नई दिल्ली: दिल्ली एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी दिग्विजय सिंह के खिलाफ एक महिला सुरक्षा गार्ड ने उत्पीड़न का आरोप लगाया है. महिला गार्ड के आरोप के बाद एम्स प्रशासन ने मामले की जांच के लिए दो कमेटियों का गठन कर दिया है. कमेटी गठन के लिए एम्स के प्रशासनिक अधिकारी सरोज लाल द्वारा 15 अक्टूबर को ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया गया है. उसमें लिखा है कि एक महिला सुरक्षा गार्ड से प्राप्त तीन अक्टूबर के शिकायती पत्र में लगाए गए आरोपों की जांच कर दोनों कमेटी ऑफिस मेमोरेंडम के जारी होने की तिथि से एक सप्ताह के अंदर सबूतों के साथ सक्षम प्राधिकारी को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी.
इस मामले में बनाई गई दो कमेटियों में एक कमेटी के अध्यक्ष एम्स के डीन एकेडमिक्स एवं डर्मेटोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. केके वर्मा को बनाया गया है. केके वर्मा एससी/एसटी/ओबीसी की शिकायतों के निवारण के लिए गठित एम्स की समिति के अध्यक्ष हैं. दूसरी कमेटी कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम से संबंधित जांच एम्स में बायोफिजिक्स विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. पुनीत कौर को सौंपी गई है. इस तरह से अब दोनों कमेटियों को अपनी जांच 22 अक्टूबर को सक्षम प्राधिकारी को सौंपनी होगी.
पीड़िता ने बताई आपबीती: पीड़िता ने ETV Bharat के साथ बातचीत में बताया कि वह 14 साल से एम्स में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्य कर रही हैं. उनकी नाइट ड्यूटी चल रही थी. अपनी नाइट ड्यूटी को बदलवाने के लिए वह मुख्य सुरक्षा अधिकारी दिग्विजय सिंह के कार्यालय में दो अक्टूबर को दोपहर 1:45 बजे पहुंची थीं. उन्होंने अपनी रात की ड्यूटी को बदलने के लिए उनसे कहा. इसके बाद वह भड़क गए और मेरे साथ गाली गलौज करते हुए उत्पीड़न किया और बहुत ही बुरा भला कहा. इसके साथ ही हाथ पकड़ते हुए कई और गार्ड के साथ उनका नाम जोड़ते हुए गलत आरोप लगाए.
पीड़िता ने बताया कि उनका यह रवैया करीब 30-40 मिनट तक चला. उनके पति की 12 साल पहले मौत हो चुकी है. वह अपनी दो जवान बेटियों के साथ रहती हैं. बेटियों के साथ रात में वह रह सकें इसलिए रात की ड्यूटी बदलवाने के लिए वह सुरक्षा अधिकारी से मिलने गई थी.
अपने परिचितों की नाइट शिफ्ट नहीं लगाने का आरोप: पीड़िता ने बताया कि मुख्य सुरक्षा अधिकारी दिग्विजय सिंह ने अपने कई परिचित गार्ड्स की ड्यूटी मॉर्निंग और इवनिंग की लगा रखी है. उनकी ड्यूटी कभी रात की नहीं लगती है. जबकि, बाकी सभी महिला गार्ड की ड्यूटी रोटेशन के आधार पर एक महीने मॉर्निंग, एक महीने इवनिंग और एक महीने रात की ड्यूटी लगती है. उन्होंने बताया कि रात की ड्यूटी का समय रात 10 बजे से सुबह 7 बजे तक है.
पीड़िता ने की सीसीटीवी फुटेज चेक करने की अपील: पीड़िता ने बताया कि जहां उनके साथ यह घटना हुई वहां पर सीसीटीवी कैमरे में भी वीडियो रिकॉर्डिंग है. उन्होंने अपनी शिकायत में सीसीटीवी की वीडियो रिकॉर्डिंग चेक करने के लिए भी लिखा है. सुरक्षा गार्ड ने बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत हौज खास थाने में भी दी थी. लेकिन, थाने की ओर से उनके पास अभी तक इस मामले में कार्रवाई को लेकर कोई जानकारी नहीं आई है. वह अभी एम्स में ड्यूटी कर रही हैं. साथ ही 15 अक्टूबर को कमेटी के साथ पेश होकर अपनी शिकायत दे चुकी हैं और पूरा घटनाक्रम बता चुकी हैं.
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