देहरादून: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बीजेपी 'गांव चलो अभियान' शुरू कर रही है. इस अभियान को लेकर मंत्रियों और पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी है. यह अभियान 9 फरवरी से 11 फरवरी तक चलेगा. जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लोहाघाट विधानसभा, जबकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट बदरीनाथ विधानसभा के पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे. वहीं, बीजेपी के इस अभियान पर उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने निशाना साधा है. कापड़ी का कहना है कि एक रात गांव में प्रवास करने से कोई परिवर्तन नहीं होने वाला है और न ही स्थानीय लोगों की किसी समस्या का समाधान होगा.
पहले बीजेपी के सांसद ऐसा गांव दिखाए, जहां काम हुआ हो: उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि बीजेपी की कथनी करनी में हमेशा फर्क रहा है. क्योंकि, पिछली सरकार के केंद्रीय नेतृत्व ने सभी सांसदों से एक गांव गोद लिए जाने की बात की थी. सांसदों की तरफ से गांव गोद भी लिए गए. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बीजेपी के सांसद कोई ऐसा गांव दिखा सकते हैं, जहां धरातल में कुछ काम हुआ हो. उन्होंने कहा कि इसके बाद बीजेपी सरकार ने सभी सचिव स्तर के अधिकारियों को गांव में प्रवास करने को कहा, लेकिन गांवों में कोई परिवर्तन नहीं आया.
पिकनिक टूर की तरह रहा अधिकारियों का प्रवास, अब नेता जा रहे गांव: कापड़ी ने कहा कि अधिकारियों का प्रवास पिकनिक टूर की तरह रहा और सरकारी धन की बर्बादी की गई. अब एक बार फिर से बीजेपी गांव चलो अभियान शुरू करने जा रही है, लेकिन गांव जाने से कुछ नहीं होने वाला है. बल्कि, गांव के लोगों की बातें सुनकर उसे धरातल पर उतारने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हर दल के नेता गांव में रहते हैं और उन गांवों में रहने वाले नेताओं को अधिकार देने एवं उनकी तरफ से उठाई गई समस्याओं का समाधान करने की जरूरत है.
भुवन कापड़ी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें नहीं लगता कि एक रात प्रवास करने से कोई परिवर्तन होने वाला है. इससे पहले भी सरकार ने 15 लाख रुपए खाते में आने की गारंटी दी थी, लेकिन वो गारंटी पूरी नहीं हो पाई. इसी तरह सरकार ने 2 करोड़ युवाओं को रोजगार दिए जाने की गारंटी दी थी, लेकिन सरकार इस गारंटी को भी पूरा नहीं कर पाई.
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