देहरादूनः उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होना है. जिसकी तैयारी में मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय जुटा हुआ है. प्रदेश में मौजूद 80 हजार 330 दिव्यांग मतदाताओं को मतदान करने के लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा उपलब्ध है. बावजूद इसके सिर्फ 5576 दिव्यांग मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करने की इच्छा जाहिर की है. वहीं, 85 साल से अधिक उम्र के प्रदेश में कुल 65 हजार 160 मतदाता है. जिसमें से मात्र 10 हजार 390 मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से मतदान की इच्छा जताई है.
दरअसल, मतदान से पहले प्रदेश के दिव्यांग मतदाताओं और 85 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान की सुविधा दिए जाने को लेकर फार्म भराया गया था. इस फॉर्म को भरकर जमा करने की अंतिम तिथि 25 मार्च रखी गई थी. ऐसे में अब जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से इन सभी मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने कहा कि मतदान की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए राज्य में व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इन सभी मतदाताओं को पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए निर्वाचन की टीम 8 अप्रैल से पहले चरण के तहत मतदान की प्रक्रिया शुरू करेगी. मतदान की ये प्रक्रिया तीन दिन तक रहेगी. अगर कोई मतदाता छूट जाता है या अपने घर पर उस समय मौजूद नहीं होता है तो ऐसे मतदाताओं के लिए 10 अप्रैल के बाद दूसरे चरण में मतदान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसके लिए बाकायदा जिला स्तर पर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जाएगी. प्रदेश में कुल 11,729 मतदान स्थल हैं. जिसमें से 94 फीसदी पोलिंग बूथों में रैम्प, पेयजल, फर्नीचर, शेड की व्यवस्था उपलब्ध है. बाकी बचे पोलिंग बूथ पर व्यवस्था की जा रही है.
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सभी दिव्यांग मतदाताओं और 85 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने सक्षम एप की व्यवस्था की है. इस एप के जरिए राज्य में 1524 व्हील चेयर, 994 डोली और 5910 स्वयंसेवक उपलब्ध कराने के लिए मतदाताओं ने अनुरोध किया है. ऐसे में इन सभी मतदाताओं को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.
उन्होंने बताया कि दिव्यांग मतदाताओं की सहायता के लिए ब्रेल आधारित बेलेट पेपर भी उपलब्ध कराया जाएगा. इसके साथ ही निर्वाचन में शामिल सभी कार्मिकों के लिए निर्वाचन ड्यूटी के दौरान आवश्यकता पड़ने पर निःशुल्क और कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिया जाएगा. इसके लिए सरकारी और सूचीबद्ध अस्पतालों को इसमें शामिल किया जाएगा. कर्मचारियों को जरूरत पड़ने पर आयुष्मान योजना से जुड़े कार्मिकों के साथ ही जो कार्मिक इस योजना से नहीं जुड़े हैं, उन्हें भी निःशुल्क और कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिया जाएगा.
साथ ही कहा कि राज्य के सभी बूथों के लिए बूथ लेवल हेल्थ मैनेजमेंट प्लान तैयार किया जा रहा है. जिसके तहत हर बूथ पर जो भी टीम जाएगी, उसे चिकित्सीय सेवा के लिए किससे संपर्क करना है, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र समेत सामुदायिक केंद्र कौन सा होगा, इसकी पूरी जानकारी दी जाएगी. बूथों में दवाइयों के आकस्मिक किट भी रखे जाएंगे. प्रदेश में सी-विजिल एप के जरिए अभी तक 9318 शिकायतें दर्ज हुई हैं. जिसमें से 8930 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है. जबकि 369 शिकायतें सही न पाए जाने पर ड्रॉप की गई हैं और 19 शिकायतों पर तमाम स्तरों पर कार्रवाई जारी है.