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मल्लिकार्जुन खड़गे पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने से कोर्ट का इनकार, RSS-BJP के खिलाफ बयान का मामला - NO FIR AGAINST MALLIKARJUN KHARGE

-आरएसएस के सदस्य रविंद्र गुप्ता ने दायर की याचिका. -कोर्ट ने साक्ष्य पेश करने का निर्देश दिया.

मल्लिकार्जुन खड़गे
मल्लिकार्जुन खड़गे (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 4 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने बीजेपी और आरएसएस के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कथित अपमानजनक बयान के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने से इनकार कर दिया है. जुडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास यतिंदर सिंह ने यह आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च 2025 को होगी.

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वो मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ साक्ष्य दर्ज कराएं. अगर साक्ष्य में तथ्य होंगे तो जांच के आदेश दिए जाएंगे. याचिका आरएसएस के सदस्य रविंद्र गुप्ता ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने 27 अप्रैल, 2023 को कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी और आरएसएस के बारे में अपमानजनक बयान दिए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए. बाद में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि उन्होंने जो बयान दिया था वो प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं बल्कि आरएसएस और बीजेपी के खिलाफ लगाया था.

याचिकाकर्ता की ओर से वकील गगन गांधी ने कहा कि आरएसएस के सदस्य होने के नाते याचिकाकर्ता मल्लिकार्जुन खड़गे के बयानों से आहत है. इस मामले में कोर्ट ने सब्जी मंडी पुलिस थाने को एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बयान कर्नाटक में दिए गए हैं और वो सब्जी मंडी थाने के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है.

कोर्ट ने कहा कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत कोर्ट का विशेषाधिकार ये देखना नहीं है कि अपराध संज्ञेय है या नहीं, बल्कि ये देखना है कि पुलिस की जांच की जरूरत है या नहीं. इसलिए एफआईआर देने की इजाजत नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए याचिकाकर्ता को शिकायत के पक्ष में साक्ष्य पेश करने का निर्देश दिया.

नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने बीजेपी और आरएसएस के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कथित अपमानजनक बयान के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने से इनकार कर दिया है. जुडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास यतिंदर सिंह ने यह आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च 2025 को होगी.

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वो मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ साक्ष्य दर्ज कराएं. अगर साक्ष्य में तथ्य होंगे तो जांच के आदेश दिए जाएंगे. याचिका आरएसएस के सदस्य रविंद्र गुप्ता ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने 27 अप्रैल, 2023 को कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी और आरएसएस के बारे में अपमानजनक बयान दिए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए. बाद में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि उन्होंने जो बयान दिया था वो प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं बल्कि आरएसएस और बीजेपी के खिलाफ लगाया था.

याचिकाकर्ता की ओर से वकील गगन गांधी ने कहा कि आरएसएस के सदस्य होने के नाते याचिकाकर्ता मल्लिकार्जुन खड़गे के बयानों से आहत है. इस मामले में कोर्ट ने सब्जी मंडी पुलिस थाने को एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बयान कर्नाटक में दिए गए हैं और वो सब्जी मंडी थाने के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है.

कोर्ट ने कहा कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत कोर्ट का विशेषाधिकार ये देखना नहीं है कि अपराध संज्ञेय है या नहीं, बल्कि ये देखना है कि पुलिस की जांच की जरूरत है या नहीं. इसलिए एफआईआर देने की इजाजत नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए याचिकाकर्ता को शिकायत के पक्ष में साक्ष्य पेश करने का निर्देश दिया.

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