवेदकों ने समय रहते विषय बदलाव नहीं किये.

पटना: पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अंजनी कुमार शरण ने शबनम कुमारी एवं अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की. पटना हाईकोर्ट ने कक्षा छह से आठवीं तक के आवेदकों के ओएमआर शीट का दोबारा जांच करने का आदेश दिया है. कोर्ट अपने निर्णय में कहा कि अभिलेखों पर उपलब्ध कागजात के जांच पाया कि ओएमआर शीट कक्षा-नौवीं से दसवीं तक के अभ्यर्थियों का दोबारा जांच की गई. उसके बाद कक्षा-छह से आठवीं तक के याचिकाकर्ताओं को इससे वंचित कर दिया गया.

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई: पटना हाईकोर्ट ने न्याय हित में आयोग को आवेदकों का ओएमआर शीट, जिन्होंने कक्षा छह से आठवीं तक के लिए शिक्षकों के पद पर आवेदन किये हैं. उनकी दो सप्ताह के भीतर दोबारा जांच करे. इसके पूर्व आवेदकों के वकील शशि भूषण सिंह का कहना था कि बीपीएससी अंतिम समय में ओएमआर शीट के उत्तर पुस्तिका का क्रम बदल दिया गया था.

उत्तर पुस्तिका बदलने से फेल हो गए: वकील शशि भूषण सिंह का कहना था कि उत्तर पुस्तिका का क्रम बदले की वजह से अभ्यर्थियों द्वारा राजनीति विज्ञान, भूगोल, अर्थशास्त्र विषय में दिए गए उत्तर को इतिहास का उत्तर मानकर मूल्यांकन किया गया. परिणाम यह हुआ कि सभी इस परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गए.

आयोग के कोर्ट को दी दलील: उन्होंने कोर्ट को बताया कि एडमिट कार्ड में दिए गए विवरण के अनुसार मूल्यांकन किया गया होता तो आवेदक शिक्षक पद पर नियुक्ति होने के लिए योग्य हो जाते. वहीं आयोग की ओर से पटना हाईकोर्ट को बताया गया कि परीक्षा के पूर्व शिक्षक पद के उम्मीदवारों को विषय बदलाव करने का पूरा मौका दिया गया था, लेकिन आवेदकों ने समय रहते विषय बदलाव नहीं किये.

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