शिमला: हिमाचल में विधानसभा की तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने दो टिकट फाइनल कर दिए हैं. कांग्रेस ने हमीरपुर विधानसभा सीट से पुष्पेंद्र वर्मा और नालागढ़ विधानसभा सीट से हरदीप सिंह बावा पर भरोसा जताया है.
कांगड़ा जिला के तहत देहरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अभी टिकट फाइनल नहीं किए हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को हिमाचल और उत्तराखंड में विधानसभा उपचुनाव के लिए कुल चार प्रत्याशियों की सूची जारी है.
इसमें दो हिमाचल और दो उत्तराखंड के प्रत्याशी हैं. वहीं, देहरा विधानसभा सीट से कांग्रेस जल्द ही अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर देगी. बता दें कि प्रदेश में जिला कांगड़ा के तहत देहरा, सोलन जिला के तहत नालागढ़ और हमीरपुर जिला के तहत हमीरपुर विधानसभा सीट पर विधायक का पद खाली होने से उपचुनाव होने हैं.
इन सीटों पर तीन निर्दलीय विधायक चुने गए थे जिन्होंने 22 मार्च को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था. इसे विधानसभा अध्यक्ष ने 3 जून को स्वीकार कर लिया. ऐसे में तीनों विधानसभा सीटों पर रिक्त हुए पदों को भरने के लिए अब उपचुनाव हो रहा है.
21 जून तक भरे जा सकते हैं नामांकन:
हिमाचल में विधानसभा की तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 21 जून तक नामांकन पत्र भरे जा सकते हैं. इसकी अधिसूचना 14 जून को जारी की गई थी. वहीं, तीनों सीटों के लिए 10 जुलाई को मतदान होगा. इसके बाद 13 जुलाई को मतों की गिनती होगी और इसी दिन नतीजे घोषित किए जाएंगे.
डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा का राजनीतिक सफर:
साल 2022 में पुष्पेंद्र वर्मा ने हमीरपुर विधानभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और उन्हें 13,017 वोट पड़े थे. निर्दलीय उम्मीदवार आशीष शर्मा ने उन्हें 12,899 मतों से हराया था. पुष्पेंद्र वर्मा के पिता रणजीत सिंह भी विधायक रह चुके हैं. इस बार उपचुनाव में पुष्पेंद्र वर्मा को कांग्रेस ने अपना दूसरी बार प्रत्याशी बनाया गया है. वह पेशे से डॉक्टर हैं. इस बार फिर से हमीरपुर विधानसभा सीट पर भाजपा के टिकट पर आशीष शर्मा और कांग्रेस के टिकट पर डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा आमने-सामने हैं.
बावा हरदीप सिंह का राजनीतिक सफर:
बावा हरदीप सिंह को कांग्रेस ने इस उपचुनाव के लिए दूसरी बार प्रत्याशी बनाया है. उन्होंने साल 2022 में भी नालागढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. उस दौरान निर्दलीय प्रत्याशी केएल ठाकुर से 13,264 मतों के अंतर से चुनाव हारे थे. इस बार दोनों नेता फिर भाजपा और कांग्रेस के टिकट पर आमने-सामने हैं. हरदीप सिंह बावा पूर्व CM वीरभद्र सिंह के कट्टर समर्थक रहे हैं. उन्होंने वर्ष 2017 में भी निर्दलीय चुनाव लड़ा था लेकिन अभी तक किसी भी चुनाव में उन्हें जीत नहीं मिल पाई है.
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