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दुमका में स्कूल का हाल देख बीडीओ सिर चकराया, मास्टरजी पढ़ा रहे- प्रणब मुखर्जी भारत के राष्ट्रपति, रघुवर दास झारखंड के सीएम - दुमका का सरकारी स्कूल

Government school of Dumka. दुमका के नक्सल प्रभावित इलाके के सरकारी स्कूलों का हाल बेहाल है. यहां बच्चों का भविष्य भगवान भरोसे है. हालात इतने बुरे हैं कि एक तो स्कूल में पढ़ाई नहीं हो रही है, दूसरा अगर कुछ पढ़ाया भी जा रहा है तो वो भी पूरी तरह से गलत. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Children being taught wrongly in government school of Dumka
Children being taught wrongly in government school of Dumka
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 20, 2024, 1:09 PM IST

Updated : Feb 20, 2024, 1:21 PM IST

दुमका के सरकारी स्कूल का हाल

दुमकाः जिले का शिकारीपाड़ा प्रखंड नक्सलवाद प्रभावित है. इसके ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी विद्यालय की व्यवस्था अत्यंत बदहाल है. शिक्षकों को बच्चों के भविष्य से कोई लेना देना नहीं. उन्हें कैसी तालीम दी जा रही है इसे देखने वाला कोई नहीं. शिकारीपाड़ा प्रखंड के बीडीओ एजाज आलम जब एक जांच के सिलसिले में उत्क्रमित मध्य विद्यालय खेड़बोना - नीमटोला पहुंचे तो वहां की अव्यवस्था देख वे हैरान हो गए. खास बात यह थी कि स्कूल में एक बोर्ड लगा था, जिस पर भारत के राष्ट्रपति का नाम प्रणब मुखर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और शिक्षा मंत्री नीरा यादव अंकित था. जाहिर है बच्चों की शिक्षा से किसी को कोई लेना देना नहीं है और न ही उनके भविष्य के प्रति वे चिंतित हैं.

अभिभावक - शिक्षक विवाद की जांच में पहुंचे थे बीडीओ

दरअसल पूरा मामला यह है कि दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय खेड़बोना - नीम टोला में विगत दिनों अभिभावक शिक्षक के बीच हुए विवाद की जांच के लिए बीडीओ एजाज आलम स्कूल पहुंचे थे. उनके साथ शिकारीपाड़ा के प्रभारी थाना इंचार्ज गणेश पासवान भी मौजूद थे. दरअसल चार दिन पूर्व स्कूल के प्रिंसिपल प्रभात मंडल ने ग्रामीण नईम अंसारी पर यह आरोप लगाया था कि वह अपने बच्चे का सर्टिफिकेट ( एसएलसी ) लेने स्कूल आए तो हाथापाई की और विद्यालय का रजिस्टर लेकर चलते बने. यह एफआईआर 15 फरवरी को दर्ज हुई थी. उसके दूसरे दिन नईम अंसारी ने विद्यालय के प्रिंसिपल प्रभात मंडल और सहायक शिक्षक प्रिय रंजन गुप्ता पर अभद्र व्यवहार और मारपीट का आरोप लगाया था.

हैरान रह गए बीडीओ

इसी मामले को लेकर जब बीडीओ एजाज आलम जांच के लिए उक्त विद्यालय पहुंचे तो वहां फैली अराजकता देख हैरान हो गए. वहां काफी संख्या में जुटे ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय भगवान भरोसे संचालित हो रहा है. हेड मास्टर प्रभात मंडल बहुत कम ही आते हैं. अन्य शिक्षकों का भी यही हाल है. वे आते हैं और हाजिरी बनाकर निकल जाते हैं, उन्हें बच्चों की पढ़ाई से कोई लेना-देना नहीं.

बच्चों के भविष्य से खिलवाड़

खास बात यह है कि यहां बच्चों के भविष्य के साथ किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है इसका अंदाजा इसी से लगता है कि विद्यालय में जो बोर्ड लगा है, उसमें आज भी प्रणब मुखर्जी देश के राष्ट्रपति हैं, रघुवर दास झारखंड के मुख्यमंत्री हैं, जबकि द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल हैं. शिक्षा मंत्री के नाम के आगे नीरा यादव लिखा हुआ है. मतलब साफ है स्कूल प्रबंधन को बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है. जहां तक अभिभावक - शिक्षक विवाद का विषय है, सभी ग्रामीणों ने एकजुट होकर कहा कि शिक्षक ने गलत आरोप लगाया है. कोई मारपीट की घटना नहीं घटी है. रजिस्टर को किसी ने छुआ भी नहीं है. कुल मिलाकर मारपीट की घटना की जांच करने गए बीडीओ एजाज अहमद के सामने स्कूल की कुव्यवस्था की पोल खुल गई. उन्हें यह पता चला कि यहां पर शिक्षकों की मनमानी चलती है. ऐसे में साफ जाहिर है कि बच्चों का भविष्य अंधकार में है.

क्या कहते हैं बीडीओ

इधर पूरे मामले पर बीडीओ एजाज आलम ने कहा कि उन्होंने सारा कुछ नोट कर लिया है और अपनी रिपोर्ट वरीय अधिकारी को देंगे. जिसके बाद निर्देश मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

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दुमका के सरकारी स्कूल का हाल

दुमकाः जिले का शिकारीपाड़ा प्रखंड नक्सलवाद प्रभावित है. इसके ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी विद्यालय की व्यवस्था अत्यंत बदहाल है. शिक्षकों को बच्चों के भविष्य से कोई लेना देना नहीं. उन्हें कैसी तालीम दी जा रही है इसे देखने वाला कोई नहीं. शिकारीपाड़ा प्रखंड के बीडीओ एजाज आलम जब एक जांच के सिलसिले में उत्क्रमित मध्य विद्यालय खेड़बोना - नीमटोला पहुंचे तो वहां की अव्यवस्था देख वे हैरान हो गए. खास बात यह थी कि स्कूल में एक बोर्ड लगा था, जिस पर भारत के राष्ट्रपति का नाम प्रणब मुखर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और शिक्षा मंत्री नीरा यादव अंकित था. जाहिर है बच्चों की शिक्षा से किसी को कोई लेना देना नहीं है और न ही उनके भविष्य के प्रति वे चिंतित हैं.

अभिभावक - शिक्षक विवाद की जांच में पहुंचे थे बीडीओ

दरअसल पूरा मामला यह है कि दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय खेड़बोना - नीम टोला में विगत दिनों अभिभावक शिक्षक के बीच हुए विवाद की जांच के लिए बीडीओ एजाज आलम स्कूल पहुंचे थे. उनके साथ शिकारीपाड़ा के प्रभारी थाना इंचार्ज गणेश पासवान भी मौजूद थे. दरअसल चार दिन पूर्व स्कूल के प्रिंसिपल प्रभात मंडल ने ग्रामीण नईम अंसारी पर यह आरोप लगाया था कि वह अपने बच्चे का सर्टिफिकेट ( एसएलसी ) लेने स्कूल आए तो हाथापाई की और विद्यालय का रजिस्टर लेकर चलते बने. यह एफआईआर 15 फरवरी को दर्ज हुई थी. उसके दूसरे दिन नईम अंसारी ने विद्यालय के प्रिंसिपल प्रभात मंडल और सहायक शिक्षक प्रिय रंजन गुप्ता पर अभद्र व्यवहार और मारपीट का आरोप लगाया था.

हैरान रह गए बीडीओ

इसी मामले को लेकर जब बीडीओ एजाज आलम जांच के लिए उक्त विद्यालय पहुंचे तो वहां फैली अराजकता देख हैरान हो गए. वहां काफी संख्या में जुटे ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय भगवान भरोसे संचालित हो रहा है. हेड मास्टर प्रभात मंडल बहुत कम ही आते हैं. अन्य शिक्षकों का भी यही हाल है. वे आते हैं और हाजिरी बनाकर निकल जाते हैं, उन्हें बच्चों की पढ़ाई से कोई लेना-देना नहीं.

बच्चों के भविष्य से खिलवाड़

खास बात यह है कि यहां बच्चों के भविष्य के साथ किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है इसका अंदाजा इसी से लगता है कि विद्यालय में जो बोर्ड लगा है, उसमें आज भी प्रणब मुखर्जी देश के राष्ट्रपति हैं, रघुवर दास झारखंड के मुख्यमंत्री हैं, जबकि द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल हैं. शिक्षा मंत्री के नाम के आगे नीरा यादव लिखा हुआ है. मतलब साफ है स्कूल प्रबंधन को बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है. जहां तक अभिभावक - शिक्षक विवाद का विषय है, सभी ग्रामीणों ने एकजुट होकर कहा कि शिक्षक ने गलत आरोप लगाया है. कोई मारपीट की घटना नहीं घटी है. रजिस्टर को किसी ने छुआ भी नहीं है. कुल मिलाकर मारपीट की घटना की जांच करने गए बीडीओ एजाज अहमद के सामने स्कूल की कुव्यवस्था की पोल खुल गई. उन्हें यह पता चला कि यहां पर शिक्षकों की मनमानी चलती है. ऐसे में साफ जाहिर है कि बच्चों का भविष्य अंधकार में है.

क्या कहते हैं बीडीओ

इधर पूरे मामले पर बीडीओ एजाज आलम ने कहा कि उन्होंने सारा कुछ नोट कर लिया है और अपनी रिपोर्ट वरीय अधिकारी को देंगे. जिसके बाद निर्देश मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

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Last Updated : Feb 20, 2024, 1:21 PM IST
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