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जानिए ओलंपिक में कैसा रहा है भारतीय तीरंदाजी का इतिहास, इस बार किन खिलाड़ियों से होगी मेडल की आस - Paris Olympic 2024

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 19, 2024, 12:52 PM IST

Paris Olympic 2024 में तीरंदाजी स्पर्धाएं 25 जुलाई से रैंकिंग राउंड के साथ शुरू होंगी और एलिमिनेशन मैच 28 जुलाई से शुरू होंगे. उससे पहले हम आपको इस स्पर्धा में हिस्सा लेने भारतीय दल और ओलंपिक में इस खेल के इतिहास के बारे में बताने वाले हैं. पढ़िए पूरी खबर...

Paris Olympic 2024
भारतीय तीरंदाज (IANS PHOTOS)

नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक में अब सिर्फ 7 दिन का समय बचा है और भारत 117 खिलाड़ियों के दल के साथ खेलों में भाग लेने के लिए तैयार है. ओलंपिक में तीरंदाजी हमेशा से भारत के लिए उम्मीद की किरण रही है क्योंकि भारतीय तीरंदाज बड़े मंच पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं. इस बार भारत ने पेरिस ओलंपिक के लिए 6 तीरंदाजों के दल की घोषणा की है. देश को उम्मीद है कि भारतीय खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से एक या दो पदक जीतेंगे.

Indian Archers
तीरंदाजी (IANS PHOTOS)

तीरंदाजी खेल का ओलंपिक में इतिहास
तीरंदाजी को दो युगों में वर्गीकृत किया जा सकता है, पहला प्रारंभिक युग और दूसरा आधुनिक युग. यह खेल प्रारंभिक युग के दौरान 1900, 1904, 1908 और 1920 के संस्करणों में शामिल था, लेकिन प्रतियोगिता प्रारूप को और अधिक बेहतर बनाने की आवश्यकता थी. यह स्थानीय नियमों पर आधारित था और इसलिए खेल खेलों के इतिहास में छिटपुट रूप से दिखाई दिया. हालाँकि खेलों में फिर से शामिल होने के लिए 1931 में विश्व तीरंदाजी का गठन किया गया.

इस खेल ने 1972 के ओलंपिक खेलों में वापसी की और तब से हर संस्करण में शामिल रहा है. 1972 से 1984 तक व्यक्तिगत स्पर्धाएं खेली गईं लेकिन 1988 के संस्करण में टीम स्पर्धा को भी इसमें शामिल किया गया. 2020 के संस्करण में मिश्रित टीम स्पर्धा को भी शामिल किया गया लेकिन भारत ने अभी तक इस खेल में कोई पदक नहीं जीता है और वे आगामी संस्करण में मेडल जीत पोडियम पर जगह बनाने का लक्ष्य रखेंगे.

Indian Archers
तीरंदाजी (IANS PHOTOS)

तीरंदाजी में भारत का ओलंपिक इतिहास
भारतीय टीम ने पहली बार 1988 ओलंपिक में अपने तीरंदाजों को उतारा था लेकिन यह देश के लिए निराशाजनक प्रदर्शन था. देश ने तब लगातार तीरंदाजी टीम भेजी, लेकिन कोई भी तीरंदाज व्यक्तिगत स्पर्धा में शीर्ष-20 में जगह नहीं बना पाया और टीम स्पर्धा में भी वे अक्सर पिछड़ जाते थे. 2004 एथेंस में सत्यदेव प्रसाद पुरुषों की व्यक्तिगत स्पर्धा में 10वें स्थान पर रहे, जबकि रीना कुमारी 15वें स्थान पर रहीं. महिलाओं की टीम ने आठवें स्थान पर खेलों का समापन करके शानदार प्रदर्शन किया. हालांकि, भारतीय तीरंदाज अगले संस्करणों में अपने प्रदर्शन को बेहतर नहीं कर पाए और भारत अभी तक तीरंदाजी में पदक नहीं जीत पाया है.

Indian Archers
तीरंदाजी (IANS PHOTOS)

खेल के महान खिलाड़ी
बेल्जियम के ह्यूबर्ट वैन इनिस ने 1900 और 1920 के ओलंपिक में छह गोल्ड और तीन सिल्वर मेडल जीतकर शुरुआती दौर में अपना दबदबा बनाया था. कोरिया के किम सू-नयुंग आधुनिक युग के सबसे सफल तीरंदाज हैं, जिन्होंने 1988, 1992 और 2000 के ओलंपिक खेलों में चार गोल्ड मेडल, एक सिल्वर और एक बॉन्ज मेडल जीता था. यूएसए के डेरेल पेस मॉन्ट्रियल 1976 और लॉस एंजिल्स 1984 में गोल्ड मेडल जीतकर दो बार व्यक्तिगत स्पर्धा जीतने वाले एकमात्र तीरंदाज हैं. कोरिया इस खेल में सबसे सफल राष्ट्र रहा है, जिसने 23 गोल्ड सहित कुल 39 मेडल जीते हैं और वे इस बार भी प्रतिद्वंद्वी देशों के लिए एक कठिन चुनौती पेश करेंगे.

ओलंपिक के लिए भारतीय तीरंदाजी दल

  1. धीरज बोम्मादेवरा - विश्व में 12वें नंबर के खिलाड़ी धीरज ने 2019 से विश्व रैंकिंग में भारी उछाल देखा है. इस सीजन में उनका जीत प्रतिशत 81 है. 22 वर्षीय खिलाड़ी ने इस साल चार टूर्नामेंट खेले हैं और दो पोडियम फिनिश हासिल किए हैं. उन्होंने सबसे पहले बगदाद एशिया कप लेग 1 में स्वर्ण पदक जीता, लेकिन फिर शंघाई में तीरंदाजी विश्व कप स्टेज 1 और येचियोन में तीरंदाजी विश्व कप स्टेज 2 में नौवें और 17वें स्थान पर रहे. इसके बाद उन्होंने अंताल्या में खेले गए तीरंदाजी विश्व कप स्टेज 3 में स्वर्ण पदक जीता था. इस सीजन में उनके प्रदर्शन और पिछले कुछ वर्षों में उनकी प्रगति को देखते हुए धीरज पोडियम फिनिश हासिल कर सकते हैं, लेकिन चीनी और कोरियाई तीरंदाजों से कड़ी चुनौती के साथ उनके लिए रास्ता मुश्किल होगा.
  2. तरुणदीप राय - तीन बार ओलंपिक खेलने के बावजूद तरुणदीप राय प्रतियोगिता के दूसरे दौर से आगे नहीं बढ़ पाए हैं. 31 वर्षीय खिलाड़ी का इस सीजन में जीत प्रतिशत 64 है, जो बहुत अच्छी तस्वीर पेश नहीं करता है. उन्होंने इस साल चार प्रतियोगिताएं खेली हैं, लेकिन एशिया कप लेग 1 में केवल रजत पदक ही उनका अच्छा प्रदर्शन था. तीरंदाजी विश्व कप में उनका प्रदर्शन खराब रहा है, इसलिए इस अनुभवी तीरंदाज के पास ओलंपिक पदक जीतने का बहुत अच्छा मौका नहीं है.
  3. प्रवीण जाधव - दुनिया के 114वें स्थान पर मौजूद प्रवीण जाधव ने 2021 ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में देश का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन दूसरे दौर से ही बाहर हो गए. केवल 43 का जीत प्रतिशत तीरंदाज के लिए चिंता का विषय होगा, जब वह पेरिस में इस क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे. वह इस साल किसी भी टूर्नामेंट में पोडियम फिनिश हासिल नहीं कर पाए हैं और यह भारतीय दल के लिए चिंता का विषय होगा.
  4. दीपिका कुमारी - पूर्व विश्व नंबर 1 दीपिका कुमार निस्संदेह अब तक की सबसे सफल भारतीय तीरंदाज हैं. उन्होंने ढेरों ट्रॉफियां जीती हैं लेकिन जब ओलंपिक की बात आती है, तो 30 वर्षीय दीपिका अपने प्रदर्शन के साथ अपने कद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई हैं, टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में पहुंचना उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है. वर्तमान में 12वीं रैंकिंग पर काबिज दीपिका का इस सीजन में जीत प्रतिशत 75 है. इस साल बगदाद एशिया कप लेग 1 में स्वर्ण और तीरंदाजी विश्व कप स्टेज 1 में रजत ने उन्हें एक बार फिर मजबूत दावेदार बना दिया है, लेकिन उन्हें इस बार परिणाम बदलना होगा.
    Indian Archers
    तीरंदाजी (IANS PHOTOS)
  5. भजन कौर - 18 वर्षीय तीरंदाज दुनिया भर में 45वीं रैंकिंग की हैं और उनके पास अपने पहले ओलंपिक में इतिहास रचने का मौका होगा. उन्होंने इस साल पांच टूर्नामेंट खेले हैं और ओलंपिक क्वालीफायर में केवल स्वर्ण पदक ही उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. इस सीजन में उनका जीत प्रतिशत 64 है, लेकिन वैश्विक मंच पर प्रदर्शन की कमी ओलंपिक में उनकी प्रगति में बाधा बन सकती है.
  6. अंकिता भक्त - दुनिया की नंबर 10 तीरंदाज और 26 वर्षीय अंकिता का इस सीजन में जीत प्रतिशत 60 है और यह उनका पहला ओलंपिक होगा. इस साल पोडियम फिनिश नहीं होने से अंकिता तीरंदाज के पदक जीतने की संभावना काफी कम है.

तीरंदाजी के बेसिक नियम
रिकर्व तीरंदाजी में तीरंदाजों को खेलों में केवल रिकर्व धनुष का उपयोग करने की अनुमति है. प्रत्येक मुकाबले में एथलीट टेनिस की तरह बेस्ट-ऑफ-फाइव-एंड प्रारूप में एक-दूसरे से भिड़ते हैं. प्रत्येक छोर में तीन तीर होते हैं. टीम स्पर्धा में चार सेट खेले जाते हैं, जिनमें प्रत्येक सेट में छह तीर (प्रत्येक तीरंदाज के लिए दो) शामिल होते हैं. प्रत्येक टीम को अपने अनुमत तीरों की संख्या को शूट करने के लिए दो मिनट का कोटा आवंटित किया जाता है.

ओलंपिक में खेली जाने वाली तीरंदाजी की पांच स्पर्धाएं

  1. पुरुष व्यक्तिगत
  2. महिला व्यक्तिगत
  3. पुरुष टीम
  4. महिला टीम
  5. मिश्रित टीम स्पर्धा
ये खबर भी पढ़ें : ओलंपिक में कैसा रहा है भारतीय हॉकी का इतिहास, बेसिक नियमों और अहम खिलाड़ियों के साथ जानें पूरा शेड्यूल

नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक में अब सिर्फ 7 दिन का समय बचा है और भारत 117 खिलाड़ियों के दल के साथ खेलों में भाग लेने के लिए तैयार है. ओलंपिक में तीरंदाजी हमेशा से भारत के लिए उम्मीद की किरण रही है क्योंकि भारतीय तीरंदाज बड़े मंच पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं. इस बार भारत ने पेरिस ओलंपिक के लिए 6 तीरंदाजों के दल की घोषणा की है. देश को उम्मीद है कि भारतीय खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से एक या दो पदक जीतेंगे.

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तीरंदाजी (IANS PHOTOS)

तीरंदाजी खेल का ओलंपिक में इतिहास
तीरंदाजी को दो युगों में वर्गीकृत किया जा सकता है, पहला प्रारंभिक युग और दूसरा आधुनिक युग. यह खेल प्रारंभिक युग के दौरान 1900, 1904, 1908 और 1920 के संस्करणों में शामिल था, लेकिन प्रतियोगिता प्रारूप को और अधिक बेहतर बनाने की आवश्यकता थी. यह स्थानीय नियमों पर आधारित था और इसलिए खेल खेलों के इतिहास में छिटपुट रूप से दिखाई दिया. हालाँकि खेलों में फिर से शामिल होने के लिए 1931 में विश्व तीरंदाजी का गठन किया गया.

इस खेल ने 1972 के ओलंपिक खेलों में वापसी की और तब से हर संस्करण में शामिल रहा है. 1972 से 1984 तक व्यक्तिगत स्पर्धाएं खेली गईं लेकिन 1988 के संस्करण में टीम स्पर्धा को भी इसमें शामिल किया गया. 2020 के संस्करण में मिश्रित टीम स्पर्धा को भी शामिल किया गया लेकिन भारत ने अभी तक इस खेल में कोई पदक नहीं जीता है और वे आगामी संस्करण में मेडल जीत पोडियम पर जगह बनाने का लक्ष्य रखेंगे.

Indian Archers
तीरंदाजी (IANS PHOTOS)

तीरंदाजी में भारत का ओलंपिक इतिहास
भारतीय टीम ने पहली बार 1988 ओलंपिक में अपने तीरंदाजों को उतारा था लेकिन यह देश के लिए निराशाजनक प्रदर्शन था. देश ने तब लगातार तीरंदाजी टीम भेजी, लेकिन कोई भी तीरंदाज व्यक्तिगत स्पर्धा में शीर्ष-20 में जगह नहीं बना पाया और टीम स्पर्धा में भी वे अक्सर पिछड़ जाते थे. 2004 एथेंस में सत्यदेव प्रसाद पुरुषों की व्यक्तिगत स्पर्धा में 10वें स्थान पर रहे, जबकि रीना कुमारी 15वें स्थान पर रहीं. महिलाओं की टीम ने आठवें स्थान पर खेलों का समापन करके शानदार प्रदर्शन किया. हालांकि, भारतीय तीरंदाज अगले संस्करणों में अपने प्रदर्शन को बेहतर नहीं कर पाए और भारत अभी तक तीरंदाजी में पदक नहीं जीत पाया है.

Indian Archers
तीरंदाजी (IANS PHOTOS)

खेल के महान खिलाड़ी
बेल्जियम के ह्यूबर्ट वैन इनिस ने 1900 और 1920 के ओलंपिक में छह गोल्ड और तीन सिल्वर मेडल जीतकर शुरुआती दौर में अपना दबदबा बनाया था. कोरिया के किम सू-नयुंग आधुनिक युग के सबसे सफल तीरंदाज हैं, जिन्होंने 1988, 1992 और 2000 के ओलंपिक खेलों में चार गोल्ड मेडल, एक सिल्वर और एक बॉन्ज मेडल जीता था. यूएसए के डेरेल पेस मॉन्ट्रियल 1976 और लॉस एंजिल्स 1984 में गोल्ड मेडल जीतकर दो बार व्यक्तिगत स्पर्धा जीतने वाले एकमात्र तीरंदाज हैं. कोरिया इस खेल में सबसे सफल राष्ट्र रहा है, जिसने 23 गोल्ड सहित कुल 39 मेडल जीते हैं और वे इस बार भी प्रतिद्वंद्वी देशों के लिए एक कठिन चुनौती पेश करेंगे.

ओलंपिक के लिए भारतीय तीरंदाजी दल

  1. धीरज बोम्मादेवरा - विश्व में 12वें नंबर के खिलाड़ी धीरज ने 2019 से विश्व रैंकिंग में भारी उछाल देखा है. इस सीजन में उनका जीत प्रतिशत 81 है. 22 वर्षीय खिलाड़ी ने इस साल चार टूर्नामेंट खेले हैं और दो पोडियम फिनिश हासिल किए हैं. उन्होंने सबसे पहले बगदाद एशिया कप लेग 1 में स्वर्ण पदक जीता, लेकिन फिर शंघाई में तीरंदाजी विश्व कप स्टेज 1 और येचियोन में तीरंदाजी विश्व कप स्टेज 2 में नौवें और 17वें स्थान पर रहे. इसके बाद उन्होंने अंताल्या में खेले गए तीरंदाजी विश्व कप स्टेज 3 में स्वर्ण पदक जीता था. इस सीजन में उनके प्रदर्शन और पिछले कुछ वर्षों में उनकी प्रगति को देखते हुए धीरज पोडियम फिनिश हासिल कर सकते हैं, लेकिन चीनी और कोरियाई तीरंदाजों से कड़ी चुनौती के साथ उनके लिए रास्ता मुश्किल होगा.
  2. तरुणदीप राय - तीन बार ओलंपिक खेलने के बावजूद तरुणदीप राय प्रतियोगिता के दूसरे दौर से आगे नहीं बढ़ पाए हैं. 31 वर्षीय खिलाड़ी का इस सीजन में जीत प्रतिशत 64 है, जो बहुत अच्छी तस्वीर पेश नहीं करता है. उन्होंने इस साल चार प्रतियोगिताएं खेली हैं, लेकिन एशिया कप लेग 1 में केवल रजत पदक ही उनका अच्छा प्रदर्शन था. तीरंदाजी विश्व कप में उनका प्रदर्शन खराब रहा है, इसलिए इस अनुभवी तीरंदाज के पास ओलंपिक पदक जीतने का बहुत अच्छा मौका नहीं है.
  3. प्रवीण जाधव - दुनिया के 114वें स्थान पर मौजूद प्रवीण जाधव ने 2021 ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में देश का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन दूसरे दौर से ही बाहर हो गए. केवल 43 का जीत प्रतिशत तीरंदाज के लिए चिंता का विषय होगा, जब वह पेरिस में इस क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे. वह इस साल किसी भी टूर्नामेंट में पोडियम फिनिश हासिल नहीं कर पाए हैं और यह भारतीय दल के लिए चिंता का विषय होगा.
  4. दीपिका कुमारी - पूर्व विश्व नंबर 1 दीपिका कुमार निस्संदेह अब तक की सबसे सफल भारतीय तीरंदाज हैं. उन्होंने ढेरों ट्रॉफियां जीती हैं लेकिन जब ओलंपिक की बात आती है, तो 30 वर्षीय दीपिका अपने प्रदर्शन के साथ अपने कद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई हैं, टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में पहुंचना उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है. वर्तमान में 12वीं रैंकिंग पर काबिज दीपिका का इस सीजन में जीत प्रतिशत 75 है. इस साल बगदाद एशिया कप लेग 1 में स्वर्ण और तीरंदाजी विश्व कप स्टेज 1 में रजत ने उन्हें एक बार फिर मजबूत दावेदार बना दिया है, लेकिन उन्हें इस बार परिणाम बदलना होगा.
    Indian Archers
    तीरंदाजी (IANS PHOTOS)
  5. भजन कौर - 18 वर्षीय तीरंदाज दुनिया भर में 45वीं रैंकिंग की हैं और उनके पास अपने पहले ओलंपिक में इतिहास रचने का मौका होगा. उन्होंने इस साल पांच टूर्नामेंट खेले हैं और ओलंपिक क्वालीफायर में केवल स्वर्ण पदक ही उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. इस सीजन में उनका जीत प्रतिशत 64 है, लेकिन वैश्विक मंच पर प्रदर्शन की कमी ओलंपिक में उनकी प्रगति में बाधा बन सकती है.
  6. अंकिता भक्त - दुनिया की नंबर 10 तीरंदाज और 26 वर्षीय अंकिता का इस सीजन में जीत प्रतिशत 60 है और यह उनका पहला ओलंपिक होगा. इस साल पोडियम फिनिश नहीं होने से अंकिता तीरंदाज के पदक जीतने की संभावना काफी कम है.

तीरंदाजी के बेसिक नियम
रिकर्व तीरंदाजी में तीरंदाजों को खेलों में केवल रिकर्व धनुष का उपयोग करने की अनुमति है. प्रत्येक मुकाबले में एथलीट टेनिस की तरह बेस्ट-ऑफ-फाइव-एंड प्रारूप में एक-दूसरे से भिड़ते हैं. प्रत्येक छोर में तीन तीर होते हैं. टीम स्पर्धा में चार सेट खेले जाते हैं, जिनमें प्रत्येक सेट में छह तीर (प्रत्येक तीरंदाज के लिए दो) शामिल होते हैं. प्रत्येक टीम को अपने अनुमत तीरों की संख्या को शूट करने के लिए दो मिनट का कोटा आवंटित किया जाता है.

ओलंपिक में खेली जाने वाली तीरंदाजी की पांच स्पर्धाएं

  1. पुरुष व्यक्तिगत
  2. महिला व्यक्तिगत
  3. पुरुष टीम
  4. महिला टीम
  5. मिश्रित टीम स्पर्धा
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