कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में अक्तूबर माह में अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाना है. इसके लिए सरकार और प्रशासन ने भी तैयारी शुरू कर दी हैं. शनिवार को जिला प्रशासन ने दशहरा उत्सव की तैयारी को लेकर बैठक रखी थी, लेकिन बंजार और आनी के विधायक ने इस बैठक का वहिष्कार कर दिया. विधायक सुरेंद्र शौरी और विधायक लोकेंद्र सिंह ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसी के निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए पूरे प्रशासन को इसी काम पर लगाया जा रहा हैं, जो पूरी तरह से गलत हैं.
ढालपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए विधायक सुरेंद्र शौरी और आनी के विधायक लोकेंद्र सिंह ने कहा 'शनिवार को ढालपुर में कुल्लू दशहरे की बैठक रखी गई है और 2 दिन पहले ही उन्हें सूचना दी गई कि बैठक में शामिल होना है. बैठक 3 महीने पहले की जा रही है और दशहरा उत्सव अभी अक्तूबर माह में आयोजित किया जाना है. विधायकों ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज मनाली के पलचान में बाढ़ आने से लोग प्रभावित हुए हैं और उन्हें इस समय राहत की आवश्यकता है, लेकिन आज पूरा प्रशासन बैठक में बुलाया गया हैं, जबकि सरकार को चाहिए कि वो पहले आम जनता के कार्यों को पूरा करें. चुनाव के दौरान भी विकास कार्य प्रभावित हुए हैं, लेकिन इस बैठक में किसका स्वार्थ छिपा हुआ हैं जो 3 महीने पहले बैठक की जा रही हैं. आज की बैठक में यह निर्देश दिए जाएंगे कि सभी डिपार्टमेंट अलग अलग कार्य में जुट जाएं, लेकिन सरकार को चाहिए कि आज के समय में अधिकारी जनता को राहत कार्य और विकास कार्य में काम करने के निर्देश जारी करें.
विधायक सुरेंद्र शौरी और लोकेंद्र सिंह ने कहा कि आज जिला कुल्लू में कई ऐसे मुद्दे हैं ये जल्द हल होने चाहिए, लेकिन लगता हैं कि कुछ लोग अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए इस तरह की बैठक करने में जुटे हुए है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वो अब जनता को बताए कि आखिर किसके स्वार्थ को पूरा करने के लिए यह बैठक की जा रही हैं. विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि बीते साल आई आपदा से अभी तक सड़को के हाल नहीं सुधर पाए हैं और आज कई ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. आज भुंतर का पुल बंद पड़ा हुआ है और मणिकर्ण घाटी की और जाने वाले वाहनों को 10 किलोमीटर अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है. बीते साल दशहरा में कितनी आय हुई उसकी भी कोई जानकारी नहीं दी गई और 55 लाख रुपए का कमेटी को नुकसान हुआ है. ऐसे में आम जनता को समस्या को सुलझाने की दिशा में सरकार काम करे न कि किसी के स्वार्थ की पूर्ति के लिए 3 महीने पहले ही बैठक का आयोजन कर विकास कार्यों को प्रभावित करे.