रांची: लोकसभा 2024 आम चुनाव के प्रथम चरण का मतदान हो चुका है. झारखंड की 14 लोकसभा सीट के लिए 13 मई, 20 मई, 25 मई और 01 जून को वोट डाले जाएंगे. लोकसभा चुनाव के लिए झारखंड के चुनावी समर में उतरने वाले NDA और INDIA के प्रत्याशियों के नाम भी लगभग लगभग फाइनल हो चुके हैं. रांची लोकसभा सीट से अभी INDIA उम्मीदवार के और जमशेदपुर लोकसभा सीट से झामुमो उम्मीदवार के नाम की घोषणा बाकी है.
NDA की जीत हो या INDIA की ,इन लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व नए चेहरे ही करेंगे
राज्य की राजनीति को बेहद करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि राज्य में चुनावी बिसात बिछ गयी है. आज जो राजनीतिक परिस्थितियां देश और राज्य में हैं, उससे साफ है कि मुख्य चुनावी मुकाबला NDA और INDIA के बीच होना है. हालांकि कुछ जगहों पर सीपीआई, सीपीएम और AIMIM के उम्मीदवार चुनाव में तीसरा कोण बनाते जरूर नजर आएंगे. वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह ने कहा कि इस बार भाजपा हो या कांग्रेस, राजद, झामुमो सभी ने फ्रेश चेहरों को टिकट दिया है. ऐसे में जीत चाहे किसी भी गठबंधन की हो लोकसभा में कम से कम पांच नए चेहरे झारखंड से जरूर जाएंगे.
यहां मुख्य मुकाबला होगा फ्रेश चेहरों के बीच
चतरा लोकसभा सीट: चतरा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने कालीचरण सिंह को उम्मीदवार बनाया है. सिटिंग सांसद सुनील सिंह का टिकट काट कर कालीचरण सिंह पर पार्टी ने भरोसा जताया है. वहीं, इस सीट से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी को INDIA उम्मीदवार बनाया है. वह पहली बार लोकसभा का चुनाव चतरा से लड़ रहे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने चतरा से मनोज यादव को उम्मीदवार बनाया था.
हजारीबाग लोकसभा सीट: झारखंड के चर्चित और हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट हजारीबाग में भी मुख्य मुकाबला कांग्रेस-भाजपा के बीच होने की संभावना है. इस लोकसभा सीट से कांग्रेस ने जेपी पटेल को और भाजपा ने मनीष जायसवाल को उम्मीदवार बनाया है. ये दोनों लोकसभा चुनाव के लिहाज से फ्रेश चेहरे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में हजारीबाग लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में जयंत सिन्हा की जीत हुई थी. वहीं कांग्रेस की ओर से गोपाल प्रसाद साहू और सीपीआई के भुवनेश्वर मेहता चुनावी मैदान में थे.
धनबाद लोकसभा सीट: धनबाद लोकसभा सीट पर भी 2024 में मुख्य चुनावी मुकाबला दो फ्रेश चेहरों कांग्रेस की अनुपमा सिंह और भाजपा के ढुल्लू महतो के बीच होने की प्रबल संभावना है. इस सीट पर भाजपा ने अपने सिटिंग सांसद पीएन सिंह का टिकट काटकर बाघमारा से विधायक ढुल्लू महतो को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और मजदूर नेता राजेन्द्र सिंह की बहू और विधायक अनूप सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह को उम्मीदवार बनाया है. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कीर्ति झा आजाद को उम्मीदवार बनाया था.
दुमका लोकसभा सीट: उपराजधानी क्षेत्र को खुद में समेटे दुमका लोकसभा सीट से भी इस बार INDIA और NDA दोनों ओर से फ्रेश या नए चेहरे को टिकट दिया गया है. भाजपा ने अपने सिटिंग सांसद सुनील सिंह का टिकट काटकर झामुमो से आई सीता सोरेन को उम्मीदवार बनाया है. वहीं झामुमो ने पूर्व कृषि मंत्री रहे नलिन सोरेन को उम्मीदवार बनाया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुनील सोरेन के हाथों झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की हार हुई थी.
लोहरदगा लोकसभा सीट: इस लोकसभा सीट से भी भाजपा ने सिटिंग सांसद सुदर्शन भगत का टिकट काटकर समीर उरांव को उम्मीदवार बनाया है. जबकि कांग्रेस ने सुखदेव भगत को मैदान में उतारा है. ये दोनों ही लोकसभा के लिहाज से फ्रेश चेहरे होंगे.
इन लोकसभा सीट के अलावा सिंहभूम लोकसभा सीट से झामुमो उम्मीदवार जोबा मांझी, कोडरमा लोकसभा सीट से सीपीआई माले उम्मीदवार विनोद सिंह, पलामू लोकसभा सीट से राजद उम्मीदवार ममता भुइयां, खूंटी से कालीचरण मुंडा, गिरिडीह से मथुरा महतो भी फ्रेश चेहरे ही हैं जो चुनावी समर में अनुभवी नेताओं से टक्कर लेते नजर आएंगे.
नए और फ्रेश चेहरों को मौका देना, शुभ संकेत-कांग्रेस
इस बार के लोकसभा चुनाव में लगभग सभी राजनीतिक दलों द्वारा नए चेहरों को चुनावी राजनीति में उतारने को कांग्रेस नेता राकेश किरण महतो ने शुभ संकेत बताया. उन्होंने कहा कि कि नई सोच के साथ राज्य और देश की राजनीति में आएंगे तो उसका सकारात्मक असर भी होगा. जनता की जरूरत, उनकी आकांक्षाओं को नई पीढ़ी ज्यादा बेहतर समझती है.
जो आज पुराने नेता हैं वह भी कभी नए रहे होंगे, यह क्रम चलता रहता है- भाजपा
इस बार लोकसभा चुनाव में पुराने नेताओं की जगह नए चेहरे को ज्यादा मौका दिए जाने पर झारखंड भाजपा के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक कहते हैं कि इसे इस रूप में लेना चाहिए कि जो आज नए हैं वह भी कभी पुराने हो जाएंगे, जो आज पुराने हो गए हैं वह भी कभी राजनीति में फ्रेश चेहरे हुआ करते होंगे. यह एक स्वाभाविक रूप से चलने वाली प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी तमाम अलग अलग बिंदुओं को देख कर टिकट फाइनल करती है, लेकिन इतना तो जरूर है कि नए लोग जब संसद जाएंगे तो उनकी सोच भी नई होगी.
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