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रूस के एक लेखक ने कुल्लू घाटी की संस्कृती का किया था अध्ययन, आज है उनकी 150वीं जयंती - Masters Universe exhibition

Masters Universe exhibition Shimla: सीएम सुक्खू ने गेयटी थियेटर में प्रसिद्ध रूसी कलाकार की 150वीं जयंती पर गेयटी थियेटर में एक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया. ये रूसी कलाकार हिमाचल प्रदेश में रहे थे और इनके नाम पर कुल्लू में एक ट्रस्ट भी है. डिटेल में पढ़ें खबर..

निकोलस रोरिक की 150वीं जयंती
निकोलस रोरिक की 150वीं जयंती (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 1, 2024, 5:40 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गेयटी थियेटर में प्रसिद्ध रूसी कलाकार, विचारक और शांति के अग्रदूत निकोलस रोरिक की 150वीं जयंती के अवसर पर ‘मास्टर्स यूनिवर्स’ प्रदर्शनी का शुभारंभ किया.

इस प्रदर्शनी का आयोजन इंटरनेशनल सेंटर ऑफ दि रोरिक, मास्को, अंतरराष्ट्रीय रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट नगर, जिला कुल्लू और भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया.

यह प्रदर्शनी 25 सितम्बर 2024 तक आयोजित की जाएगी. इस अवसर पर सीएम ने कलाकार, लेखक और विचारक के रूप में निकोलस रोरिक के योगदान की सराहना करते हुए कहा विशेष रूप से कुल्लू घाटी की समृद्ध परम्पराओं को प्रोत्साहन देने के लिए उन्होंने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया.

प्रदेश में करीब 20 सालों तक उन्होंने हिमालय की संस्कृति का गहन अध्ययन किया और कुल्लू घाटी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की वकालत की. मुख्यमंत्री ने कहा वैश्विक स्तर पर रोरिक का गहरा प्रभाव था.

15 अप्रैल, 1935 को 21 देशों द्वारा हस्ताक्षरित की गई अंतरराष्ट्रीय रोरिक संधि का उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करना है. उन्होंने कहा रोरिक शांति और सद्भाव के लिए सदैव प्रयासरत रहे. वह मानते थे कि युवाओं के बीच सम्मान और सामंजस्य की भावना को बढ़ावा देकर सांस्कृतिक मूल्यों के माध्यम से वैश्विक संघर्षों का हल निकाला जा सकता है.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा भारत और रूस के संबंध सदियों पुराने हैं और सांस्कृतिक रूप से रूस और भारत की सोच में काफी समानता है. रूस ने कठिन दौर में भारत की हमेशा सहायता की है. सीएम ने कहा प्रदेश सरकार नग्गर स्थित अंतरराष्ट्रीय रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट को और अधिक सुदृढ़ करेगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में फिर से उपचुनाव का ऐलान, इस दिन डाले जाएंगे वोट, आचार संहिता लागू

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गेयटी थियेटर में प्रसिद्ध रूसी कलाकार, विचारक और शांति के अग्रदूत निकोलस रोरिक की 150वीं जयंती के अवसर पर ‘मास्टर्स यूनिवर्स’ प्रदर्शनी का शुभारंभ किया.

इस प्रदर्शनी का आयोजन इंटरनेशनल सेंटर ऑफ दि रोरिक, मास्को, अंतरराष्ट्रीय रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट नगर, जिला कुल्लू और भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया.

यह प्रदर्शनी 25 सितम्बर 2024 तक आयोजित की जाएगी. इस अवसर पर सीएम ने कलाकार, लेखक और विचारक के रूप में निकोलस रोरिक के योगदान की सराहना करते हुए कहा विशेष रूप से कुल्लू घाटी की समृद्ध परम्पराओं को प्रोत्साहन देने के लिए उन्होंने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया.

प्रदेश में करीब 20 सालों तक उन्होंने हिमालय की संस्कृति का गहन अध्ययन किया और कुल्लू घाटी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की वकालत की. मुख्यमंत्री ने कहा वैश्विक स्तर पर रोरिक का गहरा प्रभाव था.

15 अप्रैल, 1935 को 21 देशों द्वारा हस्ताक्षरित की गई अंतरराष्ट्रीय रोरिक संधि का उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करना है. उन्होंने कहा रोरिक शांति और सद्भाव के लिए सदैव प्रयासरत रहे. वह मानते थे कि युवाओं के बीच सम्मान और सामंजस्य की भावना को बढ़ावा देकर सांस्कृतिक मूल्यों के माध्यम से वैश्विक संघर्षों का हल निकाला जा सकता है.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा भारत और रूस के संबंध सदियों पुराने हैं और सांस्कृतिक रूप से रूस और भारत की सोच में काफी समानता है. रूस ने कठिन दौर में भारत की हमेशा सहायता की है. सीएम ने कहा प्रदेश सरकार नग्गर स्थित अंतरराष्ट्रीय रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट को और अधिक सुदृढ़ करेगी.

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