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बनारस में विश्व का अद्भुत विवाह; बाबा विश्वनाथ ने पहना सेहरा, खास लहंगे से माता पार्वती का श्रृंगार, 9 लाख भक्तों ने किए दर्शन - BABA VISHWANATH MA PARVATI WEDDING

महाशिवरात्रि पर धूमधाम से निकली दुनिया की सबसे पुरानी बारात, गूंजे हर-हर महादेव के जयकारे.

धूमधाम से हुआ माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह.
धूमधाम से हुआ माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 27, 2025, 7:43 AM IST

वाराणसी : भस्म और तिलक लगाए नाचते-गाते नागा संन्यासी आगे बढ़ रहे थे. विदेशी श्रद्धालु भी बाराती बने. बाबा विश्वनाथ दूल्हा बनकर रथ पर सवार होकर सबसे आगे चल रहे थे. हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे थे. बुधवार को दुनिया की सबसे पुरानी शिव बारात में कुछ ऐसा ही नजारा दिखा. महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ और मां पार्वती का विवाह कराया गया. इससे पूर्व बाबा विश्वनाथ का राजसी श्रृंगार किया गया. दूल्हा बने बाबा की प्रतिमा को सेहरा पहनाया गया. मथुरा से आए लाल रंग के खास लहंगे से मां पार्वती का श्रृंगार किया गया.

बाबा विश्वनाथ बने दूल्हा. (Video Credit; ETV Bharat)

विशेष आरती के बाद बाबा को लगाया गया भोग : टेढ़ी नीम स्थित पूर्व महंत के आवास पर 350 साल पुराने लोक परंपरा का निर्वहन करते हुए पंडित वाचस्पति तिवारी ने बाबा विश्वनाथ और मां पार्वती का विवाह कराया. इस मौके पर सबसे पहले लगभग 400 साल पुराने स्फटिक शिवलिंग को पीतल की पारात में रखकर मंत्र के साथ सभी देवी-देवताओं को भगवान शिव के विवाह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया. उसके बाद विशेष आरती के जरिए बाबा को फलाहार का भोग लगाया गया. इस मौके पर मंगल गीत गाए गाए गए. उसके बाद महाशिवरात्रि के महानिशा में बाबा विश्वनाथ के विवाह की शुरुआत हुई.

विधि-विधान से निभाई गईं रस्में.
विधि-विधान से निभाई गईं रस्में. (Photo Credit; ETV Bharat)

5 किमी तक लगी रही भक्तों की कतार : महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ के विवाह में शामिल होने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु करीब 5 किलोमीटर लंबी कतार में लगे रहे. सुबह से लेकर के रात 12 बजे तक करीब 9,07,435 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया. वहीं बुधवार की रात 2 बजे से ही मंगला आरती के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन की शुरुआत हो गई. गुरुवार की रात 1 बजे तक यह अनवरत चलती रही. सुबह सबसे पहले अलग-अलग अखाड़े के नागा संन्यासियों ने पेशवाई निकाली.

पुजारियों ने किया बाबा का अद्भुत श्रृंगार.
पुजारियों ने किया बाबा का अद्भुत श्रृंगार. (Photo Credit; ETV Bharat)

संन्यासियों ने बाबा का आशीर्वाद लिया. इसके बाद आम दर्शनार्थियों के लिए दर्शन की शुरुआत हुई. अलग-अलग कर गेटों से श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंचकर बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद ले रहे थे. इस मौके पर बनारस में बाबा विश्वनाथ की अद्भुत बारात भी निकली. इसमें सबसे पहले भगवान शिव दूल्हे के रूप में आगे आगे चल रहे थे. इसके बाद उनके बाराती चल रहे थे. बारात में कई झांकियां भी शामिल थीं. इन्हें देखने के लिए काफी संख्या में लोग जुटे थे.

बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़.
बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़. (Photo Credit; ETV Bharat)

रात 1:30 बजे प्रथम पहर की आरती हुई : महाशिवरात्रि के मौके पर रात 1:30 बजे बाबा विश्वनाथ के दरबार में पहले पहर की आरती हुई. षोडशोपचार से बाबा का पूजन किया गया. उसके बाद भव्य आरती की शुरुआत हुई. इसके बाद फिर से बाबा के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए. लाखों की संख्या में कतारबद्ध होकर श्रद्धालुओं ने बाबा का आशीर्वाद लिया.

यह भी पढ़ें : नागा साधुओं ने बाबा विश्वनाथ को लगाई मेवाड़ की हल्दी, महिलाओं ने निभाई लोकाचार की रस्म

वाराणसी : भस्म और तिलक लगाए नाचते-गाते नागा संन्यासी आगे बढ़ रहे थे. विदेशी श्रद्धालु भी बाराती बने. बाबा विश्वनाथ दूल्हा बनकर रथ पर सवार होकर सबसे आगे चल रहे थे. हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे थे. बुधवार को दुनिया की सबसे पुरानी शिव बारात में कुछ ऐसा ही नजारा दिखा. महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ और मां पार्वती का विवाह कराया गया. इससे पूर्व बाबा विश्वनाथ का राजसी श्रृंगार किया गया. दूल्हा बने बाबा की प्रतिमा को सेहरा पहनाया गया. मथुरा से आए लाल रंग के खास लहंगे से मां पार्वती का श्रृंगार किया गया.

बाबा विश्वनाथ बने दूल्हा. (Video Credit; ETV Bharat)

विशेष आरती के बाद बाबा को लगाया गया भोग : टेढ़ी नीम स्थित पूर्व महंत के आवास पर 350 साल पुराने लोक परंपरा का निर्वहन करते हुए पंडित वाचस्पति तिवारी ने बाबा विश्वनाथ और मां पार्वती का विवाह कराया. इस मौके पर सबसे पहले लगभग 400 साल पुराने स्फटिक शिवलिंग को पीतल की पारात में रखकर मंत्र के साथ सभी देवी-देवताओं को भगवान शिव के विवाह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया. उसके बाद विशेष आरती के जरिए बाबा को फलाहार का भोग लगाया गया. इस मौके पर मंगल गीत गाए गाए गए. उसके बाद महाशिवरात्रि के महानिशा में बाबा विश्वनाथ के विवाह की शुरुआत हुई.

विधि-विधान से निभाई गईं रस्में.
विधि-विधान से निभाई गईं रस्में. (Photo Credit; ETV Bharat)

5 किमी तक लगी रही भक्तों की कतार : महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ के विवाह में शामिल होने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु करीब 5 किलोमीटर लंबी कतार में लगे रहे. सुबह से लेकर के रात 12 बजे तक करीब 9,07,435 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया. वहीं बुधवार की रात 2 बजे से ही मंगला आरती के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन की शुरुआत हो गई. गुरुवार की रात 1 बजे तक यह अनवरत चलती रही. सुबह सबसे पहले अलग-अलग अखाड़े के नागा संन्यासियों ने पेशवाई निकाली.

पुजारियों ने किया बाबा का अद्भुत श्रृंगार.
पुजारियों ने किया बाबा का अद्भुत श्रृंगार. (Photo Credit; ETV Bharat)

संन्यासियों ने बाबा का आशीर्वाद लिया. इसके बाद आम दर्शनार्थियों के लिए दर्शन की शुरुआत हुई. अलग-अलग कर गेटों से श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंचकर बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद ले रहे थे. इस मौके पर बनारस में बाबा विश्वनाथ की अद्भुत बारात भी निकली. इसमें सबसे पहले भगवान शिव दूल्हे के रूप में आगे आगे चल रहे थे. इसके बाद उनके बाराती चल रहे थे. बारात में कई झांकियां भी शामिल थीं. इन्हें देखने के लिए काफी संख्या में लोग जुटे थे.

बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़.
बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़. (Photo Credit; ETV Bharat)

रात 1:30 बजे प्रथम पहर की आरती हुई : महाशिवरात्रि के मौके पर रात 1:30 बजे बाबा विश्वनाथ के दरबार में पहले पहर की आरती हुई. षोडशोपचार से बाबा का पूजन किया गया. उसके बाद भव्य आरती की शुरुआत हुई. इसके बाद फिर से बाबा के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए. लाखों की संख्या में कतारबद्ध होकर श्रद्धालुओं ने बाबा का आशीर्वाद लिया.

यह भी पढ़ें : नागा साधुओं ने बाबा विश्वनाथ को लगाई मेवाड़ की हल्दी, महिलाओं ने निभाई लोकाचार की रस्म

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