हरिद्वार: वंदना कटारिया के बाद श्यामपुर की मनीषा चौहान ने भारतीय महिला हॉकी टीम में अपनी जगह बनाई है. टीम में घोषणा के बाद मनीषा चौहान के परिवार को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. मनीषा चौहान ने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन किया है. उनके प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह दी गई. जल्द ही मनीषा भारतीय महिला हॉकी टीम एफआईएचप्रो लीग खेलने बेल्जियम और इंग्लैंड जाएंगी.
मनीषा चौहान का जन्म साल 1999 में हरिद्वार के श्यामपुर में हुआ था. मनीषा के पिता ज्ञान सिंह बीएसएफ में सेवारत रहे हैं. वो हाल ही में सेवानिवृत होकर घर लौटे हैं. मनीषा चौहान ने श्रीराम विद्या मंदिर श्यामपुर मे शिक्षा के दौरान स्कूल की ओर से 2007 में हॉकी खेलना शुरू किया. सीबीएसई द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में उन्होंने काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया और बेस्ट ऑफ प्लेयर खिताब जीता.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में मनीषा चौहान के कोच रहे बलविंदर सिंह ने बताया कि साल 2016 में जूनियर वुमन नेशनल प्रतियोगिता में मनीषा उत्तराखंड टीम की कप्तान रहीं. 2018 में नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस दिल्ली के लिए चयनित हुईं. 2019 में केन्या और बांग्लादेश खेलने गईं. 2020 में ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी और फर्स्ट खेलो इंडिया में प्रतिभाग किया. 2021 में फर्स्ट हॉकी इंडिया सीनियर वूमन इंटर डिपार्टमेंट नेशनल चेम्पियनशिप में कप्तान और बेस्ट मिडफील्डर का अवॉर्ड जीता.
मनीषा चौहान ने हाल ही में पुणे में आयोजित 14वीं हॉकी इंडिया सीनियर वुमन नेशनल चैम्पियनशिप 2024 में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब जीता. इसी अच्छे प्रदर्शन के बूते मनीषा ने हॉकी इंडिया सीनियर वुमन नेशनल टीम में जगह बनाई. बलविंदर सिंह ने बताया मनीषा पहले मैदान में खड़े होकर सबको हॉकी खेलते हुए देखा करती थी. एक दिन अचानक वो उनके पास आई और उनसे हॉकी खेलने के लिए कहा. कोच बताते हैं कि हॉकी में मनीषा की दिलचस्पी ज्यादा थी. इसके लिए वो दिन रात मेहनत भी करती थी. जिसका नतीजा ये है कि वो आज इंडियन हॉकी टीम का हिस्सा बनी है.
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