चकवाल: पाकिस्तान में चकवाल जिला प्रशासन ने अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय के तीन प्रमुख सदस्यों को ईद-उल-अजहा के अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान करने से रोकने के लिए एक महीने की हिरासत में रखा है. यह जानकारी पाकिस्तानी मीडिया डॉन की एक रिपोर्ट से सामने आई है.
चकवाल के डिप्टी कमिश्नर कुरातुल ऐन मलिक ने 10 जून को तीनों लोगों की हिरासत के लिए तीन अलग-अलग आदेश जारी किए, जिसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया और झेलम जेल भेज दिया. तीनों लोग दुलमियल गांव के मूल निवासी हैं, जहां दिसंबर 2016 में अहमदिया समुदाय की मस्जिद पर भीड़ ने हमला किया था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 19वीं सदी के मध्य में बनी ऐतिहासिक मस्जिद को हमले के बाद स्थानीय प्रशासन ने सील कर दिया था और इसका भविष्य अभी भी अधर में लटका हुआ है. उल्लेखनीय है कि अहमदिया समुदाय पाकिस्तान में अल्पसंख्यक है. समुदाय के लोगों को धार्मिक उत्पीड़न और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है.
डीसी मलिक ने अपने आदेशों में कहा कि उन्हें जिला पुलिस अधिकारी से एक रिपोर्ट मिली है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि तीनों लोग 'क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति को खराब कर सकते हैं' और उन्होंने सार्वजनिक व्यवस्था रखरखाव 1960 की धारा 3 के तहत उन्हें हिरासत में लेने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया.
इस मामले पर 10 जून को जिला खुफिया समिति में चर्चा की गई, जिसमें सर्वसम्मति से सिफारिश की गई कि 'सांप्रदायिक संघर्ष को रोकने' के साथ-साथ कानून और व्यवस्था की स्थिति के लिए, इन सभी 'तीनों व्यक्तियों को हिरासत में लिया जाना चाहिए.' जमात-ए-अहमदया के एक प्रवक्ता ने कहा कि तीनों व्यक्तियों को सोमवार को आगामी ईदुल अज़ाह के संबंध में पुलिस अधिकारियों और सहायक आयुक्त चोआ सैदान शाह के साथ बैठक के लिए बुलाया गया था.