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सीतावनी के नाम से जाना जाएगा पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व, धामी सरकार ने जारी किया आदेश

Pawalgarh Conservation Reserve पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व के नाम को बदलने को लेकर धामी सरकार ने आदेश जारी कर दिया है. अब पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व अब सीतावनी कंजर्वेशन के नाम से जाना जाएगा. उत्तराखंड सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है जिसने एक संरक्षित क्षेत्र का नाम मां सीता के नाम पर रखा है.

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सीतावनी के नाम से जाना जाएगा पवलगढ़
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 20, 2024, 10:40 PM IST

Updated : Jan 22, 2024, 3:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व का नाम बदल कर सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व कर दिया है. जिसका आदेश धामी सरकार ने आज जारी कर दिया है. अब से पवलगढ़ सीतावनी कंजर्वेशन के नाम से जाना जाएगा. सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व में मां सीता का पौराणिक मंदिर और महा ऋषि वाल्मीकि आश्रम है. जिसकी देखरेख भारतीय पुरातत्व विभाग करता है. यहां जाने के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है. ईटीवी भारत ने इस संदर्भ में पूर्व में खबर को प्रकाशित किया था, जिस पर मुहर लगी है.

Pawalgarh Conservation Reserve
शासन द्वारा जारी आदेश

उत्तराखंड की धामी सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है जिसने एक संरक्षित क्षेत्र का नाम मां सीता के नाम पर रखा है. ये जंगल 5824.76 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है. जो टाइगर, हाथी, पक्षी व तितलियों के लिए प्रसिद्ध है. यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थ यात्री भी जाते हैं. इस जंगल को सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किए जाने की मांग, राम नगर और आसपास के कई छोटे बच्चों ने पत्र लिख कर मुख्यमंत्री धामी से की थी. जिस पर वन विभाग के अधिकारियों को सीएम धामी ने निर्देशित किया था, जिस पर आज शासनादेश जारी कर दिया गया.
पढे़ं- 22 जनवरी को धामी सरकार देगी राम भक्तों को अनूठा उपहार, माता सीता के नाम से जाना जाएगा ये रिजर्व क्षेत्र

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रभु राम का उत्तराखंड की देवभूमि से संबंध रहा है. इसी क्रम में पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व का नाम बदल कर अब सीतावनी किया गया है. उन्होंने बताया इस बारे में कई बच्चों ने व स्थानीय लोगों द्वारा पत्र लिख कर अनुरोध भी किया था. उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है.
पढे़ं- अयोध्या का अहम किरदार, इस अधिकारी ने सबसे पहले खुलवाया राम मंदिर परिसर का ताला, मेंटेन किया था माहौल

बता दें कि पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व नैनीताल के करीब जिम कार्बेट से सटे रामनगर वन प्रभाग में पड़ता है. यह क्षेत्र वन्यजीवों का बाहुल्यता के लिए भी जाना जाता है. लेकिन अब इस क्षेत्र को सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व के नाम से जाना जाएगा. वैसे तो पहले से स्थानीय लोग इस क्षेत्र को सीतावनी कहते हैं. यहां के जंगल में माता सीता का पौराणिक मंदिर है. साथ ही महर्षि वाल्मिकी का आश्रम भी मौजूद है, जहां श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते रहते हैं.

देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व का नाम बदल कर सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व कर दिया है. जिसका आदेश धामी सरकार ने आज जारी कर दिया है. अब से पवलगढ़ सीतावनी कंजर्वेशन के नाम से जाना जाएगा. सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व में मां सीता का पौराणिक मंदिर और महा ऋषि वाल्मीकि आश्रम है. जिसकी देखरेख भारतीय पुरातत्व विभाग करता है. यहां जाने के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है. ईटीवी भारत ने इस संदर्भ में पूर्व में खबर को प्रकाशित किया था, जिस पर मुहर लगी है.

Pawalgarh Conservation Reserve
शासन द्वारा जारी आदेश

उत्तराखंड की धामी सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है जिसने एक संरक्षित क्षेत्र का नाम मां सीता के नाम पर रखा है. ये जंगल 5824.76 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है. जो टाइगर, हाथी, पक्षी व तितलियों के लिए प्रसिद्ध है. यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थ यात्री भी जाते हैं. इस जंगल को सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किए जाने की मांग, राम नगर और आसपास के कई छोटे बच्चों ने पत्र लिख कर मुख्यमंत्री धामी से की थी. जिस पर वन विभाग के अधिकारियों को सीएम धामी ने निर्देशित किया था, जिस पर आज शासनादेश जारी कर दिया गया.
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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रभु राम का उत्तराखंड की देवभूमि से संबंध रहा है. इसी क्रम में पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व का नाम बदल कर अब सीतावनी किया गया है. उन्होंने बताया इस बारे में कई बच्चों ने व स्थानीय लोगों द्वारा पत्र लिख कर अनुरोध भी किया था. उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है.
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बता दें कि पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व नैनीताल के करीब जिम कार्बेट से सटे रामनगर वन प्रभाग में पड़ता है. यह क्षेत्र वन्यजीवों का बाहुल्यता के लिए भी जाना जाता है. लेकिन अब इस क्षेत्र को सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व के नाम से जाना जाएगा. वैसे तो पहले से स्थानीय लोग इस क्षेत्र को सीतावनी कहते हैं. यहां के जंगल में माता सीता का पौराणिक मंदिर है. साथ ही महर्षि वाल्मिकी का आश्रम भी मौजूद है, जहां श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते रहते हैं.

Last Updated : Jan 22, 2024, 3:45 PM IST
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