Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी 3.0 का पहला बजट पेश किया. ओल्ड रिजीम के तहत आयकर दाताओं को बजट में कोई बड़ी राहत नहीं दी गई है, लेकिन न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए मामूली राहत जरूर मिली है. वित्त मंत्री ने बजट में न्यू रिजीम के तहत इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव का ऐलान किया है. अब न्यू रिजीम में 3 लाख रुपये तक की इनकम आयकर मुक्त हो गई है. स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट को 50 प्रतिशत बढ़ाकर 50 हजार रुपये से 75 हजार रुपये तक कर दिया गया है.
चार्टर्ड अकाउंटेंट चेतन संख्यान ने कहा कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को 75 हजार रुपये तक करने और टैक्स स्लैब चेंज होने से आयकरदाताओं को सात हजार रुपये से 17,500 रुपये तक का लाभ होगा या यूं मानिए साढ़े 17 हजार रुपये की बचत होगी. ये फायदा सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों को ही मिलेगा. वहीं, ओल्ड रिजीम वालों को केवल स्टैंडर्ड डिडक्शन का ही फायदा होगा. इसका 10 लाख रुपये से कम आय वालों को साढ़े सात हजार रुपये तक फायदा होगा. 12 से 15 लाख के टैक्स स्लैब में 13 से 15 हजार रुपये का फायदा होगा. 15 लाख से ऊपर के टैक्स स्लैब में साढ़े 17 हजार रुपये का फायदा होगा.
क्या है स्टैंडर्ड डिडक्शन
सीए चेतन संख्यान ने बताया कि जब किसी एम्प्लॉई की कुल आय से एक तय राशि को घटा दिया जाता है. इससे उस व्यक्ति की आईटीआर घट जाती है और उसे टैक्स कम देना पड़ता है. न्यू टैक्स और ओल्ड टैक्स रिजीम में आयकरदाताओं को स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलता है. स्टैंडर्ड डिडक्शन उन लोगों पर लागू होता है, जिन्हें वेतन या पेंशन से इनकम होती है. वेतन और पेंशनभोगी ही स्टैंडर्ड डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं. माना आपकी आय 7 लाख 75 हजार रुपये है. अब इसमें से 75 हजार रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन में माइनस कर दिया जाए फिर आपकी आय सात लाख रुपये बनती है. अब आपको तीन लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं अदा करना है, लेकिन चार लाख पर पांच प्रतिशत के हिसाब से 20 हजार रुपये आयकर देना होगा. अगर आपकी आय 7 लाख 75 हजार रुपये से कम है तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा.
टैक्स स्लैब में परिवर्तन करने से कितना होगा फायदा
बजट में टैक्स स्लैब में भी चेंज किया गया है. अब न्यू टैक्स रिजीम में 3 लाख तक की आय वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. 3 से 7 लाख 75 हजार रुपये की आय पर 5 % टैक्स 7 से 10 लाख पर 10% टैक्स, 10-12 लाख पर 15% टैक्स, 12 से 15 लाख पर 20% टैक्स और 15 लाख से अधिक आय पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा.
इनकम | पुराना टैक्स (रुपये में) | नया टैक्स (रुपये में) | लाभ |
5 लाख | 7,500 | 6,250 | 1,250 |
6 लाख | 12,500 | 11,250 | 1,250 |
7 लाख | 20,000 | 16,250 | 3,750 |
8 लाख | 30,000 | 22,500 | 7,500 |
9 लाख | 40,000 | 32,500 | 7,500 |
10 लाख | 52,500 | 42,500 | 10,000 |
11 लाख | 67,500 | 53,750 | 13,750 |
12 लाख | 82,500 | 68,750 | 13,750 |
13 लाख | 100,000 | 85,000 | 15,000 |
14 लाख | 120,000 | 105,000 | 15,000 |
15 लाख | 140,000 | 125,000 | 15,000 |
16 लाख | 165,000 | 147,500 | 17,500 |
क्या है पुरानी टैक्स रिजीम
इनकम टैक्स की पुरानी रिजीम, जिसे ओल्ड टैक्स रिजीम या छूट वाली व्यवस्था भी कहा जाता है. इसके तहत टैक्सपेयर करदाता अपनी आय पर कई तरह की कटौतियों और छूटों का लाभ ले सकते हैं. सेक्शन 80सी के तहत निवेश, 80डी में बीमा प्रीमियम का भुगतान, 80जी में डोनेशन आदि शामिल हैं. इस तरह की छूट नई रिजीम में नहीं मिलती हैं. इन्हीं कारणों से निवेशक पुरानी टैक्स रिजीम को चुनते हैं.
टैक्स सलैब | टैक्स |
2.50 लाख रुपये तक | 0 प्रतिशत |
2.5 से 5 लाख रुपये तक | 5 प्रतिशत |
5 से 10 लाख रुपये तक | 20 प्रतिशत |
10 लाख से अधिक | 30% |
यदि आपने आयकर भरने के लिए लिए ओल्ड टैक्स रिजीम को चुना है और घर खरीदने के लिए ऋण लिया है तो आप दो लाख रुपये होम लोन इंट्रस्ट के बदले छूट क्लेम कर सकते हैं. इसके साथ ही आप ओल्ड टैक्स रिजीम में अपने एचआरए के मुताबिक हाउसिंग रेंट पर भी छूट ले सकते हैं.
कैपिटल गेने सालाना हुई 1.25 लाख
बजट में निर्मला सीतारमण कैपिटल गेन लिमिट यानी शेयर से हुई आय को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये सालाना कर दिया. इससे पहले एक लाख रुपये तक कैपिटल गेने टैक्स फ्री था. कैपिटल गेने बढ़ाने से इन्वेस्टर को ये फायदा होगा कि अगर वो 1.25 लाख रुपये की कमाई इक्विटी से करते हैं तो उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. पहले इन्वेस्टर्स को 1 लाख रुपये की कमाई पर टैक्स देना पड़ता था.
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