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उदयपुर में सामने आए चांदीपुरा वायरस के मामले, सीएमएचओ ने दी पूरी जानकारी - CHANDIPURA VIRUS IN RAJASTHAN

उदयपुर में चांदीपुरा वायरस के दो मामले सामने आए हैं. इस संबंध में सीएमएचओ का कहना है कि इनके सैंपल पुणे भेजे गए हैं. इसके अलावा अन्य मामले सामने नहीं आए हैं.

CHANDIPURA VIRUS IN RAJASTHAN
चांदीपुरा वायरस के मामले (ETV Bharat Udaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 17, 2024, 11:37 AM IST

Updated : Jul 17, 2024, 1:47 PM IST

चांदीपुरा वायरस मामले में सैंपल पुणे भेजे गए (ETV Bharat Udaipur)

उदयपुरः दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी इलाके में दो बच्चों में चांदीपुरा वायरस के लक्षण मिले थे. हालांकि इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि एक का फिलहाल इलाज जारी है. मामले सामने आने के बाद राजस्थान चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर है. इसके साथ ही उदयपुर सीएमएचओ डॉ शंकर एच बामनिया ने इस वायरस के कारणों और लक्षणों को विस्तार से बताया है. उन्होंने इसका घर ही प्राथमिक उपचार भी बताया है.

सीएमएचओ ने बताया कि चांदीपुरा वायरस बहुत खतरनाक वायरस है. यह खासकर बच्चों में फैला है. इसके फैलने के सबसे पहले कारण मक्खी, मच्छर, गंदा पानी, कीट पतंगे हैं. इसकी सबसे ज्यादा मृत्यु दर है. इस वायरस के कारण बच्चों की 24 से 48 घंटे में ही मृत्यु हो सकती है. इसलिए इस वायरस के लक्षण मिलने पर जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो उदयपुर के दो मामले सामने आए हैं. उनके सैंपल पुणे भेजे गए हैं. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही चांदीपुरा वायरस मामले की पुष्टि हो पाएगी. लेकिन प्राथमिक तौर पर गुजरात की चिकित्सा टीम ने इसके लक्षण बताए हैं.

पढ़ें: राजस्थान में नए वायरस की एंट्री ! उदयपुर में दो बच्चों में मिले चांदीपुरा वायरस के लक्षण, एक की मौत - Chandipura Virus in Rajasthan

सीएमएचओ ने बताया कि 1965 में चांदीपुरा वायरस महाराष्ट्र के नागपुर एक गांव चांदीपुरा में फैली थी. जिसके कारण बहुत सारे बच्चों की मृत्यु हुई थी. इसके बाद इस वायरस का नाम चांदीपुरा वायरस दिया गया. उन्होंने कहा कि फिलहाल इसके मामले गुजरात में मिले हैं. जिसके बाद मेवाड़ से सटे हुए इलाकों में खेरवाड़ा, नयागांव चिकित्सकों की टीम मौजूद है. सीएमएचओ ने बताया कि इस वायरस के लक्ष्णों में तेज बुखार शामिल है. इसके साथ ही बहुत तेज सिर दर्द होता है. उल्टी दस्त की प्रॉब्लम होती है. इसके अलावा मिर्गी कोमा में चले जाना इसके प्राथमिक लक्षण हैं.

पढ़ें: गुजरात में फैल रहा नया वायरस 'चांदीपुरा', 5 बच्चों की मौत से हड़कंप, तीन का इलाज जारी - Chandipura Virus in Gujarat

प्राथमिक तौर पर करें यह उपचार: सीएमएचओ ने बताया कि अगर इस वायरस के प्राथमिक तौर पर यह लक्षण दिखते हैं. अगर बच्चे में बुखार तेज है, तो उसे पेरासिटामोल टैबलेट दी जा सकती है. इसके अलावा उल्टी-दस्त के साथ अन्य टैबलेट दी जा सकती हैं. वहीं नजदीकी डॉक्टर को भी इसके बारे में पूरी जानकारी दी जाए. उन्होंने कहा कि फिलहाल जिन इलाकों में यह दो मामले सामने आए हैं.वहां ज्यादातर टेस्ट लिए गए, लेकिन इस तरह के मामले अभी सामने नहीं आए.

पढ़ें: चांदीपुरा वायरस से जुड़ी बड़ी खबर, गुजरात में भर्ती बच्चों की रिपोर्ट आई नेगेटिव - Chandipura Virus

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर एच बामनिया ने बताया कि जिले में खेरवाड़ा क्षेत्र में मिले बिमारी के रोगियों के घरों और आसपास के क्षेत्रों में विभागीय गतिविधियां तेज कर दी गई है. डिप्टी सीएमएचओ डॉ अंकित जैन और एपीडिमियोलोजिस्ट डॉ सत्य नारायण वैष्णव मय टीम के उदयपुर से जाकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जो रोगी मिले, उनकी हिस्ट्री लेकर तथ्यात्मकता रिपोर्ट बना जिला स्तर और राज्य स्तर पर भेज रहे हैं. मौसमी बिमारियों को देखते हुए एंटी लार्वा और एंटी एडल्ट एक्टिविटी करवाई जा रही है. सीएमएचओ डॉ बामनिया ने खेरवाड़ा, नयागांव, ऋषभदेव, झाड़ोल और कोटड़ा ब्लॉक में सभी चिकित्सा संस्थानों को अलर्ट मोड़ पर रहने के निर्देश दिए हैं. बुखार से पीड़ित रोगी के ब्लड का सैंपल लेकर उदयपुर आरएनटी मेडिकल कॉलेज में भिजवाने के निर्देश जारी किए हैं.

चांदीपुरा वायरस मामले में सैंपल पुणे भेजे गए (ETV Bharat Udaipur)

उदयपुरः दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी इलाके में दो बच्चों में चांदीपुरा वायरस के लक्षण मिले थे. हालांकि इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि एक का फिलहाल इलाज जारी है. मामले सामने आने के बाद राजस्थान चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर है. इसके साथ ही उदयपुर सीएमएचओ डॉ शंकर एच बामनिया ने इस वायरस के कारणों और लक्षणों को विस्तार से बताया है. उन्होंने इसका घर ही प्राथमिक उपचार भी बताया है.

सीएमएचओ ने बताया कि चांदीपुरा वायरस बहुत खतरनाक वायरस है. यह खासकर बच्चों में फैला है. इसके फैलने के सबसे पहले कारण मक्खी, मच्छर, गंदा पानी, कीट पतंगे हैं. इसकी सबसे ज्यादा मृत्यु दर है. इस वायरस के कारण बच्चों की 24 से 48 घंटे में ही मृत्यु हो सकती है. इसलिए इस वायरस के लक्षण मिलने पर जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो उदयपुर के दो मामले सामने आए हैं. उनके सैंपल पुणे भेजे गए हैं. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही चांदीपुरा वायरस मामले की पुष्टि हो पाएगी. लेकिन प्राथमिक तौर पर गुजरात की चिकित्सा टीम ने इसके लक्षण बताए हैं.

पढ़ें: राजस्थान में नए वायरस की एंट्री ! उदयपुर में दो बच्चों में मिले चांदीपुरा वायरस के लक्षण, एक की मौत - Chandipura Virus in Rajasthan

सीएमएचओ ने बताया कि 1965 में चांदीपुरा वायरस महाराष्ट्र के नागपुर एक गांव चांदीपुरा में फैली थी. जिसके कारण बहुत सारे बच्चों की मृत्यु हुई थी. इसके बाद इस वायरस का नाम चांदीपुरा वायरस दिया गया. उन्होंने कहा कि फिलहाल इसके मामले गुजरात में मिले हैं. जिसके बाद मेवाड़ से सटे हुए इलाकों में खेरवाड़ा, नयागांव चिकित्सकों की टीम मौजूद है. सीएमएचओ ने बताया कि इस वायरस के लक्ष्णों में तेज बुखार शामिल है. इसके साथ ही बहुत तेज सिर दर्द होता है. उल्टी दस्त की प्रॉब्लम होती है. इसके अलावा मिर्गी कोमा में चले जाना इसके प्राथमिक लक्षण हैं.

पढ़ें: गुजरात में फैल रहा नया वायरस 'चांदीपुरा', 5 बच्चों की मौत से हड़कंप, तीन का इलाज जारी - Chandipura Virus in Gujarat

प्राथमिक तौर पर करें यह उपचार: सीएमएचओ ने बताया कि अगर इस वायरस के प्राथमिक तौर पर यह लक्षण दिखते हैं. अगर बच्चे में बुखार तेज है, तो उसे पेरासिटामोल टैबलेट दी जा सकती है. इसके अलावा उल्टी-दस्त के साथ अन्य टैबलेट दी जा सकती हैं. वहीं नजदीकी डॉक्टर को भी इसके बारे में पूरी जानकारी दी जाए. उन्होंने कहा कि फिलहाल जिन इलाकों में यह दो मामले सामने आए हैं.वहां ज्यादातर टेस्ट लिए गए, लेकिन इस तरह के मामले अभी सामने नहीं आए.

पढ़ें: चांदीपुरा वायरस से जुड़ी बड़ी खबर, गुजरात में भर्ती बच्चों की रिपोर्ट आई नेगेटिव - Chandipura Virus

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर एच बामनिया ने बताया कि जिले में खेरवाड़ा क्षेत्र में मिले बिमारी के रोगियों के घरों और आसपास के क्षेत्रों में विभागीय गतिविधियां तेज कर दी गई है. डिप्टी सीएमएचओ डॉ अंकित जैन और एपीडिमियोलोजिस्ट डॉ सत्य नारायण वैष्णव मय टीम के उदयपुर से जाकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जो रोगी मिले, उनकी हिस्ट्री लेकर तथ्यात्मकता रिपोर्ट बना जिला स्तर और राज्य स्तर पर भेज रहे हैं. मौसमी बिमारियों को देखते हुए एंटी लार्वा और एंटी एडल्ट एक्टिविटी करवाई जा रही है. सीएमएचओ डॉ बामनिया ने खेरवाड़ा, नयागांव, ऋषभदेव, झाड़ोल और कोटड़ा ब्लॉक में सभी चिकित्सा संस्थानों को अलर्ट मोड़ पर रहने के निर्देश दिए हैं. बुखार से पीड़ित रोगी के ब्लड का सैंपल लेकर उदयपुर आरएनटी मेडिकल कॉलेज में भिजवाने के निर्देश जारी किए हैं.

Last Updated : Jul 17, 2024, 1:47 PM IST
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