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आतंकवाद के भयानक खतरे का सामना कर रहा पाक: अमेरिका - Pakistan Terrorism

US official Donald Lu raise concern over terrorism in Pakistan: दक्षिण और मध्य एशिया के सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने पाकिस्तान आतंकवाद के इस भयानक खतरे का सामना कर रहे हैं. कहा चुनाव के दौरान भी काफी नुकसान पहुंचाया.

Terrorism in Pakistan
पाकिस्तान आतंकवाद
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By PTI

Published : Mar 21, 2024, 10:49 AM IST

वाशिंगटन : बाइडन प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद के भयानक खतरे का सामना कर रहा है क्योंकि अफगानिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों में कई गुना वृद्धि देखी गई है. बुधवार को पाकिस्तानी चुनावों पर कांग्रेस की सुनवाई के दौरान दक्षिण और मध्य एशिया के सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के सदस्यों से कहा कि अफगानिस्तान ने 40 वर्षों से संघर्ष देखा है और पाकिस्तान इसमें फंस गया है. लू ने कहा अफगानिस्तान में युद्ध की समाप्ति हम सभी को पाकिस्तान के साथ अपनी शर्तों पर संबंध बनाने का अवसर प्रदान करती है और हम ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

उन्होंने आगे कहा कि अब पाकिस्तान के साथ हमारा एक प्रमुख लक्ष्य पाकिस्तानी लोगों का समर्थन करना है क्योंकि वे आतंकवाद के इस भयानक खतरे का सामना कर रहे हैं. कई सदस्यों ने इस पर चर्चा की है, लेकिन यह एक ऐसा देश है जहां लोगों को आतंकवाद के खतरे का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा पाकिस्तान आतंकवाद के खतरे के तहत इस तरह से पीड़ित होना पड़ा है कि मुझे लगता है कि ग्रह पर किसी को भी पीड़ित नहीं होना पड़ा है.

लू ने बताया की अफगान क्षेत्र से हमले जारी हैं. पिछले तीन वर्षों में विशेषकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में हमले तेजी से बढ़े हैं. उन्होंने कहा, जैसा कि आपने शनिवार को एक बड़ा हमला देखा जिसमें टीटीपी पाकिस्तानी तालिबान द्वारा सात पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई. हम अफगान तालिबान से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि उनके क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी समूहों के लिए लॉन्चिंग पैड के रूप में न किया जाए.

बता दें शनिवार को अफगानिस्तान की सीमा से लगे उत्तरी वजीरिस्तान के अशांत आदिवासी जिले में एक सुरक्षा जांच चौकी पर छह आतंकवादियों द्वारा किए गए कई आत्मघाती हमलों में पांच सैनिकों के साथ एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक कैप्टन की मौत हो गई थी. पाकिस्तानी सेना ने कहा था कि मीर अली इलाके में चेक पोस्ट पर हमला करने वाले सभी छह आतंकवादियों को मार गिराया गया था. हमले के जवाब में पाकिस्तान ने सोमवार को तालिबान शासित अफगानिस्तान में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े आतंकवादियों पर हवाई हमले किए थे.

अफगान तालिबान ने कहा कि हवाई हमले में तीन बच्चों सहित कम से कम आठ नागरिक मारे गए और कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए काबुल में पाकिस्तान के दूतावास के प्रभारी को बुलाया गया. लू ने आगे कहा कि पाकिस्तान के लिए आर्थिक स्थिरता फोकस का एक अन्य क्षेत्र है.

उन्होंने कहा, पाकिस्तान को अपने सामाजिक आतंकवाद और राजनीतिक मुद्दों से निपटने के लिए, उसे एक कार्यशील अर्थव्यवस्था की आवश्यकता है और हम निजी क्षेत्र के नेतृत्व वाली वृद्धि चाहते हैं, जो पाकिस्तानी लोगों को लाभ पहुंचाती है, न कि विकास जो पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) जैसे ऋणदाता देशों को लाभ पहुंचाती है.

एक सवाल के जवाब में लू ने उन आरोपों का खंडन किया कि अमेरिकी सरकार ने इमरान खान सरकार को हटाने की साजिश रची थी. उन्होंने उस झूठ का खडंन करते हुए कहा कि मैं इस बिंदु पर बहुत स्पष्ट होना चाहता हूं. ये आरोप यह सिद्धांत झूठ है. यह पूरी तरह से साजिश है. मैंने इससे संबंधित प्रेस रिपोर्टिंग की समीक्षा की है, जिसे पाकिस्तान में सिफर कहा जाता है. यहां दूतावास से कथित तौर पर लीक हुई राजनयिक केबल हैं. यह सटीक नहीं है. उन्होंने कहा, यह किसी भी बिंदु पर संयुक्त राज्य सरकार या मुझ पर व्यक्तिगत रूप से इमरान खान के खिलाफ कदम उठाने का आरोप नहीं लगाता है.

लू ने आगे कहा की हम पाकिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करते हैं. हम इस सिद्धांत का सम्मान करते हैं कि पाकिस्तानी लोगों को ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से अपने नेता चुनने चाहिए. लू ने हाल ही में हुए चुनावों के कुछ पहलुओं पर चिंता जताई. उन्होंने आगे कहा कि सबसे पहले आतंकवादी समूहों द्वारा पुलिस, राजनेताओं और राजनीतिक समारोहों पर हमले किए गए. दूसरे कई पत्रकारों, विशेष रूप से महिला पत्रकारों को पार्टी समर्थकों द्वारा परेशान किया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और तीसरा विशिष्ट उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को पंजीकृत करने में असमर्थता से कई राजनीतिक नेताओं को नुकसान हुआ.

इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि चुनाव के दिन एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित स्थानीय चुनाव निगरानी संगठन ने कहा कि उन्हें देश भर के आधे से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में वोट सारणी देखने से रोक दिया गया था और चुनाव के दिन हाई कोर्ट के इंटरनेट सेवा बाधित न करने के आदेश के बावजूद अधिकारियों ने मोबाइल डेटा सेवाओं को बंद कर दिया था. उन्होंने कहा, मोबाइल डेटा सेवा ही यहां प्रमुख माध्यम है जिसके द्वारा पाकिस्तानी सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स तक पहुँचते हैं.

लू ने कहा, इस चुनाव में सकारात्मक तत्व भी थे और हिंसा के खतरे के बावजूद, 21 मिलियन से अधिक महिलाओं सहित 60 मिलियन से अधिक पाकिस्तानियों ने मतदान किया. उन्होंने कहा पाकिस्तानी मतदाताओं के पास एक विकल्प था. कई राजनीतिक दलों ने राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभाओं में सीटें जीतीं. तीन अलग-अलग राजनीतिक दल अब पाकिस्तान के चार प्रांतों का नेतृत्व करते हैं. उन्होंने कहा, 5,000 से अधिक स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षक मैदान में थे. उनके संगठन का निष्कर्ष यह था कि चुनाव का संचालन काफी हद तक प्रतिस्पर्धी और व्यवस्थित था, जबकि परिणामों के संकलन में कुछ अनियमितताएं देखी गईं थी.

यह भी पढे़ - बलूच आतंकियों ने पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह परिसर पर किया हमला, कार्रवाई में 8 आतंकी ढेर

वाशिंगटन : बाइडन प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद के भयानक खतरे का सामना कर रहा है क्योंकि अफगानिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों में कई गुना वृद्धि देखी गई है. बुधवार को पाकिस्तानी चुनावों पर कांग्रेस की सुनवाई के दौरान दक्षिण और मध्य एशिया के सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के सदस्यों से कहा कि अफगानिस्तान ने 40 वर्षों से संघर्ष देखा है और पाकिस्तान इसमें फंस गया है. लू ने कहा अफगानिस्तान में युद्ध की समाप्ति हम सभी को पाकिस्तान के साथ अपनी शर्तों पर संबंध बनाने का अवसर प्रदान करती है और हम ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

उन्होंने आगे कहा कि अब पाकिस्तान के साथ हमारा एक प्रमुख लक्ष्य पाकिस्तानी लोगों का समर्थन करना है क्योंकि वे आतंकवाद के इस भयानक खतरे का सामना कर रहे हैं. कई सदस्यों ने इस पर चर्चा की है, लेकिन यह एक ऐसा देश है जहां लोगों को आतंकवाद के खतरे का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा पाकिस्तान आतंकवाद के खतरे के तहत इस तरह से पीड़ित होना पड़ा है कि मुझे लगता है कि ग्रह पर किसी को भी पीड़ित नहीं होना पड़ा है.

लू ने बताया की अफगान क्षेत्र से हमले जारी हैं. पिछले तीन वर्षों में विशेषकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में हमले तेजी से बढ़े हैं. उन्होंने कहा, जैसा कि आपने शनिवार को एक बड़ा हमला देखा जिसमें टीटीपी पाकिस्तानी तालिबान द्वारा सात पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई. हम अफगान तालिबान से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि उनके क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी समूहों के लिए लॉन्चिंग पैड के रूप में न किया जाए.

बता दें शनिवार को अफगानिस्तान की सीमा से लगे उत्तरी वजीरिस्तान के अशांत आदिवासी जिले में एक सुरक्षा जांच चौकी पर छह आतंकवादियों द्वारा किए गए कई आत्मघाती हमलों में पांच सैनिकों के साथ एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक कैप्टन की मौत हो गई थी. पाकिस्तानी सेना ने कहा था कि मीर अली इलाके में चेक पोस्ट पर हमला करने वाले सभी छह आतंकवादियों को मार गिराया गया था. हमले के जवाब में पाकिस्तान ने सोमवार को तालिबान शासित अफगानिस्तान में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े आतंकवादियों पर हवाई हमले किए थे.

अफगान तालिबान ने कहा कि हवाई हमले में तीन बच्चों सहित कम से कम आठ नागरिक मारे गए और कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए काबुल में पाकिस्तान के दूतावास के प्रभारी को बुलाया गया. लू ने आगे कहा कि पाकिस्तान के लिए आर्थिक स्थिरता फोकस का एक अन्य क्षेत्र है.

उन्होंने कहा, पाकिस्तान को अपने सामाजिक आतंकवाद और राजनीतिक मुद्दों से निपटने के लिए, उसे एक कार्यशील अर्थव्यवस्था की आवश्यकता है और हम निजी क्षेत्र के नेतृत्व वाली वृद्धि चाहते हैं, जो पाकिस्तानी लोगों को लाभ पहुंचाती है, न कि विकास जो पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) जैसे ऋणदाता देशों को लाभ पहुंचाती है.

एक सवाल के जवाब में लू ने उन आरोपों का खंडन किया कि अमेरिकी सरकार ने इमरान खान सरकार को हटाने की साजिश रची थी. उन्होंने उस झूठ का खडंन करते हुए कहा कि मैं इस बिंदु पर बहुत स्पष्ट होना चाहता हूं. ये आरोप यह सिद्धांत झूठ है. यह पूरी तरह से साजिश है. मैंने इससे संबंधित प्रेस रिपोर्टिंग की समीक्षा की है, जिसे पाकिस्तान में सिफर कहा जाता है. यहां दूतावास से कथित तौर पर लीक हुई राजनयिक केबल हैं. यह सटीक नहीं है. उन्होंने कहा, यह किसी भी बिंदु पर संयुक्त राज्य सरकार या मुझ पर व्यक्तिगत रूप से इमरान खान के खिलाफ कदम उठाने का आरोप नहीं लगाता है.

लू ने आगे कहा की हम पाकिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करते हैं. हम इस सिद्धांत का सम्मान करते हैं कि पाकिस्तानी लोगों को ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से अपने नेता चुनने चाहिए. लू ने हाल ही में हुए चुनावों के कुछ पहलुओं पर चिंता जताई. उन्होंने आगे कहा कि सबसे पहले आतंकवादी समूहों द्वारा पुलिस, राजनेताओं और राजनीतिक समारोहों पर हमले किए गए. दूसरे कई पत्रकारों, विशेष रूप से महिला पत्रकारों को पार्टी समर्थकों द्वारा परेशान किया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और तीसरा विशिष्ट उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को पंजीकृत करने में असमर्थता से कई राजनीतिक नेताओं को नुकसान हुआ.

इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि चुनाव के दिन एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित स्थानीय चुनाव निगरानी संगठन ने कहा कि उन्हें देश भर के आधे से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में वोट सारणी देखने से रोक दिया गया था और चुनाव के दिन हाई कोर्ट के इंटरनेट सेवा बाधित न करने के आदेश के बावजूद अधिकारियों ने मोबाइल डेटा सेवाओं को बंद कर दिया था. उन्होंने कहा, मोबाइल डेटा सेवा ही यहां प्रमुख माध्यम है जिसके द्वारा पाकिस्तानी सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स तक पहुँचते हैं.

लू ने कहा, इस चुनाव में सकारात्मक तत्व भी थे और हिंसा के खतरे के बावजूद, 21 मिलियन से अधिक महिलाओं सहित 60 मिलियन से अधिक पाकिस्तानियों ने मतदान किया. उन्होंने कहा पाकिस्तानी मतदाताओं के पास एक विकल्प था. कई राजनीतिक दलों ने राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभाओं में सीटें जीतीं. तीन अलग-अलग राजनीतिक दल अब पाकिस्तान के चार प्रांतों का नेतृत्व करते हैं. उन्होंने कहा, 5,000 से अधिक स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षक मैदान में थे. उनके संगठन का निष्कर्ष यह था कि चुनाव का संचालन काफी हद तक प्रतिस्पर्धी और व्यवस्थित था, जबकि परिणामों के संकलन में कुछ अनियमितताएं देखी गईं थी.

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