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आज है बैसाखी और नए सौर वर्ष की शुरुआत, जानिए क्या है इस दिन का मां गंगा से संबंध - Baisakhi solar new year

Baisakhi solar new year : नई फसल के तैयार होने का प्रतीक व सिखों का त्यौहार बैसाखी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. आज मेष संक्रांति और नए सौर वर्ष की शुरुआत है. आज के दिन गंगा स्नान या गंगाजल से स्नान व अन्न दान का विशेष महत्व है. पढ़ें पूरी खबर... Baisakhi , solar new year , mesh shankranti .

Baisakhi solar new year religious belief significance
बैसाखी सौर वर्ष मेष संक्रांति
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 13, 2024, 9:33 AM IST

Updated : Apr 13, 2024, 9:47 AM IST

हैदराबाद : भारत में बैसाखी का पर्व बहुत ही श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. बैसाखी मुख्य रूप से सिखों का त्यौहार है. परंतु इसे हिंदू धर्म के अनुयायी भी बहुत ही श्रद्धा और भक्ति विश्वास के साथ मनाते हैं. बैसाखी का पर्व मुख्य रूप से नई फसल के तैयार होने का प्रतीक है. प्राचीन काल में कृषि ही जन सामान्य की आय का मुख्य स्रोत हुआ करती थी, जिस कारण से नई फसल उनके जीवन यापन का जरिया बनती थी इसलिए इस फसल उत्सव का विशेष महत्व होता था.

यदि बात करें धार्मिक मान्यताओं की तो इसी दिन खालसा पंथ की स्थापना की गई थी. सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने आज ही के दिन खालसा पंथ की स्थापना करते हुए समाज को एकता. समानता और भाईचारे का संदेश दिया था. बैसाखी त्यौहार की मनाने की शुरुआत सबसे पहले गुरुद्वारे से होती है. गुरुद्वारों को सजाया सजाया जाता है उसके बाद जुलूस निकालते हुए नगर कीर्तन किया जाता है जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ और भजन कीर्तन किया जाता है. नि:शुल्क भोजन के लिए लंगर की व्यवस्था की जाती है. कई लोग इस दिन सिख धर्म की दीक्षा भी लेते हैं.

Baisakhi solar new year religious belief significance
बैसाखी सौर वर्ष मेष संक्रांति

ऐसी मान्यता है कि धरती पर गंगा अवतरण के लिए तपस्या कर रहे महाराज भगीरथ की तपस्या इसी दिन पूरी हुई थी और मां गंगा ने धरती पर आने का वरदान दिया था. आज सोलर नव वर्ष है व मेष संक्रांति है. इस दिन से ही सूर्यदेव एक वर्ष बाद पुनः से पहली राशि मेष में प्रवेश करते हैं, इसके साथ ही नए सौर वर्ष की शुरुआत होती है. इस कारण से आज के दिन गंगा स्नान या गंगाजल से स्नान का व अन्न दान का विशेष महत्व है. इससे श्रद्धालुओं सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, मां गंगा मनोकामना पूरी करती हैं और मोक्ष प्रदान करती हैं.

Baisakhi solar new year religious belief significance
बैसाखी सौर वर्ष मेष संक्रांति
Baisakhi solar new year religious belief significance
बैसाखी सौर वर्ष मेष संक्रांति

तैयार फसलों का उत्सव बैसाखी, हिंदू कैलेंडर के अनुसार सूर्य के मेष राशि में प्रवेश या मेष संक्रांति के दिन मनाया जाता है. फसल उत्सव सिर्फ पंजाब ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारत में कई अलग-अलग नामों से मनाया जाता है जैसे बंगाल में बांग्ला नव वर्ष और पाहेला बेषाख, तमिलनाडु में पुत्थांडु, असम में बोहाग बिहू, केरल में विषु, ओडिशा में महाविषुव संक्रांति नाम से जाना जाता है. Baisakhi , solar new year , mesh shankranti , poila baisakh , pohela boishakh , bohag bihu , puthandu , goru bihu , rongali bihu.

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हैदराबाद : भारत में बैसाखी का पर्व बहुत ही श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. बैसाखी मुख्य रूप से सिखों का त्यौहार है. परंतु इसे हिंदू धर्म के अनुयायी भी बहुत ही श्रद्धा और भक्ति विश्वास के साथ मनाते हैं. बैसाखी का पर्व मुख्य रूप से नई फसल के तैयार होने का प्रतीक है. प्राचीन काल में कृषि ही जन सामान्य की आय का मुख्य स्रोत हुआ करती थी, जिस कारण से नई फसल उनके जीवन यापन का जरिया बनती थी इसलिए इस फसल उत्सव का विशेष महत्व होता था.

यदि बात करें धार्मिक मान्यताओं की तो इसी दिन खालसा पंथ की स्थापना की गई थी. सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने आज ही के दिन खालसा पंथ की स्थापना करते हुए समाज को एकता. समानता और भाईचारे का संदेश दिया था. बैसाखी त्यौहार की मनाने की शुरुआत सबसे पहले गुरुद्वारे से होती है. गुरुद्वारों को सजाया सजाया जाता है उसके बाद जुलूस निकालते हुए नगर कीर्तन किया जाता है जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ और भजन कीर्तन किया जाता है. नि:शुल्क भोजन के लिए लंगर की व्यवस्था की जाती है. कई लोग इस दिन सिख धर्म की दीक्षा भी लेते हैं.

Baisakhi solar new year religious belief significance
बैसाखी सौर वर्ष मेष संक्रांति

ऐसी मान्यता है कि धरती पर गंगा अवतरण के लिए तपस्या कर रहे महाराज भगीरथ की तपस्या इसी दिन पूरी हुई थी और मां गंगा ने धरती पर आने का वरदान दिया था. आज सोलर नव वर्ष है व मेष संक्रांति है. इस दिन से ही सूर्यदेव एक वर्ष बाद पुनः से पहली राशि मेष में प्रवेश करते हैं, इसके साथ ही नए सौर वर्ष की शुरुआत होती है. इस कारण से आज के दिन गंगा स्नान या गंगाजल से स्नान का व अन्न दान का विशेष महत्व है. इससे श्रद्धालुओं सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, मां गंगा मनोकामना पूरी करती हैं और मोक्ष प्रदान करती हैं.

Baisakhi solar new year religious belief significance
बैसाखी सौर वर्ष मेष संक्रांति
Baisakhi solar new year religious belief significance
बैसाखी सौर वर्ष मेष संक्रांति

तैयार फसलों का उत्सव बैसाखी, हिंदू कैलेंडर के अनुसार सूर्य के मेष राशि में प्रवेश या मेष संक्रांति के दिन मनाया जाता है. फसल उत्सव सिर्फ पंजाब ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारत में कई अलग-अलग नामों से मनाया जाता है जैसे बंगाल में बांग्ला नव वर्ष और पाहेला बेषाख, तमिलनाडु में पुत्थांडु, असम में बोहाग बिहू, केरल में विषु, ओडिशा में महाविषुव संक्रांति नाम से जाना जाता है. Baisakhi , solar new year , mesh shankranti , poila baisakh , pohela boishakh , bohag bihu , puthandu , goru bihu , rongali bihu.

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Last Updated : Apr 13, 2024, 9:47 AM IST
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