नई दिल्ली/गाजियाबाद: ठंड के मौसम में पराली जलाने की घटनाएं लगातार सामने आती हैं. इसके चलते हवा में धुंध की चादर नजर आने लगती है. दिल्ली-एनसीआर में पिछले कई दिनों से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इसकी गंभीरता को देखते हुए किसानों के पराली जलाने और किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी गई है. साथ ही जिन किसानों के द्वारा पराली जलाया जा रहा है, उन पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई भी की जा रही है.
वहीं, गाजियाबाद के लोनी की बात करें, तो यहां अवैध रूप से चलने वाली फैक्ट्रियों से निकलने वाले ई-वेस्ट को रात के अंधेरे में जलाया जाता है. इसके कारण आसपास के इलाकों में धुआं फैल जाता है. लोगों को सांस लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. प्रशासन के रवैये से अवैध कार्य करने वालों की हिम्मत लगातार बढ़ रही है. लोनी थाना क्षेत्र के चिरौडी गांव के जंगल में एक अवैध कालोनी के पास सड़क पर ई-वेस्ट को जलाया जाता है.
रात के अंधेरे में घने जंगल में जलाए जाने वाले ई-वेस्ट से निकलने वाला धुआं आसपास के इलाकों में फैल जाता है. आग की लपटें और उससे निकलने वाला धुआं लोगों को मौत बांट रहा है. बता दें, सर्दी का मौसम दस्तक देते ही प्रदूषण का कहर अपने चरम पर पहुंच जाता है, इसकी वजह किसानों द्वारा पराली जलाना है.
हालांकि, किसानों से लगातार यह अपील की जा रही है कि वो पराली जलाने से परहेज करें. लेकिन, मौजूदा हालातों से साफ जाहिर हो रहा है कि किसानों के बीच इस अपील का कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा है. उधर, प्रशासन ने भी इस संबंध में बयान जारी कर सख्त लहजे में कह दिया है कि अगर कोई किसान पराली जलाता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पराली जलाने पर 15,000 तक का जुर्माना: अपर कृषि निदेशक के मुताबिक, पराली जलाने पर दो एकड़ से कम क्षेत्र में ₹2500, 5 एकड़ जमीन के लिए ₹5000 और 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए ₹15000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा.
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