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बिनसर वनाग्नि घटना के बाद खौफ में हैं वनकर्मी, मुख्य वन संरक्षक ने बीमा करने के दिए निर्देश - forest workers Demand in Almora

Forest workers demand बिनसर वनाग्नि घटना के बाद वन महकमा सक्रियता से कार्य कर रहा है. वहीं वनकर्मियों में घटना के खौफ का माहौल है. वहीं मुख्य वन संरक्षक ने सभी डीएफओ से वनकर्मियों का बीमा करने के निर्देश दिए हैं.

Forest workers are in fear after the Binsar forest fire incident
बिनसर वनाग्नि घटना के बाद खौफ में हैं वनकर्मी (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 21, 2024, 12:02 PM IST

श्रीनगर: बिनसर वन्यजीव विहार में हुई वनाग्नि घटना के बाद वन विभाग हरकत में आ गया है. मुख्य वन संरक्षक द्वारा गढ़वाल मंडल के सभी डीएफओ से वन कर्मियों के इंश्योरेंस को लेकर जानकारियां ली जा रही है. दूसरी तरफ वन कर्मियों में अल्मोड़ा दुर्घटना के बाद भय का वातावरण भी पैदा हो गया है. वनकर्मी अपने कार्य क्षेत्र में तो जा रहे हैं, लेकिन डर के कारण क्विक रिस्पांस में भी उन्हें घटना के बाद से डर लगने लगा है. वनकर्मियों ने सरकार और विभाग से उचित निर्णय लेने की मांग भी उठाई हैं.

वहीं मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल नरेश कुमार ने बताया कि इन दिनों जिस तरह से आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं सभी कर्मचारियों को बताया गया है कि वह अपना भी ध्यान रखें क्योंकि ढंगारी वाले क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ आग बढ़ती हैं. ऐसे में कोई भी कर्मचारी आग की चपेट में ना आए इसको लेकर भी सभी लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि जिस तरह से अल्मोड़ा में वनाग्नि की घटना घटी है, उससे सभी लोगों में दुख है.

लेकिन आने वाले समय में किसी भी वनकर्मी के साथ इस तरह की घटना ना हो इसको लेकर सभी लोगों को विशेष हिदायत दी गई है. निर्देश दिए गए है कि जो अनुभवी लोग हैं, उनको फ्रंट वॉरियर के तौर पर रखा जाए. इसके साथ ही सभी डीएफओ से जानकारी ली जा रही है कि उनके वन कर्मियों का इंश्योरेंस हुआ है या नहीं, यदि जिन भी डीएफओ ने वन कर्मियों का इंश्योरेंस नहीं करवाया है, वह जल्द करवाकर सूची उपलब्ध करवाए. वहीं सहायक वन कर्मचारी संगठन पौड़ी ने अल्मोड़ा की घटना में दुख व्यक्त किया है.

सहायक वन कर्मचारी संगठन पौडी के संगठन मंत्री अरविंद रावत ने बताया कि अल्मोड़ा में हुई इस घटना से पूरे संगठन को दुख है. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से वनाग्नि के दौरान जिस भी वनकर्मी की मौत होती है तो उसके लिए मुआवजे के रूप में 15 लाख रुपए की धनराशि देने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक यह शासनादेश जारी नहीं हुआ है, उसे जल्द जारी किया जाए. ताकि जिन वनकर्मी की मौत हुई है, उनके परिजनों को कुछ आर्थिक सहायता मिल सके.

पढ़ें-अल्मोड़ा फॉरेस्ट फायर केस में दर्ज हुआ मुकदमा, पांच वनकर्मियों की मौत के बाद होश में आया वन विभाग

श्रीनगर: बिनसर वन्यजीव विहार में हुई वनाग्नि घटना के बाद वन विभाग हरकत में आ गया है. मुख्य वन संरक्षक द्वारा गढ़वाल मंडल के सभी डीएफओ से वन कर्मियों के इंश्योरेंस को लेकर जानकारियां ली जा रही है. दूसरी तरफ वन कर्मियों में अल्मोड़ा दुर्घटना के बाद भय का वातावरण भी पैदा हो गया है. वनकर्मी अपने कार्य क्षेत्र में तो जा रहे हैं, लेकिन डर के कारण क्विक रिस्पांस में भी उन्हें घटना के बाद से डर लगने लगा है. वनकर्मियों ने सरकार और विभाग से उचित निर्णय लेने की मांग भी उठाई हैं.

वहीं मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल नरेश कुमार ने बताया कि इन दिनों जिस तरह से आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं सभी कर्मचारियों को बताया गया है कि वह अपना भी ध्यान रखें क्योंकि ढंगारी वाले क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ आग बढ़ती हैं. ऐसे में कोई भी कर्मचारी आग की चपेट में ना आए इसको लेकर भी सभी लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि जिस तरह से अल्मोड़ा में वनाग्नि की घटना घटी है, उससे सभी लोगों में दुख है.

लेकिन आने वाले समय में किसी भी वनकर्मी के साथ इस तरह की घटना ना हो इसको लेकर सभी लोगों को विशेष हिदायत दी गई है. निर्देश दिए गए है कि जो अनुभवी लोग हैं, उनको फ्रंट वॉरियर के तौर पर रखा जाए. इसके साथ ही सभी डीएफओ से जानकारी ली जा रही है कि उनके वन कर्मियों का इंश्योरेंस हुआ है या नहीं, यदि जिन भी डीएफओ ने वन कर्मियों का इंश्योरेंस नहीं करवाया है, वह जल्द करवाकर सूची उपलब्ध करवाए. वहीं सहायक वन कर्मचारी संगठन पौड़ी ने अल्मोड़ा की घटना में दुख व्यक्त किया है.

सहायक वन कर्मचारी संगठन पौडी के संगठन मंत्री अरविंद रावत ने बताया कि अल्मोड़ा में हुई इस घटना से पूरे संगठन को दुख है. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से वनाग्नि के दौरान जिस भी वनकर्मी की मौत होती है तो उसके लिए मुआवजे के रूप में 15 लाख रुपए की धनराशि देने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक यह शासनादेश जारी नहीं हुआ है, उसे जल्द जारी किया जाए. ताकि जिन वनकर्मी की मौत हुई है, उनके परिजनों को कुछ आर्थिक सहायता मिल सके.

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