कुल्लू: भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने शराब ओवर रेट को लेकर सुक्खू सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश में शराब माफिया को सरकार संरक्षण दे रही है. शराब माफिया मनमाने दाम लेकर जनता को लूट रही है. सरकार की खुली छूट से आम जनता प्रभावित हो रही है. वहीं, प्रदेश में आबकारी विभाग भी इस पर कोई संज्ञान नहीं ले रहा है.
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में शराब माफिया को सरकार का संरक्षण प्राप्त है और शराब विक्रेता सरकार के साथ मिलकर मनमाने दाम पर शराब बेच रहे हैं. इससे ऐसा लगता है कि चुनाव के दौरान शराब माफिया ने कांग्रेस सरकार को सहयोग किया होगा और अब इस बात का बदला आम जनता को लूट कर लिया जा रहा है.
गोविंद ठाकुर ने कहा, "जिला कुल्लू में पर्यटन सीजन के दौरान भी शराब माफिया की लूट सैलानियों से भी जारी रही. आज भी हर जगह पर शराब के अधिक दाम वसूले जा रहे हैं. ग्राहक के मांगने पर भी उन्हें कोई बिल नहीं दिया जा रहा है. जब ग्राहक के द्वारा आवाज उठाई जाती है तो शराब माफिया के द्वारा मारपीट की घटना को अंजाम दिया जा रहा है. जिस कारण प्रदेश की कानून व्यवस्था भी खराब हो रही है".
गोविंद ठाकुर ने कहा कि आए दिन इस तरह के वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं, जिसमे शराब विक्रेता अपनी मनमानी कर रहे हैं. अब सरकार द्वारा नई शराब नीति लागू की गई है, जिसमे अब एमएसपी लागू की गई हैं. जिसके तहत शराब बोतल पर प्रिंट दाम से विक्रेता 30 प्रतिशत अधिक कीमत ले सकता है. लेकिन शराब माफिया इस बात को नहीं मान रहा है और मुंह मांगे दाम वसूले जा रहे हैं. अब इस बात से पता चलता है कि सरकार द्वारा किस तरह से शराब माफिया को खुली छूट दे रखी है.
हालांकि, इस मामले की लोगों द्वारा शिकायत भी की जा रही हैं. लेकिन अभी तक सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. कई जगह पर शराब में कुछ और चीज भी डाली जा रही है, जिस कारण लोगों की सेहत से भी खिलवाड़ किया जा रहा है. ऐसी घटनाएं पूरे प्रदेश में पेश आ रही है और यह सब सरकार की गलत नीति का परिणाम है. सरकार ने बड़े शराब माफिया के कहने पर यह शराब नीति तैयार की है और इसमें सरकारी तंत्र की भी मिलीभगत है.
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि शराब ठेके का आवंटन द्वारा जिन लोगों की आबकारी विभाग में देनदारी थी. उन लोगों को भी इस पूरी प्रक्रिया में भाग लेने दिया गया है. जबकि आबकारी नीति के अनुसार वो इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते हैं. ऐसे में सरकार को क्या जरूरत पड़ गई कि उन्हें चुनावी वर्ष में इस तरह की शराब नीति को लाना पड़ा.
गोविंद ठाकुर ने कहा कि साल 2016 में भी कांग्रेस द्वारा इसी तरह की नीति लाई गई थी, जिसे बाद में भाजपा सरकार द्वारा बदला गया. कांग्रेस सरकार जब भी सत्ता में आती हैं तो वो जनता से लूट करना शुरू कर देती है. ऐसे में अगर जल्द ही इस शराब नीति को नही बदला गया तो आने वाले समय में जनता के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा.
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