शिमला: रात राजधानी शिमला में 31 जुलाई की रात रामपुर के समेज गांव में बादल फटने के बाद से भारी तबाही हुई थी. इस घटना के बाद 36 लोग लापता हो गए थे. इन लापता लोगों में स्कूल के आठ छात्र भी शामिल थे. लापता लोगों की तलाश में सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है.
हालात का जायजा लेने के लिए हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह समेज गांव पहुंचे. सीएम के साथ शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी मौजूद थे. उन्होंने इस दौरान गांव में हुए नुकसान का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों से बातचीत की है. उन्होंने प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वसान दिया है.
सीएम सुक्खू ने कहा कि, 'सात आठ बच्चे जिन्होंने अपना जीवन देखा भी नहीं था वो दुनिया को छोड़कर चले गए. लापता लोगों के जिंदा मिलने की उम्मीद कम है. बरसात खत्म होने को अभी समय है. प्रभावित परिवारों को बसाने का काम करेंगे. प्रभावित बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे. सभी परिवारों को हम राहत देंगे. आज शाम तक सभी परिवारों को आपदा राहत मिल जाएगी. अभी तक चार बॉडी रिकवर हो गई है, 49 लोग लापता हैं.'
सीएम ने कहा कि, 'प्रभावित परिवारों को तीन महीने का गैस सिलेंडर, खाना पीना, 50 हजार रुपये अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए दिया जाएगा. बारिश खत्म होने के बाद घर बनाने के लिए प्रभावितत परिवारों को आर्थिक मदद दी जाएगी. बिजली, पानी का कनेक्शन दिया जाएगा, जिनकी जमीने बह गई हैं उनके पुनर्वास के लिए सरकार कदम उठाएगी. सीएम ने प्रभावित परिवारों को अलग से मुआवजा देने की बात कही है. उन्होंने प्रशासन को उचित कदम उठाने के आदेश दे दिए हैं.'
मौके पर रवाना होने से पूर्व सीएम सुखविंदर सिंह ने हमारा राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है. राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी जी मौके पर मौजूद हैं. आपदा में सड़क, पुल और जल की योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. हमारे जिन साथियों की जीवन लीला समाप्त हुई है, जो हमें छोड़कर चले गए हैं उनके शवों की रिकवरी का काम जारी है. NDRF, SDRF, सेना और पुलिस की टीमें युद्धस्तर पर बचाव कार्य में लगी हुई.
इस घटना में आपदा प्रभावित लोगों को बुशहर सदन रामपुर में ठहराया जाएगा. इसके लिए पूरे भवन को स्थानीय प्रशासन ने अपने नियंत्रण में ले लिया है. लापता लोगों की तलाश में 85 किलोमीटर के एरिया में सर्च ऑपरेशन चलाया जाएगा.
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