शिमला: इन दिनों हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट का शोर मचा हुआ है. रविवार पहली तारीख के बाद आज सोमवार को कर्मचारियों को वेतन और पेंशनरों को पेंशन के मैसेज का इंतजार है. अगर किसी कारणवश दोपहर 12 बजे तक मैसेज न आया तो मानसून सेशन में विपक्ष सरकार पर बरसेगा. आज सेशन 2 बजे से है. तब तक वेतन और पेंशन से जुड़े मैसेज को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. यदि मैसेज आ गया तो ठीक, वरना बात 5 तारीख तक जाएगी.
एक महीने के वेतन और पेंशन के लिए खजाने में करीब 2000 करोड़ की रकम चाहिए. केंद्र से राजस्व घाटा अनुदान की रकम सरकार के खजाने में 5 तारीख को आती है. यदि अभी सुखविंदर सुक्खू सरकार के पास वेतन आदि जारी करने को पूरा पैसा न हुआ तो बात 5 सितंबर तक टल जाएगी. ऐसे में विपक्ष को बहाना मिल जाएगा और वो सरकार को घेरेगा.
आर्थिक संकट पर चर्चा का प्रस्ताव: आज सेशन में सरकार के ही 3 एमएलए ने आर्थिक संकट पर चर्चा का प्रस्ताव दिया हुआ है. कांग्रेस के तीन विधायकों केवल सिंह पठानिया, भवानी सिंह पठानिया और चंद्रशेखर ने नियम-130 के तहत आर्थिक स्थिति पर चर्चा मांग रखी है. आज विपक्षी दल भाजपा भी आर्थिक स्थिति को लेकर नोटिस दे सकता है. यहां बता दें कि शनिवार को ही प्रतिपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया है कि सरकार अब कर्मचारियों की सैलरी पांच तारीख तक और पेंशन 10 तारीख तक डालने की व्यवस्था लागू करने जा रही है. ऐसे में विधानसभा के अंदर भी ये चर्चा उठेगी.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल के इतिहास में वेतन और पेंशन को लेकर इस तरह का संकट पहले नहीं आया था. सीएम सुक्खू ने सत्र पहले ही रविवार को सैलरी और पेंशन को लेकर भरोसा दिया है. मुख्यमंत्री आर्थिक संकट होने से भी इनकार कर रहे हैं. ऐसे में सबकी नजरें मोबाइल पर आने वाले मैसेज पर टिकी हैं. वहीं, आज दो बिल भी विधानसभा में रखे जाएंगे. एक बिल के जरिए हिमाचल प्रदेश कृषि उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है. दूसरे बिल के जरिए हिमाचल प्रदेश नगर और ग्राम अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है. लेकिन सदन में सबकी नजर आर्थिक संकट के मसले पर होगी.
ये भी पढ़ें: सुक्खू सरकार ने इस बोर्ड के चेयरमैन की सैलरी 30 हजार से बढ़ाकर कर दी 1.30 लाख
ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक को कितनी सैलरी मिलती है ? 20 हजार टेलीफोन भत्ता समेत कौन से भत्ते मिलते हैं