नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: थाना बीटा दो क्षेत्र में स्थित साइड फॉर इंडस्ट्री एरिया में एक सोफा बनाने वाली कंपनी में 26 नवंबर को हुई गैस लीक की घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया. इस दुर्घटना में कंपनी के अंदर सो रहे तीन मजदूरों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई. स्थितियों के गम्भीरता को देखते हुए स्थानीय थाना बीटा दो की पुलिस ने फैक्ट्री मालिक तकी हसन को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बाद में उसे तुरंत जमानत मिल गई.
जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर ने इस मामले को लेकर तुरंत कदम उठाते हुए एडीएम फाइनेंस के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया है. यह टीम पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस हादसे के पीछे कौन-कौन से कारक जिम्मेदार थे.
गौरतलब है कि यह फैक्ट्री उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) के अंतर्गत आती है. घटना के पीछे गैस लीक की वजह से आग लगने की पुष्टि हुई है. चीफ फायर ऑफिसर प्रदीप कुमार ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और बताया कि फैक्ट्री ने फायर एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) नहीं ली थी. यह फैक्ट्री कोरोना काल के दौरान बंद थी और ओपन एरिया में स्थायी रूप से सामान्य गतिविधियों का संचालन किया जा रहा था.
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फायर एनओसी की होगी जांच: फायर ऑफिसर ने कहा कि अग्निशामक विभाग जल्द ही एक अभियान चलाएगा, जिसके अंतर्गत सभी इंडस्ट्रीज और संस्थागत इमारतों में फायर एनओसी की जांच की जाएगी. जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी संस्थानों की फायर एनओसी की फिर से जांच की जाएगी, साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संबंधित संस्थानों का मास्टर प्लान और नक्शा अप्रूव है या नहीं.
जिलाधिकारी ने कहा, "हमने बार-बार संचार के माध्यम से निर्देशित किया है कि बिना एनओसी के कोई भी संस्थान कार्य न करे. यदि कोई उल्लंघन करता है, तो उसके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें एफआईआर दर्ज करना या संस्थान को बंद करना शामिल है."
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