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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जलीय जीवों की गणना स्थगित, अब 1 से 3 मार्च के बीच होगा सर्वेक्षण - CORBETT TIGER RESERVE

दरअसल खराब मौसम के कारण जलीय जीवों की गणना स्थगित की गई है, अब जीव गणना 1 से 3 मार्च के बीच पूरा किया जाएगा.

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अब 1 से 3 मार्च के बीच पूरी होगी जलीय जीवों की गणना (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 27, 2025, 7:22 PM IST

Updated : Feb 27, 2025, 7:35 PM IST

रामनगर: उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में आज से शुरू होने वाली जलीय जीवों की गणना को मौसम खराब होने के कारण स्थगित कर दिया गया है, अब यह गणना 1 से 3 मार्च के बीच की जाएगी, इस सर्वेक्षण का उद्देश्य दुर्लभ जलीय जीवों की संख्या का आंकलन कर उनके संरक्षण को बढ़ावा देना है.

कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व, जो भारत के सबसे प्रतिष्ठित वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है, यहां हर साल जलीय जीवों की गणना की जाती है, इस गणना का मुख्य उद्देश्य रामगंगा नदी में मौजूद ओटर्स, मगरमच्छ और घड़ियाल जैसे जलीय जीवों की संख्या का पता लगाना और उनके संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाना है.

जीव गणना 1 से 3 मार्च के बीच पूरा की जाएगी. (SOURCE: ETV BHARAT)

इस वर्ष, यह गणना आज यानी 27 फरवरी से प्रस्तावित थी, लेकिन खराब मौसम के कारण इसे 1 से 3 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

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हर साल की जाती है जलीय जीवों की गणना (SOURCE: ETV BHARAT)

रामगंगा नदी- दुर्लभ जलीय जीवों का घर: रामगंगा नदी, जो कॉर्बेट पार्क के कोर एरिया से सटी हुई है, कई दुर्लभ जलीय जीवों का घर है, यहां मगरमच्छ, घड़ियाल और ओटर्स बड़ी संख्या में पाए जाते हैं. पार्क प्रशासन द्वारा किए गए हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, वर्तमान में यहां 197 मगरमच्छ,183 घड़ियाल, और 161 ओटर्स मौजूद हैं. ये आंकड़े वन्यजीव संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और पार्क प्रशासन इन्हें लगातार ट्रैक करता है.

गौर हो कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व भारत का पहला टाइगर रिजर्व है और यह वन्यजीव संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाता है, न सिर्फ बाघों के लिए, बल्कि यहां पाए जाने वाले अन्य जीवों के संरक्षण के लिए भी पार्क प्रशासन लगातार प्रयासरत है. जलीय जीवों की गणना भी इसी कड़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

पार्क के डायरेक्टर डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि, 'कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हर साल जलीय जीवों की गणना की जाती है ताकि उनकी संख्या को रिकॉर्ड किया जा सके और उनके संरक्षण को लेकर योजनाएं बनाई जा सके. इस बार मौसम खराब होने के कारण गणना स्थगित की गई है, क्योंकि खराब मौसम में जलीय जीव पानी से बाहर नहीं आते ऐसे में उन्हें देखा जाना मुश्किल होता है. लेकिन 1 से 3 मार्च के बीच यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा.

बता दें कि पार्क में जलीय जीवों की गणना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो यह सुनिश्चित करती है कि दुर्लभ जीवों की संख्या में गिरावट न हो और उनके संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन इस दिशा में निरंतर प्रयास करता आ रहा है. बता दें कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 260 से ज्यादा बाघ, 1200 से ज्यादा हाथी, लेपर्ड, 600 से ज्यादा पक्षी प्रजाति ,जैव विविधता जंगल इसके साथ ही कई प्रकार के जीव जंतु पाए जाते हैं.

ये भी पढ़ें- जिम कार्बेट पार्क में बाघ ने कर्मचारी पर किया हमला, बिजरानी रेंज में गश्त पर था वर्कर

ये भी पढ़ें- टाइगर साइटिंग के लिए वन्य जीव प्रेमियों की पहली पसंद है कॉर्बेट का ढिकाला जोन, जानें क्यों

ये भी पढ़ें-कॉर्बेट में हॉग डियर को बचाने के लिए मिली स्पेशल प्रोजेक्ट को मंजूरी, 47 साल में पहुंचे विलुप्ति की कगार पर

रामनगर: उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में आज से शुरू होने वाली जलीय जीवों की गणना को मौसम खराब होने के कारण स्थगित कर दिया गया है, अब यह गणना 1 से 3 मार्च के बीच की जाएगी, इस सर्वेक्षण का उद्देश्य दुर्लभ जलीय जीवों की संख्या का आंकलन कर उनके संरक्षण को बढ़ावा देना है.

कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व, जो भारत के सबसे प्रतिष्ठित वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है, यहां हर साल जलीय जीवों की गणना की जाती है, इस गणना का मुख्य उद्देश्य रामगंगा नदी में मौजूद ओटर्स, मगरमच्छ और घड़ियाल जैसे जलीय जीवों की संख्या का पता लगाना और उनके संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाना है.

जीव गणना 1 से 3 मार्च के बीच पूरा की जाएगी. (SOURCE: ETV BHARAT)

इस वर्ष, यह गणना आज यानी 27 फरवरी से प्रस्तावित थी, लेकिन खराब मौसम के कारण इसे 1 से 3 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

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हर साल की जाती है जलीय जीवों की गणना (SOURCE: ETV BHARAT)

रामगंगा नदी- दुर्लभ जलीय जीवों का घर: रामगंगा नदी, जो कॉर्बेट पार्क के कोर एरिया से सटी हुई है, कई दुर्लभ जलीय जीवों का घर है, यहां मगरमच्छ, घड़ियाल और ओटर्स बड़ी संख्या में पाए जाते हैं. पार्क प्रशासन द्वारा किए गए हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, वर्तमान में यहां 197 मगरमच्छ,183 घड़ियाल, और 161 ओटर्स मौजूद हैं. ये आंकड़े वन्यजीव संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और पार्क प्रशासन इन्हें लगातार ट्रैक करता है.

गौर हो कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व भारत का पहला टाइगर रिजर्व है और यह वन्यजीव संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाता है, न सिर्फ बाघों के लिए, बल्कि यहां पाए जाने वाले अन्य जीवों के संरक्षण के लिए भी पार्क प्रशासन लगातार प्रयासरत है. जलीय जीवों की गणना भी इसी कड़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

पार्क के डायरेक्टर डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि, 'कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हर साल जलीय जीवों की गणना की जाती है ताकि उनकी संख्या को रिकॉर्ड किया जा सके और उनके संरक्षण को लेकर योजनाएं बनाई जा सके. इस बार मौसम खराब होने के कारण गणना स्थगित की गई है, क्योंकि खराब मौसम में जलीय जीव पानी से बाहर नहीं आते ऐसे में उन्हें देखा जाना मुश्किल होता है. लेकिन 1 से 3 मार्च के बीच यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा.

बता दें कि पार्क में जलीय जीवों की गणना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो यह सुनिश्चित करती है कि दुर्लभ जीवों की संख्या में गिरावट न हो और उनके संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन इस दिशा में निरंतर प्रयास करता आ रहा है. बता दें कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 260 से ज्यादा बाघ, 1200 से ज्यादा हाथी, लेपर्ड, 600 से ज्यादा पक्षी प्रजाति ,जैव विविधता जंगल इसके साथ ही कई प्रकार के जीव जंतु पाए जाते हैं.

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Last Updated : Feb 27, 2025, 7:35 PM IST
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