हमीरपुर: हिमाचल की कांग्रेस सरकार पर अपनों के हमले जारी हैं. इस बार सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा मोर्चा खोला है. राजेंद्र राणा ने एक बार फिर बगावती तेवर दिखाते हुए मुख्यमंत्री को चिट्ठी लखी है और मुख्यमंत्री को युवाओं से किए वो वादे याद दिलाए हैं जो अब तक पूरे नहीं हुए हैं. राणा ने मुख्यमंत्री को लिखी दो पेज की चिट्ठी अपने सोशल मीडिया पेज पर भी शेयर की है. सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा पहले भी सरकार को वादे याद दिला चुके हैं.
राजेंद्र राणा ने सोशल मीडिया पर चिट्ठी पोस्ट करते हुए लिखा है कि "मैं प्रदेश के युवाओं औऱ सुजानपुर की जनता के हितों की लड़ाई लड़ने में कभी पीछे नहीं रहूंगा, उनकी आवाज उठाता रहूंगा". राजेंद्र राणा ने दो पेज की चिट्ठी मुख्यमंत्री के नाम भेजी है जिसमें उन्होंने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं का जिक्र करते हुए सीएम सुक्खू को वादे और घोषणाएं याद दिलाई हैं. उन्होंने एक तरह से इस चिट्ठी के जरिये मुख्यमंत्री से कई सवाल किए हैं और अपनी ही सरकार पर सवाल उठा दिए हैं
कब होगा नौकरी का वादा पूरा- राजेंद्र राणा ने चिट्ठी की शुरुआत में सुखाश्रय जैसी योजना चलाने के लिए सरकार की तारीफ की है लेकिन उसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को युवाओं से किए वादे याद दिलाए हैं. राणा ने लिखा कि प्रदेश में सरकार को बने 14 महीने हो गए हैं और युवा अब भी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं. युवाओं ने कांग्रेस सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और कांग्रेस ने एक लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा भी किया था लेकिन अब तक वो वादा पूरा नहीं हुआ है. प्रदेश का युवा बेसब्री से इंतजार कर रहा है.
कब जारी होंगे पेंडिंग रिजल्ट- राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि रुके हुए भर्ती परिणाम कब जारी होंगे. चिट्ठी में लिखा गया है कि लंबे वक्त से भर्तियों के परिणाम रुके हुए हैं. जिन युवाओं ने परीक्षा पास की है, वे अब रिजल्ट ना आने के कारण परेशान हैं. रिजल्ट के इंतजार में युवाओं की उम्र बढ़ रही है और वो ओवर एज हो रहे हैं. उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि उम्र सीमा से अधिक आयु होने पर वो कहीं नौकरी के लिए अपात्र ना हो जाएं. राजेंद्र राणा ने लिखा कि विपक्ष में रहते हुए हम युवाओं के हितों की पैरवी करते थे. अब ये युवा तमाम विधायकों से मिलकर रिजल्ट जारी करने की मांग करते हैं. राजेंद्र राणा ने सीएम से हमीरपुर स्थित चयन बोर्ड को बहाल करने की मांग की है. ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके और जिन्होंने पेपर दिए हैं उनके रिजल्ट जल्द से जल्द निकल सकें.
कब मिलेगी करुणा मूलक आधार पर नौकरी- राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में करुणा मूलक आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे युवाओं का भी जिक्र किया है. राणा ने कहा कि हमने विपक्ष में रहते हुए उनकी आवाज बुलंद की थी. महंगाई के दौर में ऐसे परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट है. इन परिवारों की नजरें सरकार पर टिकी हैं. कई विभागों में अलग-अलग कैटेगरी के कई पद खाली पड़े हैं. जिसे देखते हुए ऐसे युवाओं और परिवारों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जल्द फैसला लेने की जरूरत है.
सुजानपुर से किए वादे कब पूरे होंगे- सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा ने अपने विधानसभा क्षेत्र होली महोत्सव पर पिछले साल किए गए मुख्यमंत्री के वादों का जिक्र भी किया है. राणा ने लिखा कि मुख्यमंत्री की घोषणाएं पत्थर की लकीर होती हैं लेकिन अब तक घोषणाए पूरी नहीं हुई हैं. टौंणी देवी में डिग्री कॉलेज खोलने और सुजानपुर अस्पताल में बेड की क्षमता 50 से 100 करने का ऐलान हुआ था. इसे कैबिनेट में मंजूरी भी मिल गई है. सिविल अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती भी बहुत जरूरी है. राजेंद्र राणा के मुताबिक वो कई बार व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री से मिलकर ये आग्रह कर चुके हैं. प्रदेश में कई जगह अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टर्स तैनात किए जा चुके हैं लेकिन सुजानपुर में ऐसा नहीं हुआ है. उन्होंने फिर एक बार एक्सपर्ट डॉक्टर्स की तैनाती की मांग की है.
राणा ने सीएम को याद दिलाया कि सुजानपुर में जल शक्ति विभाग और विद्युत विभाग का डिवीजन फिर से खोलने, बस अड्डे के निर्माण, डिग्री कॉलेज में अंग्रेजी और अर्थशास्त्र में एमए की कक्षाएं शुरू करने की भी घोषणा की गई थी. लेकिन सुजानपुर इन घोषणाओं के पूरा होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है.
भरोसा टूट रहा है- राजेंद्र राणा ने पूरी चिट्ठी में युवाओं और सुजानपुर की जनता से किए वादे और घोषणाएं याद दिलाई. राणा के मुताबिक युवाओं का हम पर भरोसा धीरे-धीरे टूट रहा है और उनके सब्र का पैमाना छलक रहा है. राणा ने मुख्यमंत्री से गुजारिश की है वादों को अमलीजामा पहनाना होगा, इससे पार्टी की साख मजबूत होगी और मुख्यमंत्री का नेतृत्व भी मजबूत होगा.
लगातार अटैकिंग मोड में हैं राणा- राजेंद्र राणा ने इससे पहले भी पिछले साल 2 सितंबर को सोशल मीडिया पर ऐसी ही चिट्ठी शेयर की थी. जिसमें युवाओं से लेकर प्रदेश के कर्मचारियों की आवाज बुलंद करते हुए मुख्यमंत्री को वादे याद दिलाए गए थे. कैबिनेट विस्तार की बात हो या विधायक निधि की, राजेंद्र राणा अपनी सरकार के खिलाफ खुलकर बोलते रहे हैं. कैबिनेट विस्तार में उनके नाम की चर्चा हमेशा होती रही लेकिन उन्हें जगह नहीं मिली थी. वैसे बीते एक साल में कांग्रेस की सरकार अपनों के निशाने पर रही है, जो सरकार के प्रति नाराजगी दिखाती है. लोकसभा चुनाव से पहले अपनों की नाराजगी कांग्रेस के लिए हानिकारक साबित हो सकती है.
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