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19 साल में एशियाई चैंपियन बने वत्सल माहेश्वरी, इस पावरलिफ्टर के नाम हैं कईं बड़ी उपलब्धियां - 19 Year Old Power Lifter

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 19, 2024, 6:54 PM IST

19 Year Old Gujrati Power Lifter : जहां कच्छ के युवा आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, वहीं भुज के 19 वर्षीय वत्सल माहेश्वरी ने फिटनेस को अपना लिया है. 3 साल से पावरलिफ्टिंग कर रहे वत्सल 7 बार स्टेट और 3 बार नेशनल चैंपियन बन चुके हैं. साथ ही 1 बार के एशियाई चैंपियन के बाद अब वह अगले अक्टूबर में स्पेन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

Vatsal Maheshwari
वत्सल माहेश्वरी (ETV Bharat)

कच्छ: आमतौर पर दिल्ली, पंजाब और हरियाणा क्षेत्र के लोग फिटनेस से ज्यादा जुड़े रहते हैं. युवा अखाड़े में कुश्ती और पावर लिफ्टिंग भी करते हैं. लेकिन पावर लिफ्टिंग या फिटनेस के क्षेत्र में गुजरात से बहुत कम लोग आगे आते हैं. फिर भुज के 19 साल के वत्सल माहेश्वरी ने फिटनेस का बीड़ा उठाया है.

19 साल के पावर लिफ्टर वत्सल : भुज के 19 साल के वत्सल माहेश्वरी ने महज 3 साल में राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चैंपियन बनकर कच्छ, गुजरात के साथ-साथ देश का नाम रोशन किया है. 3 साल से पावरलिफ्टिंग कर रहे वत्सल माहेश्वरी 7 बार स्टेट और 3 बार नेशनल चैंपियन बन चुके हैं. साथ ही 1 बार एशियन चैंपियन भी बन चुके हैं.

पिता बने प्रेरणा : वत्सल माहेश्वरी के पिता निखिल माहेश्वरी भी पावर लिफ्टर और 5 बार के नेशनल चैंपियन हैं. वत्सल माहेश्वरी ने पिछले 3 वर्षों से जिम भी शुरू किया है और राज्य स्तर से लेकर एशिया स्तर तक की प्रतियोगिताओं में प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों को हराकर चैंपियनशिप जीती है. वत्सल ने 3 साल पहले जिम जाना शुरू किया था और उन्हें अपने पिता से जिम में वर्कआउट करने की तुलना में बेहतर मांसपेशियां बनाने के लिए पावरलिफ्टिंग शुरू करने की प्रेरणा मिली थी. बाद में उन्होंने पॉवरलिफ्टिंग और प्रतिस्पर्धा शुरू कर दी.

चैंपियन ऑफ चैंपियंस : वत्सल ने सबसे पहले 59 किलोग्राम भार वर्ग में हिस्सा लिया. जिसमें उन्होंने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 110 किलोग्राम स्क्वाड, 60 किलोग्राम बेंच प्रेस और 140 किलोग्राम डेडलिफ्ट में स्वर्ण पदक जीता. इसके बाद उन्होंने दोबारा 66 किलोग्राम भार वर्ग में हिस्सा लिया. फिर भी उन्होंने प्रथम स्थान विजेता के रूप में स्वर्ण पदक जीता. वत्सल ने स्क्वाट में 180 किलो और डेडलिफ्ट में 190 किलो वजन उठाकर दो स्वर्ण पदक जीते. तो बेंच प्रेस में सिल्वर मेडल मिला.

वत्सल की अभूतपूर्व उपलब्धियाँ : उल्लेखनीय रूप से, वत्सल ने अपने वजन वर्ग के अलावा, कुल 66 प्रतियोगियों के साथ सब-जूनियर वर्ग में भी सबसे अधिक वजन उठाया. इन सबके मुकाबले वत्सल को चैंपियन ऑफ चैंपियंस घोषित किया गया. वत्सल माहेश्वरी 3.5 साल में अब तक 7 बार स्टेट चैंपियन, 3 बार नेशनल चैंपियन और 1 बार एशियन चैंपियन बन चुके हैं.

एशियाई चैंपियन में भारत का परचम : मई, 2024 के अंत में, वत्सल महेश्वर ने मध्य एशिया के सबसे बड़े देश कजाकिस्तान में एशियाई चैंपियन प्रतियोगिता में अंतरराष्ट्रीय प्रतिद्वंद्वियों के बीच सबसे अधिक लिफ्ट उठाकर पावरलिफ्टिंग डेडलिफ्ट के सब-जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक जीता. और कच्छ का नाम रोशन किया. यह वत्सल की पहली अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता थी, जहाँ उन्होंने पावरलिफ्टिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और भारत का प्रतिनिधित्व किया.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व : वत्सल माहेश्वरी फिजियोथेरेपी की पढ़ाई कर रहे हैं. कजाकिस्तान में हुई प्रतियोगिता में वत्सल ने 210 किलोग्राम की डेड लिफ्ट में स्वर्ण पदक जीता. 75 किलोग्राम वर्ग में उन्होंने पूरी ताकत से 477.5 किलोग्राम वजन उठाया और रजत पदक जीता. गौरतलब है कि वत्सल इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले गुजरात के एकमात्र खिलाड़ी थे. इसलिए वत्सल निकट भविष्य में रूस और स्पेन में होने वाली विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

वत्सल की युवाओं से अपील: वत्सल अपने उम्र के युवाओं से भी फिटनेस बनाए रखने और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की अपील करते हैं. वत्सल का कहना है कि युवाओं को पढ़ाई, नौकरी और अन्य सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए. किस प्रकार का भोजन करना है, कैसे व्यायाम करना है और वर्तमान जीवनशैली का भी ध्यान रखना चाहिए और स्वस्थ रहने के प्रयास करने चाहिए.

यह भी पढ़ें : भारत को मिला भविष्य का पावरलिफ्टर, 6 साल की उम्र में उठा लेता है 80 किलो वजन

कच्छ: आमतौर पर दिल्ली, पंजाब और हरियाणा क्षेत्र के लोग फिटनेस से ज्यादा जुड़े रहते हैं. युवा अखाड़े में कुश्ती और पावर लिफ्टिंग भी करते हैं. लेकिन पावर लिफ्टिंग या फिटनेस के क्षेत्र में गुजरात से बहुत कम लोग आगे आते हैं. फिर भुज के 19 साल के वत्सल माहेश्वरी ने फिटनेस का बीड़ा उठाया है.

19 साल के पावर लिफ्टर वत्सल : भुज के 19 साल के वत्सल माहेश्वरी ने महज 3 साल में राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चैंपियन बनकर कच्छ, गुजरात के साथ-साथ देश का नाम रोशन किया है. 3 साल से पावरलिफ्टिंग कर रहे वत्सल माहेश्वरी 7 बार स्टेट और 3 बार नेशनल चैंपियन बन चुके हैं. साथ ही 1 बार एशियन चैंपियन भी बन चुके हैं.

पिता बने प्रेरणा : वत्सल माहेश्वरी के पिता निखिल माहेश्वरी भी पावर लिफ्टर और 5 बार के नेशनल चैंपियन हैं. वत्सल माहेश्वरी ने पिछले 3 वर्षों से जिम भी शुरू किया है और राज्य स्तर से लेकर एशिया स्तर तक की प्रतियोगिताओं में प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों को हराकर चैंपियनशिप जीती है. वत्सल ने 3 साल पहले जिम जाना शुरू किया था और उन्हें अपने पिता से जिम में वर्कआउट करने की तुलना में बेहतर मांसपेशियां बनाने के लिए पावरलिफ्टिंग शुरू करने की प्रेरणा मिली थी. बाद में उन्होंने पॉवरलिफ्टिंग और प्रतिस्पर्धा शुरू कर दी.

चैंपियन ऑफ चैंपियंस : वत्सल ने सबसे पहले 59 किलोग्राम भार वर्ग में हिस्सा लिया. जिसमें उन्होंने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 110 किलोग्राम स्क्वाड, 60 किलोग्राम बेंच प्रेस और 140 किलोग्राम डेडलिफ्ट में स्वर्ण पदक जीता. इसके बाद उन्होंने दोबारा 66 किलोग्राम भार वर्ग में हिस्सा लिया. फिर भी उन्होंने प्रथम स्थान विजेता के रूप में स्वर्ण पदक जीता. वत्सल ने स्क्वाट में 180 किलो और डेडलिफ्ट में 190 किलो वजन उठाकर दो स्वर्ण पदक जीते. तो बेंच प्रेस में सिल्वर मेडल मिला.

वत्सल की अभूतपूर्व उपलब्धियाँ : उल्लेखनीय रूप से, वत्सल ने अपने वजन वर्ग के अलावा, कुल 66 प्रतियोगियों के साथ सब-जूनियर वर्ग में भी सबसे अधिक वजन उठाया. इन सबके मुकाबले वत्सल को चैंपियन ऑफ चैंपियंस घोषित किया गया. वत्सल माहेश्वरी 3.5 साल में अब तक 7 बार स्टेट चैंपियन, 3 बार नेशनल चैंपियन और 1 बार एशियन चैंपियन बन चुके हैं.

एशियाई चैंपियन में भारत का परचम : मई, 2024 के अंत में, वत्सल महेश्वर ने मध्य एशिया के सबसे बड़े देश कजाकिस्तान में एशियाई चैंपियन प्रतियोगिता में अंतरराष्ट्रीय प्रतिद्वंद्वियों के बीच सबसे अधिक लिफ्ट उठाकर पावरलिफ्टिंग डेडलिफ्ट के सब-जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक जीता. और कच्छ का नाम रोशन किया. यह वत्सल की पहली अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता थी, जहाँ उन्होंने पावरलिफ्टिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और भारत का प्रतिनिधित्व किया.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व : वत्सल माहेश्वरी फिजियोथेरेपी की पढ़ाई कर रहे हैं. कजाकिस्तान में हुई प्रतियोगिता में वत्सल ने 210 किलोग्राम की डेड लिफ्ट में स्वर्ण पदक जीता. 75 किलोग्राम वर्ग में उन्होंने पूरी ताकत से 477.5 किलोग्राम वजन उठाया और रजत पदक जीता. गौरतलब है कि वत्सल इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले गुजरात के एकमात्र खिलाड़ी थे. इसलिए वत्सल निकट भविष्य में रूस और स्पेन में होने वाली विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

वत्सल की युवाओं से अपील: वत्सल अपने उम्र के युवाओं से भी फिटनेस बनाए रखने और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की अपील करते हैं. वत्सल का कहना है कि युवाओं को पढ़ाई, नौकरी और अन्य सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए. किस प्रकार का भोजन करना है, कैसे व्यायाम करना है और वर्तमान जीवनशैली का भी ध्यान रखना चाहिए और स्वस्थ रहने के प्रयास करने चाहिए.

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