अयोध्या : प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का दर्शन करने के लिए शनिवार को अयोध्या बार एसोसिएशन के 800 अधिवक्ताओं का डेलिगेशन राम मंदिर पहुंचा. जहां प्रशासनिक प्रोटोकॉल न होने के कारण भड़क उठे. अधिवक्ता संघ का आरोप है कि इस कार्यक्रम की जानकारी पहले से ही जिला प्रशासन को दे दी गई थी. इसके बाद भी राम जन्मभूमि परिसर में प्रवेश कराए जाने की कोई निश्चित व्यवस्था नहीं दिया गया.
अयोध्या बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पारस नाथ पांडेय के नेतृत्व में 17 बसों से 800 अधिवक्तों का दल अयोध्या धाम के परिक्रमा मार्ग से राम जन्मभूमि परिसर्वके निकट पहुंचा था. जहां से पैदल यात्रा कर राम गुलेला क्राॅसिंग पहुंचे, लेकिन इस दौरान मार्ग पर बैरिकेडिंग लगा हुआ था और तैनात सुरक्षा के जवानों ने इस मार्ग से जाने से रोका तो अधिवक्तागण भड़क उठे और प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर की. काफी देर तक कोई जानकरी न आने के बाद मार्ग पर लगे पुलिसकर्मियों से अधिवक्ताओं से नोकझोंक हुई और बैरियर हटा दिया और जन्मभूमि पथ से राम मंदिर में प्रवेश किया और भव्य रामलला का दर्शन प्राप्त किया.
बार एसोसिएशन अध्यक्ष पारस नाथ पांडेय ने कहा कि जिलाधिकारी को एक महीने पहले ही रामलला के दर्शन को लेकर सूचना दिया गया था. इसके बाद जिलाधिकारी के आश्वासन पर हमें बसें उपलब्ध कराई गईं और वहां से हमें दर्शन के लिए लाया गया, लेकिन दर्शन करने को लेकर कोई संमुचित प्रबंध सिटी मजिस्ट्रेट की तरफ से नहीं किया गया. जिसकी वजह से हमें इधर-उधर घुमाया जा रहा था. प्रशासनिक इंतजाम नाकाफी और लापरवाही ज्यादा थी. जिस वजह से वकीलों में आक्रोश था. हालांकि रामलला का दर्शन हुआ अच्छा लग रहा है.
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