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हिमाचल में 15 साल पुराने वाहन किए जाएंगे स्क्रैप, जानें क्या है पॉलिसी - 15 year old vehicle scrap in HP

Vehicle scrap policy: हिमाचल प्रदेश में अभी एक भी वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र नहीं है. यहां वाहनों को बाहरी राज्यों में ले जाकर स्क्रैप किया जाता है. आखिर क्या है वाहनों की स्क्रैप पॉलिसी डिटेल जानकारी के लिए पढ़ें खबर...

VEHICLE SCRAP POLICY HIMACHAL
हिमाचल में 15 साल पुराने वाहन किए जाएंगे स्क्रैप (ETV Bharat फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 12, 2024, 7:23 AM IST

Updated : Jul 12, 2024, 7:34 AM IST

शिमला: देश में सड़कों पर बढ़ रहे डीजल और पेट्रोल वाहनों की संख्या से पर्यावरण दूषित हो रहा है. ऐसे में पर्यावरण संरक्षण, सड़क सुरक्षा और वाहन उद्योग के पुनर्विकास के लिए सड़कों पर पुराने और अनुपयोगी वाहनों को हटाने के लिए पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा लागू की गई है.

इसके तहत सड़कों पर 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल के वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा. केंद्र सरकार ने इस नियम को 25 सितंबर 2021 को लागू किया था. हालांकि अभी ये पॉलिसी सरकारी वाहनों पर ही लागू है. निजी वाहन मालिक स्वेच्छा से पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए आवेदन कर सकते हैं.

15 साल पूरा होने पर खुद ही पंजीकरण हो जाएगा रद्द

भारत सरकार के सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जीएसआर 29 (ई) के तहत 16 जनवरी 2023 को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) के नियमों को लेकर संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी थी.

इस अधिसूचना के मुताबिक 31 मार्च 2023 तक 15 साल पूरे होने पर सरकारी वाहनों का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द किया गया है. इसी तरह से सरकारी वाहनों के पंजीकरण के 15 साल पूरे होते ही अब खुद ही पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द समझा जाएगा. ये नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू हो चुके हैं.

अब तक 389 वाहन हो चुके हैं स्क्रैप

प्रदेश में 15 साल पुराने कुल 389 वाहन स्क्रैप किए जा चुके हैं. परिवहन विभाग की ओर से इस साल 8 जुलाई तक जारी आंकड़ों के मुताबिक 168 सरकारी वाहनों सहित 221 निजी वाहनों को पड़ोसी राज्य में स्थापित (आरवीएसएफ) केंद्र के माध्यम से स्क्रैप किया जा चुका है. वहीं, प्रदेश में 31 मार्च 2023 तक 15 साल पूरा कर चुके सरकारी वाहनों की संख्या 7,436 थी, जो 8 जुलाई 2024 तक बढ़कर 7,554 तक पहुंच गई. करीब 16 महीने के अंतराल में 15 साल पूरा कर चुके 118 वाहन इस संख्या में और जुड़े हैं.

हिमाचल में अभी नहीं स्क्रैपिंग की सुविधा

प्रदेश में पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में अभी पड़ोसी राज्यों में ही वाहनों को स्क्रैप किया जा रहा है जिसमें अभी तक 168 सरकारी व 221 निजी वाहनों को पड़ोसी राज्य में स्थापित (आरवीएसएफ) केंद्र के माध्यम से स्क्रैप किया गया है. हालांकि हिमाचल में भी सभी जिलों में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र खोलने के लिए इच्छुक निवेशकों से आवेदन आमंत्रित किए थे जिसके लिए अंतिम तारीख 20 फरवरी 2024 निर्धारित की गई थी.

इस अवधि तक परिवहन विभाग को कुल 88 आवेदन प्राप्त हुए थे. इनमें सभी तरह की औपचारिकताएं पूरा करने पर 80 आवेदकों को नियमों के तहत लाइसेंस देने के लिए सहमति जारी की गई है. इसके अलावा अभी तक केवल एक ही आवेदन ऑनलाइन (एनएसडब्ल्यूएस) के माध्यम से प्राप्त हुआ है जो परिवहन विभाग के पास विचाराधीन है.

निजी वाहन स्क्रैप करने पर मिलेगी 25 फीसदी की छूट

हिमाचल में अभी तक निजी वाहनों के लिए पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा जरूरी नहीं है लेकिन इसके बाद भी अगर व्यक्ति अपने 15 साल पुराने वाहन को स्वेच्छा से स्क्रैप करना चाहता है तो इसके लिए उसे पोर्टल पर उपलब्ध mstc की साइट पर जाकर आवेदन करना होगा. इस दौरान बाहरी राज्यों में स्थापित नजदीक के स्क्रैप केंद्र वाहन को लेकर जरूरी जानकारी देनी होगी. आवेदन के वक्त वाहन मालिक पुराने वाहन की कीमत भी भर सकता है.

ऐसे में नजदीकी स्क्रैप सेंटर से वाहन के निरीक्षण के लिए टीम पहुंचेगी जो वाहन को खुद ही स्क्रैप केंद्र तक ले जाएगी. वहीं, वाहन के स्क्रैप होने पर मालिक को स्क्रैप केंद्र की तरफ से सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (सीओडी) जारी होगा. इस तरह नया वाहन खरीदते वक्त ऐसे व्यक्ति को प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा जिस पर हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से 9 फरवरी 2024 को मोटर वाहन कर अधिसूचना के मुताबिक (टोकन टैक्स/रोड टैक्स और स्पेशल रोड टैक्स) में गैर-परिवहन वाहनों पर 25 फीसदी और परिवहन वाहनों पर 15 फीसदी एकमुश्त छूट दी जाएगी.

वहीं सरकार ने 7 फरवरी 2024 को एक और अधिसूचना जारी की थी. इसके मुताबिक 31 दिसंबर 2024 तक 15 साल से अधिक पुराने 1477 सरकारी वाहनों को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के माध्यम से स्क्रैप किया जाएगा.

ये है स्क्रैपिंग का उद्देश्य

देश व प्रदेश में पुराने वाहनों से फैल रहे प्रदूषण को रोकने के लिए स्क्रैप पॉलिसी को लागू किया गया है. इस तरह पुराने वाहनों के सड़क से हटने पर वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा जो पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से अच्छा कदम है.

सड़क सुरक्षा

15 साल पुराने वाहन सड़क पर चलना तकनीकी रूप से सुरक्षित नहीं है जिससे हमेशा दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है. इसको देखते हुए सरकार ने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने का फैसला लिया है.

वाहन उद्योग को प्रोत्साहन

15 साल पुराने वाहनों को सड़क पर से हटाने का उद्देश्य इसके बदले में नए वाहन खरीदने से वाहन उद्योग में बिक्री बढ़ाना भी है. इसी तरह से स्क्रैप किए गए वाहनों से प्राप्त सामग्री को फिर उपयोग में लाया जा सकता है जिससे बाजार में कच्चे माल की मांग में कमी आएगी.

आर्थिक लाभ

15 साल पुराने वाहनों को हटाने का मकसद नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत मालिकों को नए वाहन खरीदने पर छूट और अन्य प्रोत्साहन देना भी है. हालांकि यह पॉलिसी विशेष रूप से पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाने के लिए लागू की गई है, जो यातायात में सुधार, प्रदूषण में कमी और आर्थिक विकास में सहायक होगा. परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी ने कहा "भारत में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) की स्थापना का उद्देश्य ईएलवी से जुड़े कचरे और प्रदूषण की मात्रा को कम करना है. उनका कहना है कि सुविधा को उन्नत तकनीक और उपकरणों से सुसज्जित किया जाना चाहिए ताकि सभी राज्य जीवन-पर्यंत वाहनों (ईएलवी) की सुरक्षित और कुशल रीसाइक्लिंग हो सके."

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शिमला: देश में सड़कों पर बढ़ रहे डीजल और पेट्रोल वाहनों की संख्या से पर्यावरण दूषित हो रहा है. ऐसे में पर्यावरण संरक्षण, सड़क सुरक्षा और वाहन उद्योग के पुनर्विकास के लिए सड़कों पर पुराने और अनुपयोगी वाहनों को हटाने के लिए पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा लागू की गई है.

इसके तहत सड़कों पर 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल के वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा. केंद्र सरकार ने इस नियम को 25 सितंबर 2021 को लागू किया था. हालांकि अभी ये पॉलिसी सरकारी वाहनों पर ही लागू है. निजी वाहन मालिक स्वेच्छा से पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए आवेदन कर सकते हैं.

15 साल पूरा होने पर खुद ही पंजीकरण हो जाएगा रद्द

भारत सरकार के सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जीएसआर 29 (ई) के तहत 16 जनवरी 2023 को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) के नियमों को लेकर संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी थी.

इस अधिसूचना के मुताबिक 31 मार्च 2023 तक 15 साल पूरे होने पर सरकारी वाहनों का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द किया गया है. इसी तरह से सरकारी वाहनों के पंजीकरण के 15 साल पूरे होते ही अब खुद ही पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द समझा जाएगा. ये नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू हो चुके हैं.

अब तक 389 वाहन हो चुके हैं स्क्रैप

प्रदेश में 15 साल पुराने कुल 389 वाहन स्क्रैप किए जा चुके हैं. परिवहन विभाग की ओर से इस साल 8 जुलाई तक जारी आंकड़ों के मुताबिक 168 सरकारी वाहनों सहित 221 निजी वाहनों को पड़ोसी राज्य में स्थापित (आरवीएसएफ) केंद्र के माध्यम से स्क्रैप किया जा चुका है. वहीं, प्रदेश में 31 मार्च 2023 तक 15 साल पूरा कर चुके सरकारी वाहनों की संख्या 7,436 थी, जो 8 जुलाई 2024 तक बढ़कर 7,554 तक पहुंच गई. करीब 16 महीने के अंतराल में 15 साल पूरा कर चुके 118 वाहन इस संख्या में और जुड़े हैं.

हिमाचल में अभी नहीं स्क्रैपिंग की सुविधा

प्रदेश में पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में अभी पड़ोसी राज्यों में ही वाहनों को स्क्रैप किया जा रहा है जिसमें अभी तक 168 सरकारी व 221 निजी वाहनों को पड़ोसी राज्य में स्थापित (आरवीएसएफ) केंद्र के माध्यम से स्क्रैप किया गया है. हालांकि हिमाचल में भी सभी जिलों में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र खोलने के लिए इच्छुक निवेशकों से आवेदन आमंत्रित किए थे जिसके लिए अंतिम तारीख 20 फरवरी 2024 निर्धारित की गई थी.

इस अवधि तक परिवहन विभाग को कुल 88 आवेदन प्राप्त हुए थे. इनमें सभी तरह की औपचारिकताएं पूरा करने पर 80 आवेदकों को नियमों के तहत लाइसेंस देने के लिए सहमति जारी की गई है. इसके अलावा अभी तक केवल एक ही आवेदन ऑनलाइन (एनएसडब्ल्यूएस) के माध्यम से प्राप्त हुआ है जो परिवहन विभाग के पास विचाराधीन है.

निजी वाहन स्क्रैप करने पर मिलेगी 25 फीसदी की छूट

हिमाचल में अभी तक निजी वाहनों के लिए पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा जरूरी नहीं है लेकिन इसके बाद भी अगर व्यक्ति अपने 15 साल पुराने वाहन को स्वेच्छा से स्क्रैप करना चाहता है तो इसके लिए उसे पोर्टल पर उपलब्ध mstc की साइट पर जाकर आवेदन करना होगा. इस दौरान बाहरी राज्यों में स्थापित नजदीक के स्क्रैप केंद्र वाहन को लेकर जरूरी जानकारी देनी होगी. आवेदन के वक्त वाहन मालिक पुराने वाहन की कीमत भी भर सकता है.

ऐसे में नजदीकी स्क्रैप सेंटर से वाहन के निरीक्षण के लिए टीम पहुंचेगी जो वाहन को खुद ही स्क्रैप केंद्र तक ले जाएगी. वहीं, वाहन के स्क्रैप होने पर मालिक को स्क्रैप केंद्र की तरफ से सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (सीओडी) जारी होगा. इस तरह नया वाहन खरीदते वक्त ऐसे व्यक्ति को प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा जिस पर हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से 9 फरवरी 2024 को मोटर वाहन कर अधिसूचना के मुताबिक (टोकन टैक्स/रोड टैक्स और स्पेशल रोड टैक्स) में गैर-परिवहन वाहनों पर 25 फीसदी और परिवहन वाहनों पर 15 फीसदी एकमुश्त छूट दी जाएगी.

वहीं सरकार ने 7 फरवरी 2024 को एक और अधिसूचना जारी की थी. इसके मुताबिक 31 दिसंबर 2024 तक 15 साल से अधिक पुराने 1477 सरकारी वाहनों को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के माध्यम से स्क्रैप किया जाएगा.

ये है स्क्रैपिंग का उद्देश्य

देश व प्रदेश में पुराने वाहनों से फैल रहे प्रदूषण को रोकने के लिए स्क्रैप पॉलिसी को लागू किया गया है. इस तरह पुराने वाहनों के सड़क से हटने पर वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा जो पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से अच्छा कदम है.

सड़क सुरक्षा

15 साल पुराने वाहन सड़क पर चलना तकनीकी रूप से सुरक्षित नहीं है जिससे हमेशा दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है. इसको देखते हुए सरकार ने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने का फैसला लिया है.

वाहन उद्योग को प्रोत्साहन

15 साल पुराने वाहनों को सड़क पर से हटाने का उद्देश्य इसके बदले में नए वाहन खरीदने से वाहन उद्योग में बिक्री बढ़ाना भी है. इसी तरह से स्क्रैप किए गए वाहनों से प्राप्त सामग्री को फिर उपयोग में लाया जा सकता है जिससे बाजार में कच्चे माल की मांग में कमी आएगी.

आर्थिक लाभ

15 साल पुराने वाहनों को हटाने का मकसद नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत मालिकों को नए वाहन खरीदने पर छूट और अन्य प्रोत्साहन देना भी है. हालांकि यह पॉलिसी विशेष रूप से पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाने के लिए लागू की गई है, जो यातायात में सुधार, प्रदूषण में कमी और आर्थिक विकास में सहायक होगा. परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी ने कहा "भारत में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) की स्थापना का उद्देश्य ईएलवी से जुड़े कचरे और प्रदूषण की मात्रा को कम करना है. उनका कहना है कि सुविधा को उन्नत तकनीक और उपकरणों से सुसज्जित किया जाना चाहिए ताकि सभी राज्य जीवन-पर्यंत वाहनों (ईएलवी) की सुरक्षित और कुशल रीसाइक्लिंग हो सके."

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Last Updated : Jul 12, 2024, 7:34 AM IST
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