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MBBS के बाद अब कोरबा मेडिकल कॉलेज में शुरू होंगे MD और SS के मास्टर्स कोर्स

स्व. बिसाहू दास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत होने जा रही है.

KORBA MEDICAL COLLEGE
शुरू होंगे MD और SS के मास्टर्स कोर्स (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 2 hours ago

कोरबा: स्व. बिसाहू दास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय कोरबा में शैक्षणिक सत्र 2026-26 से 5 विभागों में पीजी कोर्सेज शुरू होने जा रहे हैं. अब तक एमबीबीएस का पाठ्यक्रम पूरा करने वाले कॉलेजों को ही पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति थी. नए नियमों के तहत एमबीबीएस के तीसरे साल से ही ही पीजी कोर्सेज वाले विभागों की स्थापना मेडिकल कॉलेज में की जा सकती है. जिसके तहत 2 साल की पढ़ाई पूरी करने वाले एमबीबीएस के छात्र अब एमडी या एमएस के तौर पर विशेषज्ञ चिकित्सक की पढ़ाई शुरू कर सकेंगे.

शुरू होंगे MD और SS के मास्टर्स कोर्स: बड़ी मशक्कत के बाद कोरबा मे मेडिकल कॉलेज की स्थापना साल 2022 में हुई. तीन साल का वक्त बीतने के बाद एमबीबीएस के छात्रों के लिए प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के लिए क्लासेज संचालित होती हैं. आने वाले दो शैक्षणिक सालों के बाद एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर डॉक्टर बनने वाले चिकित्सा छात्रों के पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) कक्षाएं के लिए पीजी पाठ्यक्रम करने की जरुरत है. नए नियमों के तहत तब तीसरे वर्ष से ही पीजी कोर्सेस के विभागों की स्थापना मेडिकल कॉलेज में की जा सकेगी.

शुरू होंगे MD और SS के मास्टर्स कोर्स (ETV Bharat)

इन विभागों में होगी पीजी की पढ़ाई: मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने 5 विभाग जिनमें जनरल मेडिसीन, जनरल सर्जरी, शिशु रोग, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग और एनेस्थीसिया में पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने के संबंध में राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा. राज्य शासन ने इशेंसियेलिटी सर्टिफिकेट जारी करके प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसके साथ ही कॉलेज में पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने का रास्ता भी खुल गया. अब मेडिकल कॉलेज प्रबंधन आयुष विश्वविद्यालय की तय फीस देकर स्वीकृति हासिल करेगा, जिसके बाद एनएमसी को आवेदन करने और तय फीस जमा किया जाएगा. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इसकी तैयारी में जुट गया है. गाइडलाइन के मुताबिक तैयारी पूरी होने पर कॉलेज को पीजी पाठ्यक्रम के लिए मान्यता मिल जाएगी.

फिलहाल 5-5 सीटों के लिए मांगी अनुमति: मेडिकल कॉलेज में पीजी पाठ्यक्रम के लिए प्रत्येक विभाग में प्रोफेसर के पीछे 3 और असिस्टेंट प्रोफेसर के पीछे 2 सीटें मिलती हैं. सीट और फीस पर अंतिम निर्णय एंड मेक के द्वारा ही लिया जाएगा जिसके दौरे के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. सब कुछ ठीक रहा तो प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर होने पर 5-5 सीटों की मान्यता मिल सकती है. ऐसे में कोरबा मेडिकल कॉलेज में प्रत्येक दो वर्ष में 5 विभाग को मिलाकर 25 विशेषज्ञ चिकित्सक तैयार होंगे. ये डॉक्टर शुरुआती सेवा सरकारी अस्पतालों में देंगे. कोरबा के मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने उन्हीं पीजी कोर्सेज के लिए अनुमति मांगी है जिनके फैकल्टी वर्तमान में यहां मौजूद हैं.

2025-26 से मिलेगी अनुमति: सब ठीक रहा तो 2025-26 से पीजी कोर्सेज शुरू करने की अनुमति मिलेगी. मेडिकल कॉलेज के संयुक्त संचालक सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. गोपाल सिंह कंवर ने बताया कि पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए एनएमसी को आवेदन किया गया है. टीम का दौरा प्रस्तावित है. मान्यता के लिए हमने पूरी तैयारी कर रखी है. जिनके फैकल्टी हमारे पास मौजूद हैं. उन विभागों के लिए अनुमति मांगी गई है.

कैसे होंगे नए नियम: नए नियमों के तहत अब तीसरे वर्ष के बाद से ही एमडी और एमएस के डिग्री के लिए पीजी कोर्स संचालित किये जा सकते हैं. पीजी के स्टूडेंट किसी भी मेडिकल कॉलेज के लिए रीढ़ की हड्डी के समान होते हैं. वह अस्पताल में सेवा भी देंगे और विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को भी पूरा करेंगे. इस व्यवस्था से अस्पताल और स्टूडेंट सभी को फायदा होगा.

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शुरू होंगे MD और SS के मास्टर्स कोर्स: बड़ी मशक्कत के बाद कोरबा मे मेडिकल कॉलेज की स्थापना साल 2022 में हुई. तीन साल का वक्त बीतने के बाद एमबीबीएस के छात्रों के लिए प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के लिए क्लासेज संचालित होती हैं. आने वाले दो शैक्षणिक सालों के बाद एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर डॉक्टर बनने वाले चिकित्सा छात्रों के पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) कक्षाएं के लिए पीजी पाठ्यक्रम करने की जरुरत है. नए नियमों के तहत तब तीसरे वर्ष से ही पीजी कोर्सेस के विभागों की स्थापना मेडिकल कॉलेज में की जा सकेगी.

शुरू होंगे MD और SS के मास्टर्स कोर्स (ETV Bharat)

इन विभागों में होगी पीजी की पढ़ाई: मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने 5 विभाग जिनमें जनरल मेडिसीन, जनरल सर्जरी, शिशु रोग, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग और एनेस्थीसिया में पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने के संबंध में राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा. राज्य शासन ने इशेंसियेलिटी सर्टिफिकेट जारी करके प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसके साथ ही कॉलेज में पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने का रास्ता भी खुल गया. अब मेडिकल कॉलेज प्रबंधन आयुष विश्वविद्यालय की तय फीस देकर स्वीकृति हासिल करेगा, जिसके बाद एनएमसी को आवेदन करने और तय फीस जमा किया जाएगा. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इसकी तैयारी में जुट गया है. गाइडलाइन के मुताबिक तैयारी पूरी होने पर कॉलेज को पीजी पाठ्यक्रम के लिए मान्यता मिल जाएगी.

फिलहाल 5-5 सीटों के लिए मांगी अनुमति: मेडिकल कॉलेज में पीजी पाठ्यक्रम के लिए प्रत्येक विभाग में प्रोफेसर के पीछे 3 और असिस्टेंट प्रोफेसर के पीछे 2 सीटें मिलती हैं. सीट और फीस पर अंतिम निर्णय एंड मेक के द्वारा ही लिया जाएगा जिसके दौरे के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. सब कुछ ठीक रहा तो प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर होने पर 5-5 सीटों की मान्यता मिल सकती है. ऐसे में कोरबा मेडिकल कॉलेज में प्रत्येक दो वर्ष में 5 विभाग को मिलाकर 25 विशेषज्ञ चिकित्सक तैयार होंगे. ये डॉक्टर शुरुआती सेवा सरकारी अस्पतालों में देंगे. कोरबा के मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने उन्हीं पीजी कोर्सेज के लिए अनुमति मांगी है जिनके फैकल्टी वर्तमान में यहां मौजूद हैं.

2025-26 से मिलेगी अनुमति: सब ठीक रहा तो 2025-26 से पीजी कोर्सेज शुरू करने की अनुमति मिलेगी. मेडिकल कॉलेज के संयुक्त संचालक सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. गोपाल सिंह कंवर ने बताया कि पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए एनएमसी को आवेदन किया गया है. टीम का दौरा प्रस्तावित है. मान्यता के लिए हमने पूरी तैयारी कर रखी है. जिनके फैकल्टी हमारे पास मौजूद हैं. उन विभागों के लिए अनुमति मांगी गई है.

कैसे होंगे नए नियम: नए नियमों के तहत अब तीसरे वर्ष के बाद से ही एमडी और एमएस के डिग्री के लिए पीजी कोर्स संचालित किये जा सकते हैं. पीजी के स्टूडेंट किसी भी मेडिकल कॉलेज के लिए रीढ़ की हड्डी के समान होते हैं. वह अस्पताल में सेवा भी देंगे और विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को भी पूरा करेंगे. इस व्यवस्था से अस्पताल और स्टूडेंट सभी को फायदा होगा.

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