कुचामनसिटी. श्याम जी का चौक निवासी गीता देवी का मंगलवार देर रात को देहांत हो गया था, लेकिन जाते-जाते गीता देवी दो लोगों की जिंदगी रोशन कर गईं. गीता देवी के परिजनों ने उनकी आंखे दान करने का निर्णय लिया. गीता देवी के पुत्र संजय अग्रवाल ने कहा कि आज हम गर्व महसूस कर रहे हैं कि हमारी माताजी की आंखें अब दो अंधेरी जिंदगियों को रोशन करेंगी.
संजय अग्रवाल ने बताया कि गीता देवी के निधन के बाद मारवाड़ हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. सोहन चौधरी से सम्पर्क किया गया. उन्होंने नेत्र बैंक से टीम बुला कर इस पुनीत कार्य मे हमारी मदद की. डॉ. सोहन चौधरी ने बताया कि परिवार की इच्छानुसार नेत्रदान करवाया गया है. अब तक शहर में कुल दस लोगों ने नेत्रदान किया है. परिजनों ने बताया कि 28 फरवरी 2019 को परिजनों की इच्छानुसार उनके पिता देवराज अग्रवाल के निधन के बाद उनका भी नेत्रदान किया गया था.
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अजमेर से पहुंची टीम : गीता देवी के परिजनों की सहमति के बाद आई बैंक अजमेर को सूचना दी गई. इसके बाद डॉ भरत कुमार शर्मा के नेतृत्व में टीम गीता देवी के घर पहुंची. डॉ. शर्मा ने बताया कि आज प्रदेश में हजारों की तादात में लोग आंखों की रोशनी के इंतजार में हैं. उन्होंने कहा कि यदि हम ठान लें तो कोई काम मुश्किल नहीं है. जागरूकता प्रदेश की सूरत बदल सकती है. इसके लिए लिए विशेष अभियान चलाकर लोगों में फैली भ्रातियों को दूर किया जा सकता है.