चंबा: जिला चंबा में विभिन्न आपदाओं से निपटने के लिए अब ड्रोन की मदद भी ली जा सकेगी. यह ड्रोन बीस किलोग्राम का भार उठाने की क्षमता रखता है और मंगलवार को इसका सफल ट्रायल चंबा के एतिहासिक चौगान से किया गया. इस दौरान चौगान से आवश्यक वस्तुओं को लेकर ड्रोन ने सुल्तानपुर स्थित के लिए उड़ान भरी. इसके बाद ड्रोन वापस चौगान लौटा. इस ड्रोन को उपायुक्त चंबा एवं जिला आपदा प्राधिकरण को सौंपा दिया गया है.
चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति और सीमित पहुंच के कारण जिला की आपदाओं के प्रति उच्च संवेदनशीलता को देखते हुए ये कदम उठाया गया है. इस कार्य के लिए उपायुक्त व अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चम्बा ने बाल रक्षा भारत और जी एंटरटेनमेंट और एंटरप्राइजिंग लिमिटेड का आभार जताया. उन्होंने कहा 'बाल रक्षा भारत जिसे सेव द चिल्ड्रन भी कहा जाता है ने आज जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को एक ड्रोन प्रदान किया है। यह ड्रोन निगरानी और परिवहन क्षमता रखता है जो बाढ़ भूस्खलन से कटे हुए क्षेत्रों में 20 किलोग्राम तक अवश्य आपूर्ति पहुंचने में सक्षम है.'
इस दौरान उन्होंने कहा कि अपनी उन्नत सुविधाओं के साथ यह ड्रोन विभिन्न आपदाओं से निपटने,खोज और बचाव मिशन, क्षति मूल्यांकन और बुनियादी ढांचे की निगरानी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जिला के लिए प्रभावशाली साबित होगा.उन्होंने कहा कि आपात स्थितियों के दौरान दूरदराज के क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की चुनौती का समाधान करने के लिए एसडीएमए ने इसे खरीदा है. जिला चम्बा की विकट भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इसे चंबा में प्रयोग किया जाएगा.
बता दें कि हिमाचल प्रेदश का चंबा दुर्गम क्षेत्र में पड़ता है. बर्फबारी और बरसात के मौसम में यहां स्थितियां प्रतिकूल हो जाती हैं. लोगों को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. ऐसे में ये ड्रोन चंबा जिले के कारगर साबित होगा.
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